सितंबर 2024 तक नहीं उड़ी पहली फ्लाइट तो कंपनी पर लगेगा 10 लाख रुपए प्रतिदिन जुर्माना

जेवर एयरपोर्ट : सितंबर 2024 तक नहीं उड़ी पहली फ्लाइट तो कंपनी पर लगेगा 10 लाख रुपए प्रतिदिन जुर्माना

सितंबर 2024 तक नहीं उड़ी पहली फ्लाइट तो कंपनी पर लगेगा 10 लाख रुपए प्रतिदिन जुर्माना

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

Jewar Airport News : गौतमबुद्ध नगर के जेवर में एशिया के सबसे बड़े इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास हुआ है। इस एयरपोर्ट को बनाने का जिम्मा ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल और उसकी एसपीवी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड को मिला है। यह एयरपोर्ट 29 सितंबर 2024 तक बनकर तैयार हो जाएगा लेकिन समय से पहले यह एयरपोर्ट बनकर तैयार नहीं हुआ तो एयरपोर्ट बनाने वाली कंपनी को 10 लाख रुपए प्रतिदिन जुर्माना लगेगा। 

ज्यूरिख ने बैंक गारंटी के तौर पर 100 करोड़ जमा किए
दरअसल, बीते गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास किया है। यह एयरपोर्ट 6,200 हैक्टेयर जमीन पर बनेगा। यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि जब बिल्डर ज्यूरिख एजी और यूपी सरकार ने समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, तो यह फैसला लिया गया था कि कंपनी बैंक गारंटी का 0.1 प्रतिशत भुगतान करने के लिए जिम्मेदार होगी। अगर प्रॉजेक्ट डेडलाइन को पार कर करता है तो कंपनी को हर दिन मुआवजे के तौर पर एक रकम देनी होगी। ज्यूरिख ने बैंक गारंटी के तौर पर 100 करोड़ रुपए जमा किए थे। यानी किसी भी तरह की देरी के लिए उसे रोजाना 10 लाख रुपये का जुर्माना भरना होगा। वाईआईएपीएल ज्यूरिख एजी की सहायक कंपनी है, जिसे हवाई अड्डे के निर्माण का काम सौंपा गया है।

पहले चरण में 1,334 हैक्टेयर जमीन विकसित होगी
आपको बता दें कि पहले चरण में 1,334 हैक्टेयर जमीन पर एयरपोर्ट का शिलान्यास होगा। पहले चरण में यह एयरपोर्ट 12 मिलियन क्षमता पैसेंजर के हिसाब से बनेगा। इस एयरपोर्ट 5 रनवे का है, लेकिन इसकी दो स्टेज है। स्टेज वन में 2 रनवे बनाएंगे और जिसकी क्षमता 70 मिलियन की है। इसके अंदर ही दो चरण हैं, उनमें से प्रथम चरण में 12 मिलियन पैसेंजर का होगा। उसका ऑपरेशन पीरियड हम 2023 से लेकर 2027 तक मांग रहे हैं। इस दौरान कुल एक रनवे बनेगा। दूसरा चरण 30 मिलियन पैसेंजर का होगा। 

जेवर एयरपोर्ट से सबसे ज्यादा फायदा होगा
तीसरे चरण में यह 50 मिलियन का होगा, जो 2036 या 2037 की स्थिति होगी। चौथा चरण 70 मिलियन पैसेंजर का होगा। जो 2040-50 के बीच होगा। इस तरह इन चारों चरणों को मिलाकर यह 29,560 करोड़ रुपए की परियोजना है। यह ऐतिहासिक और भारत की बहुत बड़ी उपलब्धि होने जा रही है। इससे पर्यटन और अन्य क्षेत्रों में उपलब्धि होगी। इसकी वजह से रोजगार बढ़ेंगे। आयात और निर्यात में प्रोत्साहन मिलेगा। इससे सबसे बड़ी बात यह होगी कि राज्य सरकार को इंटरनेशनल एयरपोर्ट से बहुत बड़ी आय मिलेगी। क्योंकि 400 रुपए प्रति पैसेंजर का शेयर सरकार को मिलेगा। यह सभी गतिविधियों को बूस्ट करने वाली परियोजना है।

जेवर में बन रहा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट व्यापक बदलाव लेकर आएगा। शहर में सबसे तेज बदलाव होंगे। गौतमबुद्ध नगर जिला एक मुकम्मल एयरोट्रोपोलिस की शक्ल ले लेगा। यह भारत का पहला एयरोट्रोपोलिस होगा। इस एयरोट्रोपोलिस में आवासीय, औद्योगिक, कमर्शियल और संस्थागत गतिविधियां एकसाथ होंगी। कई नए छोटे-बड़े शहर बसेंगे। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 100 किलोमीटर के दायरे में दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश को व्यापक लाभ मिलेंगे।

क्या होता है एयरोट्रोपोलिस
एयरोट्रोपोलिस एक महानगरीय उपसमूह होता है, जिसका बुनियादी ढांचा, भूमि उपयोग और अर्थव्यवस्था एक हवाईअड्डे पर केंद्रित होते हैं। मतलब, हवाईअड्डे और उसके साथ संचालित होने वाली तमाम गतिविधियां एयरोट्रोपोलिस का हिस्सा होती हैं। यह शब्द एयरो और मेट्रोपोलिस से होकर बना है, जो उड्डयन और महानगर शब्दों को एक साथ जोड़ता है। एयरोट्रोपोलिस शब्द का सबसे पहले इस्तेमाल न्यूयॉर्क के वाणिज्यिक कलाकार निकोलस डेसेंटिस ने किया था। न्यूयॉर्क शहर की ऊंची आसमान को छूने वाली इमारतों के साथ हवाईअड्डे का चित्र डिसेंटिस ने बनाया और उसे नवंबर 1939 में लोकप्रिय पत्रिका 'साइंस' के अंक में प्रकाशित किया गया था।

400 रुपये प्रति यात्री शुल्क का अनुमान
नियाल के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि औसतन एयरपोर्ट घरेलू उड़ान में प्रत्येक यात्री के लिए 300 से 500 रुपये ले रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए 800 से 1,500 रुपये तक उपभोक्ता विकास शुल्क लेते हैं। जेवर एयरपोर्ट की टेक्निकल इकोनॉमिक फिजिबिलिटी रिपोर्ट (टीईएफआर) में प्रति यात्री शुल्क करीब 400 रुपये उपभोक्ता विकास शुल्क लेने की बात कही गई है। ऐसे में घरेलू उड़ानों पर यह शुल्क 150 रुपये प्रति यात्री तक रह सकता है। हालांकि, इस दर में उतार चढ़ाव हो सकता है। यह तय है कि यहां हवाई किराया अन्य एयरपोर्ट से सस्ता होगा।

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