जेवर एयरपोर्ट को भारत के सबसे लंबे एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जायेगा, जानिए पूरा प्रोजेक्ट

बड़ी खबर : जेवर एयरपोर्ट को भारत के सबसे लंबे एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जायेगा, जानिए पूरा प्रोजेक्ट

जेवर एयरपोर्ट को भारत के सबसे लंबे एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जायेगा, जानिए पूरा प्रोजेक्ट

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को जेवर एयरपोर्ट से जोड़ा जाएगा। इसको लेकर हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार ने मंजूरी दे दी है। अब जल्द ही इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू होगा। जिसका निर्माण एनएचएआई करेगी। इस एक्सप्रेसवे को बनने के बाद रोजाना हजारों लोगों को बड़ा फायदा होगा। 

31 किलोमीटर लंबा होगा हाईवे
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। हरियाणा के बल्लभगढ़ से गुजर रहे एक्सप्रेसवे को जेवर एयरपोर्ट से जोड़ा जाएगा। जो करीब 31 किलोमीटर लंबा होगा। इस 31 किलोमीटर हाईवे बनने के बाद जेवर एयरपोर्ट से आईजीआई एयरपोर्ट तक का सफर आप सिर्फ 1 घंटे में तय कर सकते हो।

एनएचएआई करेगा निर्माण
आपको बता दें कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का निर्माण कर रहा है। इस एक्सप्रेसवे की लंबाई करीब 1250 किलोमीटर है। यह प्रोजेक्ट सात चरणों में पूरा किया जा रहा है। अब इस एक्सप्रेसवे से आप दिल्ली से मुंबई तक का सफर बहुत कम समय में कर सकते हो। अभी सफर करने के लिए बहुत ज्यादा समय लगता है। दिल्ली से मुंबई तक के इस एक्सप्रेसवे के बीच 31 किलोमीटर जेवर एयरपोर्ट की तरफ हाईवे बनाया जाएगा। जिसकी लम्बाई 31 किलोमीटर होगी।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे खासियत
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे बनने के बाद दिल्ली से मुंबई के बीच की दूरी करीब 130 किलोमीटर कम हो जाएगी। दिल्ली से मुंबई जाने में लगने वाला समय 24 घंटे से घटकर आधा यानी 12 घंटे हो जाएगा। इससे हर साल करीब 32 करोड़ लीटर फ्यूर की बचत होगी। इसकी वजह से सालाना करीब 85 करोड़ किलोमीटर कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन घटेगा, जो 4 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। एक्सप्रेसवे के आसपास 15 लाख पेड़ लगाए जाएंगे। ये एशिया का पहला और दुनिया का दूसरा ऐसा एक्सप्रेसवे होगा, जिस पर एनिमल ओवरपास बनेंगे, ताकि जानवरों को जंगल में सड़क पार करने में कोई दिक्कत ना हो।

इस एक्सप्रेसवे में 3 अंडरपास हैं और 5 ओवरपास हैं। यह एक्सप्रेसवे बनाने में 5 लाख टन से भी अधिक स्टील लगेगा, जो करीब 20 हावड़ा ब्रिज के बराबर है। करीब 50 करोड़ क्यूबिक मीटर जमीन को मूव किया जाएगा, जो 60 लाख ट्रक ट्रिप्स के जरिए होगा। इसमें 35 लाख टन सीमेंट लगेगा, जो देश के कुल प्रोडक्शन का करीब 1 फीसदी है।इस एक्सप्रेस से लगभग 15 लाख मजदूरी के दिन पैदा होंगे, जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। काम में तेजी लाने के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है, जिसमें ड्रोन से सर्वे हो रहा है।

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