यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे मथुरा में बसेगी कृष्ण नगरी, भारतीय संस्कृति और आधुनिक सुविधाओं का मेल होगा

ख़ास खबर : यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे मथुरा में बसेगी कृष्ण नगरी, भारतीय संस्कृति और आधुनिक सुविधाओं का मेल होगा

यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे मथुरा में बसेगी कृष्ण नगरी, भारतीय संस्कृति और आधुनिक सुविधाओं का मेल होगा

Google Image | Yamuna Expressway

यमुना एक्सप्रेसवे (Yamuna Expressway) के किनारे राया (मथुरा) में विकसित होने वाली हेरिटेज सिटी (Haritage City) की ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार हो गई। इस नये शहर में धार्मिक पयर्टन के साथ-साथ ब्रज की संस्कृति को दिखाने पर जोर दिया गया है। यहां हाट, ऋषि-मुनियों के आश्रम, म्यूजियम, गांव और वनों को दर्शाया जाएगा। इसमें होटल, रिजार्ट, वेलनेस सेंटर और एडवेंचर को प्राथमिकता के आधार पर विकसित करने का सुझाव दिया गया है। अब यह ड्राफ्ट रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।

यमुना प्राधिकरण ने राया में नया वृंदावन (हेरिटेज सिटी) बसाने की योजना बनाई। हेरिटेज सिटी को 9,350 हेक्टेयर में बसाने की तैयारी है। पहले चरण में 731 हेक्टेयर में टूरिज्म जोन और 110 हेक्टेयर में रिवर फ्रंट विकसित किया जाएगा। इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने के लिए अमेरिकी कंपनी सीबीआरई का चयन किया गया। कंपनी ने ड्राफ़्ट रिपोर्ट यमुना प्राधिकरण को सौंप दी है। ड्राफ्ट रिपोर्ट में बताया गया है कि यहां पर धार्मिक पर्यटन के साथ ब्रज की संस्कृति को दिखाया जाए ताकि मथुरा-वृंदावन आने वाले लोग यहां पर आकर रुक सकें। ड्राफ्ट रिपोर्ट बनाते समय कंपनी ने वियतनाम और मलेशिया के शहरों का अध्ययन किया। 

वियतनाम के बेहतर अनुभव को इसमें शामिल किया गया है। इसके अलावा मथुरा-वृंदावन के मंदिरों के ट्रस्टियों और ब्रज विकास परिषद के साथ भी चर्चा की है। ड्राफ़्ट रिपोर्ट में बताया गया है कि इस इलाके में होटल की मांग अधिक है। इसलिए राया सिटी के आसपास होटल बनाए जाएं। इसके अलावा यहां पर रिजॉर्ट, बजट होटल, वेलनेस सेंटर और एंडवेंचर को भी विकसित किया जाए। ताकि यहां आने वाले लोगों को हर तरह का अनुभव मिल सके। राया हेरिटेज सिटी में सबसे पहले पर्यटन जोन और रिवर फ्रंट विकसित किया जाएगा। 

इस शहर में द्वापरकालीन इतिहास को भी दिखाया जाएगा। यहां लाइट एंड साउंड शो के जरिये कृष्णलीला को दिखाया जाएगा। श्रीमद्भगवद गीता के वाचन के लिए केंद्र बनाया जाएंगे ताकि आने वाले लोग इसका उपयोग कर सकें। इस इलाके के अध्यात्म को सहेजने के लिए एक संग्राहलय भी बनाया जाएगा ताकि नई पीढ़ी उससे रूबरू हो सके। सीबीआरई कंपनी ने यमुना प्राधिकरण को ड्राफ्ट रिपोर्ट सौंप दी है। अब यह रिपोर्ट शासन को भेज दी जाएगी। कंपनी 12 मई तक परियोजना की डीपीआर बना लेगी। इसके बाद इस सिटी को विकसित करने के लिए आगे की कार्रवाई शुरू की जा सकेगी।

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