जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से ग्रेटर नोएडा के बीच चलेगी ‘ड्राइवरलेस पॉड टैक्सी’, दो महीने में हो जाएगी तैयार, जानें क्या सुविधाएं मिलेंगी

BIG BREAKING: जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से ग्रेटर नोएडा के बीच चलेगी ‘ड्राइवरलेस पॉड टैक्सी’, दो महीने में हो जाएगी तैयार, जानें क्या सुविधाएं मिलेंगी

जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से ग्रेटर नोएडा के बीच चलेगी ‘ड्राइवरलेस पॉड टैक्सी’, दो महीने में हो जाएगी तैयार, जानें क्या सुविधाएं मिलेंगी

Google Image | जेवर एयरपोर्ट-ग्रेटर नोएडा के बीच चलेगी चालकरहित पॉड टैक्सी

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और ग्रेटर नोएडा के बीच चलने वाली ‘पॉड टैक्सी’ (पीआरटी) चालकरहित रहेगी। इस महत्वपूर्ण रूट पर पहले ही ‘पॉड टैक्सी’ चलाने की घोषणा की गई थी। ताकि जेवर एयरपोर्ट आवागमन करने वाले यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें। मगर अब ‘पॉड टैक्सी’ चलाने वाली कंपनी ने सरकार को ड्राइवरलेस का विकल्प दिया है। इस पर राज्य सरकार ने भी शुरुआती रजामंदी दे दी है। भारतीय जनता पार्टी के नेता और जेवर से विधायक धीरेन्द्र सिंह ने शनिवार को इस बारे में ट्राइसिटी से खास बातचीत की। 

विधायक ने कहा कि अत्याधुनिक तकनीक वाली पॉड टैक्सी का कई पश्चिमी देशों में इस्तेमाल किया जाता है। यातायात का यह माध्यम बेहद किफायती, पर्यावरण के अनुकूल तथा सुविधाजनक होता है। शनिवार को ही पॉड टैक्सी चलाने वाली कंपनी अल्ट्रा पीआरटी के प्रतिनिधियों से विधायक धीरेंद्र सिंह से मुलाकात कर उन्हें ड्राइवरलेस ‘पॉड टैक्सी’ की खूबियां गिनाई थी। 

मुख्यमंत्री ने दी मंजूरी     
भाजपा नेता ने बताया कि जेवर से ग्रेटर नोएडा के बीच टैक्सी पॉड चलाने की योजना को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सहमति दे दी है। ट्राइसिटी से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री भविष्य को ध्यान में रखते हुए परिवहन माध्यमों के इस्तेमाल पर जोर दे रहे हैं। इस मार्ग पर ‘पॉड टैक्सी’ चलाना मेट्रो के मुकाबले ज्यादा व्यावहारिक है। यह माध्यम पर्यावरण के अनुकूल है, सस्ता है और दूर तक जाने में सक्षम है।”

हर लिहाज से खास है पॉड टैक्सी
जेवर विधायक ने आगे बताया, “पॉड टैक्सियों में दुर्घटना की संभावना न के बराबर है। ये बैटरी से चलती हैं, इसलिए इनमें कार्बन उत्सर्जन नहीं होता। इसके निर्माण और संचालन में भी कम वक्त लगता है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से ग्रेटर नोएडा के बीच सिर्फ दो महीने में इस सेवा को शुरू किया जा सकता है। एक टैक्सी में पांच से छह यात्री बैठ सकते हैं। इस लिहाज से यह बसों से भी ज्यादा व्यावहारिक है। क्योंकि बसों में भी सीटें खाली रह जाती हैं। अल्ट्रा पीआरटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (India and Western Asia) नितिन कुमार ने कहा कि पॉड टैक्सी के निर्माण में मेट्रो के मुकाबले पांच गुना कम खर्च आएगा। 

क्षेत्र में होने वाले विकास को मिलेगा बल
धीरेंद्र सिंह ने कहा कि हवाई अड्डे के अलावा यमुना एक्सप्रेसवे पर जेवर में फिल्म सिटी भी बनने जा रही है। साथ ही वृंदावन तक एक हेरिटेज सिटी विकसित की जाएगी। कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां इस क्षेत्र में ऑफिस और इकाई स्थापित करने की योजना बना रही हैं। इस लिहाज से क्षेत्र में पॉड टैक्सी को चलाने की योजना बेहद सकारात्मक असर दिखाएगी। नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहले चरण के निर्माण का कार्य चल रहा है।  

कम लागत में मिलेंगे ज्यादा फायदे
पॉड टैक्सी चलाने वाली कंपनी ने इसे बेहद किफायती होने का दावा किया है। कंपनी के मुताबित पॉड टैक्सी के लिए एक किलोमीटर के रूट के निर्माण में 40-45 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। जबकि एक किलोमीटर मेट्रो लाइन बिछाने और मेट्रो चलाने में करीब 135-150 करोड़ रुपये की लागत आएगी। एक किलोमीटर बस रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम को विकसित करने में भी 40-45 करोड़ रुपये का खर्च आता है। इस तरह लागत के लिहाज से भी पॉड टैक्सी बेस्ट विकल्प है। सेवा और सुविधा को देखते हुए भी यह इस रूट पर फिट है।

चार चरणों में पूरा होगा एयरपोर्ट का काम
प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे का निर्माण चार चरणों में पूरा होगा। इसे पांच हजार हेक्टेयर में बनाया जा रहा है। इसके सभी 6 रनवे पर उड़ानें शुरू हो जाने के बाद यह सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा। कुल 29,560 करोड़ रुपये की लागत से स्विस कंपनी 'ज्युरिक इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी इस हवाई अड्डे का निर्माण कर रही है।

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