खर्चा चवन्नी और आमदनी रुपया, जानिए प्रोजेक्ट में किसने कितना पैसा दिया

जेवर एयरपोर्ट विशेष : खर्चा चवन्नी और आमदनी रुपया, जानिए प्रोजेक्ट में किसने कितना पैसा दिया

खर्चा चवन्नी और आमदनी रुपया, जानिए प्रोजेक्ट में किसने कितना पैसा दिया

Tricity Today | जेवर एयरपोर्ट विशेष

गौतमबुद्ध नगर में जेवर कस्बे के पास बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। शिलान्यास स्थल रन्हैरा गांव के पास है। वहीं पीएम भूमि पूजन करेंगे। दो समूहों के 6 हिस्सेदार मिलकर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण कर रहे हैं। इनमें एक सरकारी हिस्सेदारों का समूह है। दूसरा समूह प्राइवेट पार्टनर्स का है। सरकारी समूह में उत्तर प्रदेश सरकार, नोएडा अथॉरिटी, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और यमुना अथॉरिटी शामिल हैं। दूसरे समूह में जूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी की भारतीय कम्पनी और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं।

किसने क्या दिया
1. एसबीआई : स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने इस प्रोजेक्ट के लिए 3,725 करोड़ रुपए का वित्तपोषण किया है। यह पैसा कर्ज और इक्विटी के रूप में दिया गया है। सितंबर 2024 में एयरपोर्ट का संचालन शुरू हो जाएगा। सितंबर 2025 से कर्ज की अदायगी शुरू होगी। वर्ष 2046 तक कम्पनी को एसबीआई का कर्ज लौटना है।

2. जूरिख एयरपोर्ट : प्राइवेट पार्टनर्स में जूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी लीड मेंबर है। जूरिख एयरपोर्ट 2,005 करोड़ रुपए का निवेश इस परियोजना में अपनी ओर से कर रहा है।

3. उत्तर प्रदेश सरकार : राज्य सरकार ने इस परियोजना पर करीब 1,575 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इस पैसे से हवाईअड्डे के पहले चरण के लिए 1,334 हेक्टेयर जमीन किसानों से अधिग्रहित करके कम्पनी को दी है। विस्थापित किसानों के लिए टाउनशिप बसाने में इस पैसे का इस्तेमाल हो रहा है।

4. तीनों अथॉरिटी : सरकारी हिस्सेदारों के समूह में गौतमबुद्ध नगर के तीनों औद्योगिक विकास प्राधिकरण भी शामिल हैं। नोएडा अथॉरिटी ने करीब 1,575 करोड़ रुपये, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और यमुना अथॉरिटी ने 525-525 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

किसे क्या मिलेगा
एसबीआई : स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया को 3,725 करोड़ रुपये के कर्ज की एवज में कम्पनी ने हवाई अड्डे की आमदनी से 35 फ़ीसदी इक्विटी दी है। कुछ पैसा बतौर कर्ज बैंक को वापस मिलेगा।

जूरिख एयरपोर्ट : यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड को होने वाली आमदनी का 65% हिस्सा कम्पनी को मिलेगा। वर्ष 2046 के बाद एसबीआई की इक्विटी खत्म हो जाएगी और पूरी आमदनी कम्पनी को मिलेगी।

उत्तर प्रदेश सरकार : जेवर एयरपोर्ट से आवागमन करने वाले प्रत्येक यात्री से 400.97 रुपए सरकारी हिस्सेदारों को मिलेंगे। ज्यूरिख एयरपोर्ट ने ठेका हासिल करने के लिए प्रति यात्री यह फीस देने की बोली लगाई थी। मतलब, यूपी सरकार को प्रति यात्री 150.36 रुपये हमेशा मिलते रहेंगे।

तीनों अथॉरिटी : नोएडा अथॉरिटी की हिस्सेदारी भी सरकार की बराबर 37.5% है। ग्रेटर नोएडा की हिस्सेदारी 12.5% और यमुना अथॉरिटी की हिस्सेदारी भी 12.5% ही है। इसी अनुपात में 400.97 रुपए का बंटवारा इनके बीच होगा। नोएडा को 150.36 रुपये प्रत्येक यात्री से मिलेंगे। ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी में प्रत्येक को 50.12 रुपये मिलेंगे।

पहले दिन से 1.32 करोड़ कमाएंगे
जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की डीपीआर के मुताबिक यहां से सालाना 1.20 करोड़ लोग हवाई यात्रा करेंगे। प्रत्येक यात्री से सरकार और तीनों अथॉरिटी को 400.97 रुपए मिलेंगे। इस तरह रोजाना औसतन 32,877 यात्री पहले साल में आवागमन करेंगे। मतलब, इन सरकारी हिस्सेदारी को पहले ही दिन से 1.32 करोड़ रुपए की आमदनी शुरू हो सकती है। इस तरह पहले ही साल में 481.20 करोड़ रुपए का रिटर्न सरकार और प्राधिकरण को मिलना चाहिए। आप समझ सकते हैं कि सरकारी समूह की पूंजी एयरपोर्ट शुरू होने के बाद 10-12 वर्षों में निकल आएगी।

उड़ान नहीं तो जुर्माना शुरू
इस प्रोजेक्ट की एक और बड़ी खासियत यह है कि कंपनी को एयरपोर्ट का टाइम बाउंड निर्माण करके देना होगा। मतलब, सितंबर 2024 से पहले पहले जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरनी जरूरी है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो कंपनी पर जुर्माना लगना शुरू हो जाएगा। यह जुर्माना प्रतिदिन के हिसाब से लगेगा। मतलब, सरकार को पहले दिन से होने वाली आमदनी बतौर जुर्माना कंपनी को चुकानी पड़ेगी। यही वजह है कि शिलान्यास ना होने के बावजूद कंपनी मौके पर काम कर रही है।

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