बुद्धा इंटरनेशनल सर्किट पर फिर होगी फॉर्मूला वन रेस, बस 1,000 करोड़ रुपए की दरकार

सबसे बड़ी खबर : बुद्धा इंटरनेशनल सर्किट पर फिर होगी फॉर्मूला वन रेस, बस 1,000 करोड़ रुपए की दरकार

बुद्धा इंटरनेशनल सर्किट पर फिर होगी फॉर्मूला वन रेस, बस 1,000 करोड़ रुपए की दरकार

Google Image | बुद्धा इंटरनेशनल सर्किट पर फिर होगी फॉर्मूला वन रेस

Yamuna Authority Board Meeting : ग्रेटर नोएडा में देश के पहले फार्मूला वन रेसिंग ट्रैक बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट (Buddh International Circuit) पर जल्दी ही फिर से रफ्तार और फर्राटा भरने वाली कारें दिखाई देंगी। यमुना अथॉरिटी (Yamuna Authority) ने पैसा नहीं मिलने के कारण बीआईसी की जमीन का आवंटन रद्द कर दिया था। कंपनी ने प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश सरकार को पुनर्विचार करने के लिए आवेदन दिया। इस पर सोमवार को यमुना इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) के बोर्ड ने विचार किया और शर्तों के साथ आवंटन बहाली का मौका जेपी समूह को मिल गया है। इससे रफ्तार के दीवानों की इच्छा एक बार फिर पूरी हो सकती हैं।

यमुना प्राधिकरण के बोर्ड ने शर्तों के साथ जेपी समूह की स्पोर्ट्स सिटी परियोजना का आवंटन बहाल कर दिया है। बोर्ड ने कहा है कि कंपनी को 2023 तक पूरा बकाया जमा करना होगा। साथ ही रि-शेड्यूलमेंट कराने के लिए 10 प्रतिशत पैसा जमा करना होगा। आवंटन बहाल करने के लिए कंपनी ने आवेदन करके वर्ष 2030 तक पैसा जमा करने की अनुमति मांगी थी। बोर्ड ने कंपनी को केवल 2 वर्ष का समय दिया है। अगर कंपनी शर्तों को मान लेती है तो फॉर्मूला वन रेसिंग ट्रैक, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, 10 हाउसिंग प्रोजेक्ट समेत कई और परियोजनाओं से संकट के बादल छंट जाएंगे।
12 साल पहले जेपी ग्रुप को दी गई थी जमीन
यमुना प्राधिकरण ने वर्ष 2009 में जेपी समूह की कंपनी जेपी स्पोर्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड को 1,000 हेक्टेयर जमीन का आवंटन किया था। मायावती के शासनकाल में यमुना अथॉरिटी स्पेशल डेवलपमेंट जोन के नाम एक स्कीम लेकर आई थी। इस परियोजना में देश का पहला फॉर्मूला वन रेसिंग ट्रैक बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट बनाया गया। यहां पर वर्ष 2011, 2012 और 2013 में तीन फॉर्मूला वन रेस और कई दूसरी अंतरराष्ट्रीय रेस हो चुकी हैं। यहां पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम है। यह एक लाख दर्शक क्षमता का क्रिकेट स्टेडियम बनाया जा रहा था। जिसे ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न क्रिकेट स्टेडियम से भी बेहतरीन बनाया जाना था। इसी परियोजना में काउंटी होम वन, टू, क्रोम, ग्रीन क्रेस्ट होम, स्पोर्ट्स विला, कासिया, बुद्धा सर्किट स्टूडियो आदि हाउसिंग प्रोजेक्ट हैं। अभी ये परियोजनाएं पूरी नहीं हुई हैं। 

कंपनी ने यमुना अथॉरिटी को बकाया पैसा नहीं दिया
जेपी स्पोर्ट्स कंपनी प्राधिकरण का बकाया चुका नहीं पा रही थी। करीब 950 करोड़ रुपये बकाया होने पर प्राधिकरण ने 12 फरवरी 2020 को इसका आवंटन रद्द कर दिया। इस फैसले के खिलाफ जेपी समूह हाईकोर्ट पहुंच गया। अदालत के आदेश के बाद कंपनी ने प्राधिकरण में 100 करोड़ रुपए जमा कराए और फिर इस मामले को सुनने के लिए प्राधिकरण तैयार हुआ। करीब 12 वर्ष बीतने के बावजूद जेपी समूह अब तक प्राधिकरण का बकाया नहीं चुका पाया है। बड़ी बात यह है कि वर्ष 2019 तक इस जमीन का पूरा पैसा कंपनी को चुकाना था।

जेपी स्पोर्ट्स इंटरनेशनल को यह शर्तें माननी होंगी - 
  1. जेपी समूह ने आवंटन को बहाल करने के लिए यमुना प्राधिकरण में आवेदन किया। आवेदन में बकाया 2030 तक जमा करने की मांग की गई। प्राधिकरण ने इस प्रस्ताव को सोमवार को बोर्ड बैठक में रखा। बोर्ड ने कहा कि जेपी समूह को बकाया 2023 तक जमा करना होगा।
  2. जेपी समूह ने बकाया उस पर लग रहे ब्याज और पेनल्टी में रियायत देने की मांग की। यमुना प्राधिकरण की री-शेड्यूलमेंट पॉलिसी का लाभ देने की मांग की। अब बोर्ड ने शर्त रखी है कि री-शेड्यूलमेंट पॉलिसी का लाभ लेने के लिए बकाया का 10 प्रतिशत जमा करना होगा। इन शर्तों के साथ बोर्ड ने यह प्रस्ताव पास कर दिया। अब जेपी समूह इन शर्तों को मानता है तो यह आवंटन बहाल हो जाएगा।
कंपनी को 100 करोड़ रुपये जमा करने पड़ेंगे
प्राधिकरण का करीब 1,000 करोड़ रुपये का बकाया जेपी समूह की इस कंपनी पर है। बोर्ड के फैसले के मुताबिक, जेपी स्पोर्ट्स इंटरनेशनल को 100 करोड़ रुपये जमा करने पड़ेंगे। इसके बाद अथॉरिटी री-शेड्यूलमेंट पॉलिसी का लाभ देगी। इसके बाद कंपनी को अगले 2 वर्षों में बाकी 900 करोड रुपए बराबर किस्तों में जमा करने होंगे। यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ.अरुणवीर सिंह का कहना है कि अगर कंपनी इन दोनों शर्तों को मानती है तो आवंटन बहाल कर दिया जाएगा। अब कंपनी की ओर से जवाब का इंतजार रहेगा।

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