रनहैरा के ग्रामीणों से वार्ता जारी, सीईओ, डीएम और डीसीपी कर रहे हैं बात

Noida International Airport : रनहैरा के ग्रामीणों से वार्ता जारी, सीईओ, डीएम और डीसीपी कर रहे हैं बात

रनहैरा के ग्रामीणों से वार्ता जारी, सीईओ, डीएम और डीसीपी कर रहे हैं बात

Tricity Today | रनहैरा के ग्रामीणों से वार्ता जारी

Greater Noida : जेवर में बन रहे नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे (Noida International Airport) से प्रभावित रन्हैरा गांव के ग्रामीण शुक्रवार की दोपहर यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (Yamuna Authority) के कार्यालय पहुंचे। यह लोग प्राधिकरण के बाहर धरना दे रहे हैं। ग्रामीणों की बात सुनने और उसका समाधान निकालने के लिए यमुना अथॉरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ.अरुणवीर सिंह, गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई, अपर जिलाधिकारी (भूमि अध्याप्ति) बलराम सिंह और पुलिस उपायुक्त अमित कुमार बोर्ड रूम में किसानों के साथ वार्ता कर रहे हैं। पिछले करीब 2 घंटों से यह वार्ता चल रही है। मिली जानकारी के मुताबिक किसानों ने अफसरों के सामने दो मांग रखी हैं। किसान चाहते हैं कि उन्हें विस्थापित करके मॉडलपुर गांव के पास बसाया जाए। फलैदा गांव के पास रन्हैरा के निवासी बसना नहीं चाहते हैं। यह लोग मुआवजा दरों को भी नाकाफी बता रहे हैं।

फलैदा की बजाय मॉडलपुर में बसना चाहते हैं ग्रामीण
शुक्रवार की दोपहर रन्हैरा गांव से बड़ी संख्या में बुजुर्ग, महिलाएं, बच्चे और युवा ग्रेटर नोएडा पहुंचे। इन लोगों ने दावा किया कि उनके गांव के अधिकांश लोग यहां मौजूद हैं। इन लोगों का नेतृत्व कर रहे प्रीतमपाल सिंह ने कहा, "जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के दूसरे चरण में हमारे गांव की जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। हमारा गांव विस्थापित किया जाएगा। प्राधिकरण हमें फलैदा गांव के पास बसाना चाहता है। हम लोग मॉडलपुर गांव के पास बसना चाहते हैं। हमारी बात सुनी नहीं जा रही है।" प्रीतमपाल सिंह ने आगे कहा, "हम लोग फलैदा के पास नई टाउनशिप में बसने को तैयार नहीं हैं। हमारे साथ जबरदस्ती क्यों की जा रही है? मुख्यमंत्री ने कहा था कि जहां गांव वाले स्वैच्छा से बसना चाहें, उन्हें वहीं बसाया जाए।"

हमारी मांग मानी जाएगी तो भूमि अधिग्रहण को सहमति देंगे
रन्हैरा गांव के निवासी ओम कुमार शर्मा ने कहा, "फलैदा गांव के पास जहां हम लोगों को बसाने की बात की जा रही है, वहां की जमीन बहुत खराब है। पूरे इलाके में सबसे खराब जमीन फलैदा कट के पास है। वहां 30 फुट गहराई तक बालू रेत है। मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं। हम लोग अपने गांव के पास मॉडलपुर में बसना चाहते हैं। वहां पहले से ही तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं। हमारा गांव किसी शहर से कम नहीं है। यही वजह है कि हम लगातार मॉडलपुर में बसने की बात कर रहे हैं। यमुना प्राधिकरण और प्रशासन हमारी बात सुनने के लिए तैयार नहीं हैं। अगर हम लोगों को मॉडलपुर में नहीं बसाया गया तो हम भूमि अधिग्रहण का विरोध करेंगे। कहा जा रहा है कि अब तक 85% किसान भूमि अधिग्रहण को सहमति दे चुके हैं। हमारे गांव के लगभग 90% लोग यहीं मौजूद हैं। हम लोग तभी सहमति देंगे, जब हमें मॉडलपुर गांव के पास बसाया जाएगा।"

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