नोएडा पहला एयरोट्रोपोलिस बनेगा, जानिए क्या होगा इस शहर का आधार

Jewar Airport Exclusive : नोएडा पहला एयरोट्रोपोलिस बनेगा, जानिए क्या होगा इस शहर का आधार

नोएडा पहला एयरोट्रोपोलिस बनेगा, जानिए क्या होगा इस शहर का आधार

Tricity Today | नोएडा पहला एयरोट्रोपोलिस बनेगा

जेवर में बन रहा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट व्यापक बदलाव लेकर आएगा। शहर में सबसे तेज बदलाव होंगे। गौतमबुद्ध नगर जिला एक मुकम्मल एयरोट्रोपोलिस की शक्ल ले लेगा। यह भारत का पहला एयरोट्रोपोलिस होगा। इस एयरोट्रोपोलिस में आवासीय, औद्योगिक, कमर्शियल और संस्थागत गतिविधियां एकसाथ होंगी। कई नए छोटे-बड़े शहर बसेंगे। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 100 किलोमीटर के दायरे में दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश को व्यापक लाभ मिलेंगे।

क्या होता है एयरोट्रोपोलिस
एयरोट्रोपोलिस एक महानगरीय उपसमूह होता है, जिसका बुनियादी ढांचा, भूमि उपयोग और अर्थव्यवस्था एक हवाईअड्डे पर केंद्रित होते हैं। मतलब, हवाईअड्डे और उसके साथ संचालित होने वाली तमाम गतिविधियां एयरोट्रोपोलिस का हिस्सा होती हैं। यह शब्द एयरो और मेट्रोपोलिस से होकर बना है, जो उड्डयन और महानगर शब्दों को एक साथ जोड़ता है। एयरोट्रोपोलिस शब्द का सबसे पहले इस्तेमाल न्यूयॉर्क के वाणिज्यिक कलाकार निकोलस डेसेंटिस ने किया था। न्यूयॉर्क शहर की ऊंची आसमान को छूने वाली इमारतों के साथ हवाईअड्डे का चित्र डिसेंटिस ने बनाया और उसे नवंबर 1939 में लोकप्रिय पत्रिका 'साइंस' के अंक में प्रकाशित किया गया था।

क्या होगा इस शहर का आधार
नोएडा एयरोट्रोपोलिस मुख्य रूप से एमएसएमई, सिविल एविएशन और कृषि क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों की शुरुआत करेगा। इस एयरपोर्ट के आसपास के जिलों में छोटे-बड़े उद्योगों के साथ ही कृषि क्षेत्र से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा एजुकेशन, मेडिकल टूरिज्म, फ़िल्म मेकिंग, टूरिज्म-कल्चर एंड हेरिटेज, टॉय मेकिंग, आईटी-आईटीएस और लॉजिस्टिक्स इस एयरोट्रोपोलिस की आर्थिक गतिविधियां होंगी।

चार नए शहर बसेंगे 
यमुना प्राधिकरण एक्सप्रेसवे के किनारे तीन नए शहर बसाएगा। ये तीनों शहर अलीगढ़, मथुरा और आगरा जिले की सीमा में बसाए जाएंगे। चौथा शहर नोएडा अथॉरिटी बसाएगी। यह नया शहर गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर जिले के 80 गांव में विकसित होगा। इन चारों शहरों की डीपीआर बनाई जा रही हैं।
  1. एक शहर बसाने की जिम्मेदारी नोएडा को दी गई है। इस शहर को 'नया नोएडा' बोला जा रहा है। गौतमबुद्ध नगर में दादरी तहसील के 20 गांव और बुलंदशहर जिले में खुर्जा तहसील के 60 गांव की जमीन पर इस शहर का दायरा होगा। नोएडा अथॉरिटी इसके लिए मास्टर प्लान बनवा रही है। इस शहर की मुख्य गतिविधियां कार्गो, लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्टेशन होंगे। देश में औद्योगिक और कृषि आयात-निर्यात में सम्भावित क्रांति का आधार बनने वाले दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल रेलवे कॉरिडोर और अमृतसर-कोलकाता डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर इस शहर से होकर गुजरेंगे।
  2. टप्पल-बाजना अर्बन सेंटर 11,104 हेक्टेयर में बसाया जाएगा। इसमें 1794.4 हेक्टेयर उद्योगों और 1608.3 हेक्टेयर मिश्रिम भू-उपयोग के लिए आरक्षित रहेगा। इस शहर को 35 सेक्टरों में बांटकर बसाया जाएगा। यहां लॉजिस्टिक एवं वेयर हाउसिंग कलस्टर विकसित किया जाएगा।
  3. मथुरा जिले के राया में नया वृंदावन शहर बसाया जाएगा। यह हेरिटेज सिटी रहेगी। 9,350 हेक्टेयर में बसने वाले इस शहर में 731 हेक्टेयर इलाके में पर्यटन जोन विकसित होगा। 110 हेक्टेयर में रिवर फ्रंट विकसित किया जाएगा। यह चैनल भगवान श्रीकृष्ण और उनके पूरे जीवन को प्रदर्शित करता नजर आएगा। इस शहर के सेक्टरों के नाम भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी घटनाओं, स्थानों और पात्रों पर आधारित होंगे।
  4. आगरा शहर के पास यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे नया आगरा 12,000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बसाया जाएगा। इस नए शहर की जनसंख्या करीब 5 लाखों होगी। यहां लेदर इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा। नया शहर पर्यटन और उद्योग के केंद्र के तौर पर विकसित होगा। आगरा में दोनों गतिविधियों के लिए अपार संभावनाएं हैं। यह इलाका एनसीआर से बाहर है। इसलिए इसका मास्टर प्लान एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से पास नहीं कराना पड़ेगा। मास्टर प्लान पर प्रदेश सरकार की मुहर के बाद काम शुरू हो जाएगा।

एयरोट्रोपोलिस में 5 खूबियां होंगी
  1. स्मार्ट ट्रैफिक : इन शहरों में स्मार्ट सड़क यातायात होगा। सार्वजनिक परिवहन और निजी वाहनों के लिए सड़कों पर अलग-अलग व्यवस्था रहेगी। नए शहरों में ट्रैफिक सिग्नल नहीं होंगे, ताकि प्रदूषण कम फैले।
  2. बिजली में आत्मनिर्भर : सौर ऊर्जा के इस्तेमाल पर अधिक जोर दिया जाएगा। सार्वजनिक स्थलाें पर सौर ऊर्जा इस्तेमाल होगी। शहर के निवासी को 50% सौर ऊर्जा उपयोग करनी पड़ेगी।
  3. नदियों में सीवर नहीं : आधुनिक शहर से निकलने वाला सीवर का गंदा पानी नदियों में नहीं जाएगा। शहर में उस पानी को रिसाइक्लिंग के बाद बागवानी, उद्यान और सिंचाई में उपयोग किया जाएगा।
  4. रेन वाटर हार्वेस्टिंग : रोजमर्रा की जरूरत के लिए भूगर्भ जल या अन्य जल स्रोतों का इस्तेमाल होगा। बारिश के पानी को रिचार्ज करने के लिए निजी और सार्वजनिक भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य होंगे।
  5. पर्यावरण संरक्षण : इन शहरों में पर्यावरण संरक्षण पर विशेष जोर दिया जाएगा। न्यू वृंदावन सिटी में भगवान श्रीकृष्ण की प्रेरणाओं को परिलक्षित किया जाएगा।

तीन बड़े अर्बन सेंटर होंगे
  1. इनके अलावा नोएडा एयरोट्रोपोलिस में 3 बड़े अर्बन सेंटर होंगे। यह नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना सिटी हैं। नोएडा का डेवलपमेंट अंतिम चरण में चल रहा है। ग्रेटर नोएडा करीब आधा विकसित हो चुका है। यमुना सिटी का विकास तेजी से चल रहा है।
  2. 2050 तक नोएडा एयरोट्रोपोलिस एक मुकम्मल शक्ल ले लेगा। इसमें नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना सिटी, नया नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट, राया टप्पल और नया आगरा जैसे अत्याधुनिक शहर होंगे। साथ ही गाजियाबाद, बुलंदशहर, मथुरा, आगरा और हाथरस जैसे पुराने शहर भी इसके दायरे में आ जाएंगे। इसी वक्त तक नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के चारों चरण पूरे होगे।
  3. 30000000 करोड़ जनसंख्या इस एयरोट्रोपोलिस की होगी। इतना ही नहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से यह शहर क्षेत्रफल की दृष्टि में करीब 3 गुना बड़ा होगा। दरअसल, केवल यमुना अथॉरिटी का इलाका 2,689 वर्ग किलोमीटर है। दिल्ली का क्षेत्रफल 1,484 वर्ग किलोमीटर है।

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