जेवर एयरपोर्ट से दिल्ली-एनसीआर के शहरों तक नॉन स्टॉप बस दौड़ेंगी, पढ़िए खास खबर

Jewar Airport : जेवर एयरपोर्ट से दिल्ली-एनसीआर के शहरों तक नॉन स्टॉप बस दौड़ेंगी, पढ़िए खास खबर

जेवर एयरपोर्ट से दिल्ली-एनसीआर के शहरों तक नॉन स्टॉप बस दौड़ेंगी, पढ़िए खास खबर

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Greater Noida News : दिल्ली और एनसीआर के अन्य शहरों जैसे नोएडा, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गुड़गांव से जेवर में बन रहे नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की हाई-स्पीड रोड कनेक्टिविटी होगी। दरअसल, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एनआईएएल) ने रैपिड बस ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) परियोजना पर काम करना शुरू कर दिया है। तेज रफ्तार बसों के माध्यम से दिल्ली और एनसीआर के शहरों को हवाईअड्डे से जोड़ा जाएगा।

इंटरनेशनल शहरों का अध्ययन होगा
परियोजना पर काम कर रहे अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शहरों में काम कर रहे इस तरह के सिस्टम का अध्ययन किया जाएगा। उसके बाद सड़कों की पहचान की जाएगी। इसके बाद परियोजना की व्यवहार्यता को परखा जाएगा। योजना तैयार करने के लिए एक सलाहकार को काम पर रखा जाएगा। एनआईएएल के नोडल अधिकारी शैलेंद्र कुमार भाटिया ने कहा, "बीआरटीएस इस वक्त दुनिया भर में उपयोग में लाई जा रही सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों में एक है। जिसे सरकार यहां लागू करने की योजना बना रही है ताकि नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की कनेक्टिविटी आसपास के शहरों और आईजीआई हवाईअड्डे से सुगम हो सके। साथ ही मेट्रो, रैपिड रेल और पॉड टैक्सियों जैसी परिवहन प्रणालियों पर भी काम किया जा रहा है।"

ज्यूरिख हवाईअड्डे की तर्ज पर कनेक्टिविटी
ज्यूरिख हवाईअड्डे की तर्ज पर नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की कनेक्टिविटी होगी। ज्यूरिख एयरपोर्ट परिवहन के सभी साधनों को एक छत के नीचे जोड़ता है। जेवर हवाईअड्डे के पास एक ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर (जीटीसी) प्रस्तावित किया गया है। इसमें निजी पार्किंग के अलावा मेट्रो, टैक्सी और बस सेवा जैसी सार्वजनिक परिवहन सुविधाएं मिलेंगी। अधिकारियों ने कहा कि हवाईअड्डे की सफलता में यह एक बहुत महत्वपूर्ण कारक होगा। मिली जानकारी के मुताबिक जेवर में एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट का निर्माण कर रही स्विस कंपनी ज्यूरिख एजी ने सरकार से जरूरी सपोर्ट मांगा है।

सितंबर तक प्रोजेक्ट रिपोर्ट आ जाएगी
शैलेन्द्र भाटिया ने बताया, "सलाहकार का काम बीआरटीएस के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनवाना, बस कॉरिडोर की तलाश करना और बुनियादी ढांचे का विकास करवाना, बेड़े में बसों की संख्या और बस प्रौद्योगिकी की योजना बनाना होगा। सलाहकार धन के स्रोत, व्यवसाय मॉडल, वित्तीय व्यवहार्यता के अलावा परियोजना की लागत और आर्थिक व्यवहार्यता पर भी रिपोर्ट देंगे।" डीपीआर इस साल सितंबर तक तैयार होने की संभावना है। कंसलटेंट नियुक्त करने के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल मांगा गया है। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 17 अप्रैल है।

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