अब 6 हुए हिस्सेदार, जानिए इस ड्रीम प्रोजेक्ट से किसे कितनी कमाई होगी

Jewar Airport पर खास खबर : अब 6 हुए हिस्सेदार, जानिए इस ड्रीम प्रोजेक्ट से किसे कितनी कमाई होगी

अब 6 हुए हिस्सेदार, जानिए इस ड्रीम प्रोजेक्ट से किसे कितनी कमाई होगी

Tricity Today | Jewar Airport पर खास खबर

  • - मंगलवार को देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने 35% इक्विटी हासिल की
  • - अब दो समूहों में 6 हिस्सेदार मिलकर इस हवाई अड्डे का विकास करेंगे
  • - एसबीआई ने इस प्रोजेक्ट के लिए 3,725 करोड रुपए का वित्त पोषण किया
  • - जूरिख एयरपोर्ट 2,005 करोड़ रुपए का निवेश अपनी ओर से कर रहा है
  • - उत्तर प्रदेश सरकार और तीनों प्राधिकरण किसानों से जमीन लेकर दे रहे हैं
  • - जमीन खरीद और टाउनशिप बसाने में करीब 4,200 करोड़ रुपये खर्च हुए
Jewar Airport : गौतमबुद्ध नगर में जेवर कस्बे के पास बनने वाले नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) का निर्माण शुरू करने के लिए अब केवल शिलान्यास की औपचारिकता शेष हैं। इस बारे में राज्य सरकार और यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (Yamuna Authority) के अधिकारियों का कहना है कि अगस्त के अंतिम सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) शिलान्यास करने ग्रेटर नोएडा आएंगे। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) रण्हेरा गांव के पास भूमि पूजन करेंगे। एयरपोर्ट के लिए जरूरी तीन महत्वपूर्ण चीजें जमीन, वित्तपोषण और अनापत्तियां मिल चुकी हैं।

अब एयरपोर्ट में दो समूहों के छह हिस्सेदार
अब नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण दो समूहों के 6 हिस्सेदार मिलकर कर रहे हैं। इनमें एक सरकारी हिस्सेदारों का समूह है। दूसरा समूह प्राइवेट पार्टनर्स का है। सरकारी समूह में उत्तर प्रदेश सरकार, नोएडा अथॉरिटी, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और यमुना अथॉरिटी शामिल हैं। दूसरे समूह में जूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी की भारतीय कम्पनी के साथ अब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया शामिल हो गया है। सोमवार को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने इस प्रोजेक्ट के लिए 3,725 करोड रुपए के वित्तपोषण को स्वीकृति दी है। यह पैसा कर्ज और इक्विटी के रूप में दिया गया है।

जब एयरपोर्ट का संचालन शुरू होगा तो उसके एक साल बाद जूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट कर्ज की अदायगी शुरू करेगा। संचालन के बाद कम्पनी 21 वर्षों में एसबीआई के कर्ज का भुगतान किया जाना है। दूसरी तरफ जूरिख एयरपोर्ट 2,005 करोड़ रुपए का निवेश अपनी ओर से कर रहा है।


किसे कितनी आमदनी होगी
एसबीआई को 3,725 करोड़ रुपये का कर्ज कम्पनी को देने के बदले हवाई अड्डे की आमदनी में 35 फ़ीसदी इक्विटी भी मिली है। बाकि 65% आमदनी कम्पनी को मिलेगी। उत्तर प्रदेश सरकार और गौतमबुद्ध नगर के तीनों विकास प्राधिकरणों ने पहले चरण के लिए 1,334 हेक्टेयर जमीन किसानों से अधिग्रहित करके एयरपोर्ट को दी है। इसके बदले में इस समूह को जेवर एयरपोर्ट से आवागमन करने वाले प्रत्येक यात्री से 400.97 रुपए मिलेंगे। आपको बता दें कि ज्यूरिख एयरपोर्ट ने प्रति यात्री फीस के लिए 400.97 रुपये की बोली लगाई थी। दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने 351 रुपये, अडानी इंटरप्राइजेज ने 360 रुपये और एनकोरेज ने केवल 205 रुपये प्रति यात्री की बोली लगाई थी।

एयरपोर्ट की लागत में सरकारी हिस्सेदार (यूपी गवर्नमेंट और तीनों प्राधिकरण) जो पैसा खर्च कर रहे हैं, उसमें राज्य सरकार की हिस्सेदारी 37.5% है। नोएडा अथॉरिटी की हिस्सेदारी भी 37.5% है। इसी तरह ग्रेटर नोएडा की हिस्सेदारी 12.5% और यमुना अथॉरिटी की हिस्सेदारी भी 12.5% ही है। इसी अनुपात में 400.97 रुपए का बंटवारा इनके बीच होगा। मतलब, यूपी सरकार को प्रति यात्री 150.36 रुपये मिलेंगे। नोएडा को भी 150.36 रुपये मिलेंगे। ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी को 50.12-50.12 रुपये मिलेंगे।



जमीन पर कंपनी को कब्जा मिला
यमुना अथॉरिटी और उत्तर प्रदेश सरकार के नागरिक उड्डयन विभाग ने पहले चरण के लिए अधिग्रहित की गई 1,334 हेक्टेयर जमीन पर पिछले सप्ताह कंपनी को कब्जा दे दिया है। कब्जा देने के लिए लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस जमीन से 6 गांवों को विस्थापित किया गया है। विस्थापित किए गए परिवारों को जेवर कस्बे के पास टाउनशिप में बसाया जा रहा है। इस जमीन की खरीद और टाउनशिप बसाने के लिए सरकारी समूह ने करीब 4,200 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

हवाई अड्डे को सारी जरूरी अनापत्तियां मिलीं
जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को केंद्र सरकार के रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, नागरिक उड्डयन सुरक्षा निदेशालय और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय से जरूरी अनापत्ति प्रमाण पत्र मिल चुके हैं। एयरपोर्ट के लिए एयर ट्रैफिक कंट्रोल सबसे महत्वपूर्ण है। इसके लिए कंपनी ने भू-विज्ञान और मौसम विभाग से भी समझौता कर लिया है। अब बस लोगों को उस घड़ी का इन्तजार है, जब पीएम और सीएम शिलान्यास करेंगे। उस पल करीब 25 वर्षों लम्बा इन्तजार खत्म हो जाएगा।

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