'लैंडलॉक स्टेट' यूपी के लिए वरदान बनेगा यह हवाईअड्डा

Jewar Airport पर सुरेश प्रभु से खास बातचीत : 'लैंडलॉक स्टेट' यूपी के लिए वरदान बनेगा यह हवाईअड्डा

'लैंडलॉक स्टेट' यूपी के लिए वरदान बनेगा यह हवाईअड्डा

Tricity Today | Jewar Airport पर सुरेश प्रभु से खास बातचीत

Jewar Airport News : जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा इस वक्त दुनिया की सबसे बड़ी आधारभूत अवसंरचना वाली परियोजनाओं में एक है। आने वाले वक्त में इसका उत्तर प्रदेश, दिल्ली-एनसीआर और देश के बाकी हिस्सों को कितना लाभ मिलेगा? इस मुद्दे पर पंकज पाराशर ने सुरेश प्रभु से विशेष बातचीत की है। सुरेश प्रभु को नियोजित विकास का विशेषज्ञ माना जाता है। वह पहले अटल बिहारी वाजपेई और फिर नरेंद्र मोदी वन सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर रहे। कुछ दिनों तक नागरिक उड्डयन विभाग उनके पास रहा। यह वह वक्त था, जब उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने फाइलों में पड़े इस प्रोजेक्ट को नए सिरे से परवान चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की थी। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश।

- जेवर हवाईअड्डा उत्तर प्रदेश, दिल्ली-एनसीआर और देश के बाकी हिस्सों के लिए कितना उपयोगी साबित होगा?
जेवर एयरपोर्ट बनाने के पीछे एक बड़ी स्ट्रैटेजी है। देश का विकास होना है तो उसके लिए सबसे पहले देश के हार्टलैंड का विकास होना चाहिए। इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने की जरूरत है। हमने पूरे विश्व में देखा है, जहां-जहां कनेक्टिविटी बढ़ती है, वहां-वहां स्वाभाविक रूप से विकास की गंगा बहनी शुरू हो जाती है। मैं जब रेल मंत्री था तो कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए बहुत ध्यान दिया था। खासतौर से उत्तर प्रदेश को योजनाओं के केंद्र में रखा था। इसके लिए मेरी आलोचना भी होती थी। लोग कहते थे कि आप खाली यूपी-यूपी करते रहते हो। मैं कहता था, ऐसा इसलिए कर रहा हूं क्योंकि सबसे ज्यादा आबादी वहीं है। यूपी और बिहार को विकास योजनाओं के केंद्र में होना ही चाहिए।

- यह परियोजना राजनीतिक गतिरोध के चलते फंस गई थी। इसे आप लोग कैसे दोबारा पटल पर लाए?
मैं जब सिविल एविएशन मिनिस्टर बना तो जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर काम शुरू हो चुका था। यहां केवल हवाईअड्डा बनाने जैसा सीमित विचार नहीं है। जेवर के विधायक धीरेन्द्र सिंह उस वक्त मुझसे आकर मिले थे और उन्होंने बताया कि वह कैसे इसे अगले 100 वर्षों की परियोजना बनाना चाहते हैं। यह एक स्ट्रैटेजिक प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट को समग्र विकास के दृष्टिकोण से व्यापक रूप दिया गया। इसके बाद मैंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की। मैंने और मुख्यमंत्री ने परियोजना पर जोर देकर काम आगे बढ़ाया। उत्तर प्रदेश के लैंडलॉक राज्य है। चारों ओर से दूसरे राज्यों से घिरा है। ऐसे और कई दूसरे राज्य हैं। वहां नदी तो बहती हैं लेकिन समुद्र नहीं हैं। समुद्र होता है तो ट्रांसपोर्टेशन के लिए एक बड़ा साधन बन जाता है। लैंडलॉक राज्यों के लिए यही सोचा गया कि इन्हें अच्छी एयपोर्ट और रेल कनेक्टिविटी दी जाए। जेवर एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश की लैंडलॉक पोजीशन को तोड़ देगा। ख्वाहिश इंटरनेशल एयरपोर्ट बनाने की थी। जिससे विदेश से सीधे यहां आवागमन हो सकेगा। मैं कॉमर्स एन्ड इंडस्ट्रीज मिनिस्टर था तो एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट पॉलिसी बनाई थी। एविएशन मिनिस्टर रहते हुए देश की पहली एयर कार्गो एक्सपोर्ट पॉलिसी बनाई। ये दोनों पॉलिसी एकसाथ बनाई थीं।

- यह एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश को महाराष्ट्र जैसे राज्य से प्रतिस्पर्धा में आगे लेकर जाएगा?
योगी जी ने उत्तर प्रदेश में इन्वेस्टमेंट समिट की थी। मैंने देखा कि देश के सबसे ज्यादा आम उत्तर प्रदेश में पैदा होते हैं। यूपी में सबकुछ बनता और पैदा होता है लेकिन जब तक उसे मार्केट नहीं मिलेगा और विदेश तक उत्पाद नहीं पहुंचाए जाएंगे, तब तक यहां के किसानों को कोई लाभ नहीं मिलेगा। उत्तर प्रदेश आज महाराष्ट्र और दूसरे राज्यों से आगे निकलने की कोशिश कर रहा है। दूसरे राज्य क्यों विकसित हुए? क्योंकि, वहां इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित हुआ। मुंबई, चेन्नई और कलकत्ता उन राज्यों के पोर्ट हैं। इन बंदरगाहों का उनके राज्यों को बड़ा लाभ मिला। उत्तर प्रदेश में समुद्री बंदरगाह नहीं हो सकता है। एयरपोर्ट बनाकर इस कमी को दूर किया जा रहा है। मैं योगी आदित्यनाथ को काफी समय से जनता हूं। मुझे पार्लियामेंट में आते हुए 25 वर्ष हो चुके हैं। वह बेहद संवेदनशील और साफ-सुथरी छवि वाले हैं। उन्हें देश की चिंता, प्रदेश की चिंता और अपने लोगों की चिंता हमेशा लगी रहती है। यह हर वक्त काम करने वाला एक अलौकिक नेता है। विकास उनका प्राइमरी एजेंडा है। बतौर रेल मंत्री गोरखपुर गया तो उनसे लम्बी चर्चा हुई थी। इंडस्ट्री एन्ड कॉमर्स मिनिस्टर के रूप में उनसे मुलाकात हुई तो उनका इकोनॉमिक डेवेलपमेंट का आइडिया बहुत अच्छा था। हमने वाराणसी समेत देश के छह जिले चुने। जिनकी विकास दर देश की मौजूदा विकास दर से 3% ज्यादा करनी है। स्वाभाविक है कि जब जिले 3% ज्यादा तरक्की करेंगे तो देश का विकास भी बढ़ेगा। हमने यह शुरुआत वाराणसी में की थी। इसके बाद बिहार का मुजफ्फरपुर, दक्षिण में विशाखापत्तनम, पश्चिम में रत्नागिरी और हिमाचल प्रदेश का सोलन जिला लिया था।

- इसे आप राज्य और केंद्र सरकार कि कितनी बड़ी उपलब्धि आंकते हैं?
मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 5 वर्ष बतौर कैबिनेट मिनिस्टर काम किया है। उनका विजन बहुत बड़ा है। वह दूरदर्शी सोच के साथ बेहद परिश्रम से काम करने वाले व्यक्तित्व हैं। हमारी पहली सरकार ने सिविल एवियशन पॉलिसी में आमूलचूल परिवर्तन किया था। जिसका उत्तर प्रदेश को भरपूर लाभ मिल रहा है। वहीं मैंने योगी आदित्यनाथ का काम करने का तरीका बहुत करीब से देखा है। उनकी इकोनॉमिक पॉलिसी यही है कि रोजगार बढ़ें, यातायात के साधन बढ़ें, शिक्षा और स्वास्थ्य के अच्छे साधन लोगों को उपलब्ध हों। मुझे लगता है कि आने वाले वक्त में उत्तर प्रदेश उनके नेतृत्व में और तेजी से तरक्की करेगा।

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