मोदी के मंच पर दिखे 38 चेहरे, नजर आई वेस्ट यूपी में चुनाव की व्यूह रचना, जेवर एयरपोर्ट के सहारे वेस्ट यूपी पर नजर

खास खबर : मोदी के मंच पर दिखे 38 चेहरे, नजर आई वेस्ट यूपी में चुनाव की व्यूह रचना, जेवर एयरपोर्ट के सहारे वेस्ट यूपी पर नजर

मोदी के मंच पर दिखे 38 चेहरे, नजर आई वेस्ट यूपी में चुनाव की व्यूह रचना, जेवर एयरपोर्ट के सहारे वेस्ट यूपी पर नजर

Tricity Today | पीएम मोदी मंच पर

Jewar Airport News : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) आने वाला है। जिसके लिए भारतीय जनता पार्टी ताबड़तोड़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम राज्य में आयोजित कर रही है। इसी सिलसिले में गुरुवार को नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ ने जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास किया है। भाजपा और प्रधानमंत्री ने इस महत्वकांक्षी परियोजना के माध्यम से पूरे पश्चिम उत्तर प्रदेश को साधने की कोशिश की है। नरेंद्र मोदी के मंच पर सहारनपुर से मुरादाबाद, अलीगढ़ और आगरा तक के नेता विराजमान रहे। दरअसल, किसान आंदोलन के चलते इस पूरे इलाके में भाजपा अपने जनाधार को लेकर सशंकित है। यही वजह रही कि प्रधानमंत्री अपने भाषण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर फोकस रहे। जिलों और कस्बों के नाम लेते रहे। मंच पर बैठे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नेताओं की कुर्सियों को आने वाले विधानसभा चुनाव की व्यूह रचना के तौर पर देखा जा सकता है। प्रधानमंत्री के मंच पर 38 सांसद, विधायक, विधान परिषद सदस्य, राज्यसभा सांसद, केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रियों को जगह दी गई।

मंच पर जाट नेताओं को मिली तरजीह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंच पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तमाम नेताओं का जमावड़ा लगा। इनमें मुजफ्फरनगर के सांसद और केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और फिलहाल योगी आदित्यनाथ कैबिनेट में मंत्री भूपेंद्र चौधरी, मथुरा से विधायक और राज्य सरकार के मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण मौजूद रहे। यह तीनों नेता जाट समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। भूपेंद्र चौधरी मुरादाबाद के मूल निवासी हैं और एमएलसी भी हैं। तीनों नेताओं को अग्रिम पंक्ति में जगह देकर प्रधानमंत्री ने जाट समुदाय को तरजीह देने का संकेत दिया। इनके अलावा बुलन्दशहर की जिला पंचायत अध्यक्ष अंतुल तेवतिया और गौतमबुद्ध नगर के जिला पंचायत अध्यक्ष अमित चौधरी मंच पर थे। बुलन्दशहर सदर की विधायक ऊषा सिरोही भी मंचासीन रहीं। वेस्ट यूपी में जाट मतदाताओं का अच्छा-खासा दमखम है। इस बार जाट बिरादरी को भारतीय जनता पार्टी से नाराज बताया जा रहा है। हालांकि, इस डैमेज को कंट्रोल करने के लिए पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया है। जाट नेताओं को तरजीह देकर भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल के प्रभाव को बेअसर करना चाहती है।

ब्राह्मण लीडर भी अग्रिम पंक्ति में विराजमान रहे
मोदी के मंच पर वेस्ट यूपी के ब्राह्मण नेताओं को भी अग्रिम पंक्ति में रखा गया। इनमें मथुरा से विधायक और योगी आदित्यनाथ सरकार में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ.महेश शर्मा और मेरठ-सहारनपुर शिक्षक सीट के एमएलसी श्रीचंद शर्मा विराजमान रहे। बुलंदशहर की शिकारपुर सीट से विधायक और योगी आदित्यनाथ सरकार में वन एवं पर्यावरण मंत्री अनिल शर्मा को भी मंच पर जगह दी गई। अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम और अनूपशहर के विधायक संजय शर्मा ने भी प्रधानमंत्री के साथ मंच साझा किया है। पिछले करीब एक वर्ष से भारतीय जनता पार्टी ब्राह्मण समुदाय को साधने की पुरजोर कोशिश कर रही है। ब्राह्मण भाजपा के परम्परागत वोटर हैं। दरअसल, रह रहकर अफवाहें चलती हैं कि ब्राह्मण समाज भाजपा से खफा है। इसका कारण प्रदेश में ठाकुरों को फर्जी देना बताया जाता है।

गुर्जरों की नाराजगी दूर करने का पुरजोर प्रयास
इस कार्यक्रम के जरिए भारतीय जनता पार्टी ने गुर्जरों को भी साधने का पूरा प्रयास किया है। दरअसल, दादरी में सम्राट मिहिरभोज की प्रतिमा का अनावरण कार्यक्रम विवादों में घिर गया था। जिसके बाद पश्चिम उत्तर प्रदेश में गुर्जरों को भारतीय जनता पार्टी से नाराज बताया जा रहा है। गुरुवार को जेवर एयरपोर्ट के शिलान्यास समारोह में प्रधानमंत्री के साथ सारे गुर्जर नेता बैठाए गए। इनमें राज्यसभा के सांसद सुरेंद्र सिंह नागर, उत्तर प्रदेश सरकार में ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर अशोक कटारिया, हाल ही में समाजवादी पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए एमएलसी नरेंद्र सिंह भाटी और दादरी के विधायक तेजपाल सिंह नागर शामिल हैं। गौतमबुद्ध नगर, बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, बिजनौर और आसपास के कई जिलों में गुर्जर मतदाता महत्वपूर्ण हैसियत रखते हैं। ऐसे में भाजपा गुर्जर वोटरों को यह भरोसा दिलाना चाहती है कि नेताओं का कद पार्टी में बड़ा है।

दलित और अति पिछड़े नेता भी आगे बैठाए गए
जाट और गुर्जर जैसे अगड़े ओबीसी नेताओं के साथ-साथ अति पिछड़ी जातियों व दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले नेताओं को भी प्रधानमंत्री के मंच पर भरपूर जगह दी गई। करीब 8 महीने पहले एमएलसी बने और पिछले योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल विस्तार में राज्यमंत्री बनने वाले धर्मवीर प्रजापति मंच पर रहे। आगरा के सांसद एसपीएस बघेल को अग्रिम पंक्ति में जगह दी गई। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेटे और एटा के सांसद राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया मंच पर मौजूद रहे। बुलंदशहर की डिबाई सीट से विधायक अनीता लोधी और स्याना के विधायक देवेंद्र सिंह लोधी को जगह मिली। यह तीनों नेता बुलंदशहर, अलीगढ़, एटा, इटावा, मथुरा और आगरा के इलाकों में लोधी समाज को प्रभावित करते हैं।

इसी तरह दलित समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले बुलंदशहर के सांसद भोला सिंह, खुर्जा के विधायक विजेंद्र सिंह खटीक और हापुड़ के विधायक विजयपाल सिंह को दर्जी दी गई है। कुल मिलाकर भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम उत्तर प्रदेश में अति पिछड़ों और दलितों को साथ लेकर चलने और सत्ता में बराबरी की हिस्सेदारी देने का संकेत दिया है।

ठाकुर नेताओं को भी मिली भरपूर तरजीह
भारतीय जनता पार्टी के कोर वोटरों में शामिल ठाकुर समाज को भी प्रधानमंत्री के दौरे में भरपूर तरजीह दी गई है। गाजियाबाद से सांसद और केंद्र सरकार में मंत्री जनरल वीके सिंह, नोएडा से विधायक पंकज सिंह, सिकंदराबाद की विधायक विमला सिंह सोलंकी और जेवर के विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह मंच पर मौजूद रहे। प्रधानमंत्री ने जब संबोधन शुरू किया तो विधायक धीरेंद्र सिंह का नाम लिया। दरअसल, उनके विधानसभा क्षेत्र में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास करने पीएम आए थे। इसके अलावा जब प्रधानमंत्री मंच पर पहुंचे तो पंकज सिंह की पीठ थपथपा कर हालचाल पूछा। अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए जनरल वीके सिंह का भी नाम लिया।

वेस्ट यूपी भारतीय जनता पार्टी के लिए क्यों महत्वपूर्ण
पश्चिम उत्तर प्रदेश के 22 जिलों में 132 विधानसभा क्षेत्र हैं। इनमें अभी भारतीय जनता पार्टी के पास 98 विधायक हैं। 25 लोकसभा सीट हैं। जिनमें से 21 सीट भारतीय जनता पार्टी के खाते में हैं। इस गुणा गणित से सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अगर जनादेश भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ जाता है तो ना केवल विधानसभा बल्कि लोकसभा का गणित भी बिगड़ जाएगा। यही वजह रही कि पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की नाराजगी दूर करने के लिए तीनों कृषि कानून वापस ले लिए। अब गुरुवार को जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के शिलान्यास समारोह में पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को साधने की कोशिश की गई है। जेवर की भौगोलिक स्थिति भी अपने आप में खास है। जेवर मेरठ मंडल में पड़ता है और इसकी सीमा अलीगढ़ मंडल से लगती है। ऐसे में यह इलाका करीब-करीब पश्चिम उत्तर प्रदेश के केंद्र में है।

कांग्रेस, सपा और बसपा की विफलता बताने का मौका
जेवर में बन रहा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट भारतीय जनता पार्टी के लिए सोने पर सुहागा जैसी स्थिति है। दरअसल, वर्ष 2001 में राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने इस एयरपोर्ट के लिए पहली बार प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था। इसके बाद उत्तर प्रदेश से भाजपा की सरकार चली गई। उसके बाद समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की सरकारें करीब 15 वर्षों तक उत्तर प्रदेश में रहीं। इसी दौरान केंद्र में 10 वर्षों तक कांग्रेस की सरकार थी। कांग्रेस, सपा और बसपा के बीच राजनीतिक गतिरोध के चलते जेवर एयरपोर्ट पर फैसला नहीं हो पाया। अब जब केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकारें हैं तो पिछले करीब साढ़े चार वर्षों में इस परियोजना को परवान चढ़ाया गया है। ऐसे में भाजपा के पास अपनी उपलब्धि और तीनों मुख्य विपक्षी दलों की नाकामयाबी वोटरों तक पहुंचाने का अच्छा अवसर है। इस अवसर का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बखूबी लाभ भी उठाया। गुरुवार को प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में जनसमूह से कहा, "अब उत्तर प्रदेश में अटकाने, लटकाने और भटकाने की नीति खत्म हो चुकी है। हम राष्ट्र नीति पर काम कर रहे हैं।"

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