यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-21 में बसने वाली फिल्म सिटी की प्रारंभिक डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) 10 फरवरी को मिल जाएगी। प्रारंभिक रिपोर्ट में फंडिंग पैटर्न और विकास मॉडल के विकल्प दिए जाएंगे। इस प्रारंभिक रिपोर्ट को प्रदेश कैबिनेट में रखा जाएगा। इसके बाद फाइनल डीपीआर बनेगी। 10 मार्च तक यह रिपोर्ट बन जाएगी। इस परियोजना पर करीब 7 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-21 में 1000 एकड़ में फिल्म सिटी बसाने का निर्णय हुआ है। शासन के आदेश के बाद यमुना प्राधिकरण ने आरएफपी निकाल कर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाने के लिए विशेषज्ञ कंपनी का चयन किया था। डीपीआर बनाने का काम सीबीआरई साउथ एशिया को दिया गया है। कंपनी अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट 10 फरवरी को सौंप देगी। प्रारंभिक रिपोर्ट में फंडिंग पैटर्न व विकास मॉडल के सुझाव भी दिए जाएंगे।
फिल्म सिटी की प्रारंभिक रिपोर्ट को प्रदेश कैबिनेट में ले जाया जाएगा। कैबिनेट की मुहर के बाद इसकी फाइनल रिपोर्ट बनेगी। फिल्म सिटी को विकसित करने के तीन मॉडल सुझाए जा सकते हैं। पहला पीपीपी मॉडल है। यह मॉडल एयरपोर्ट की तरह का होगा। दूसरे विकल्प के तहत यमुना प्राधिकरण खुद विकसित करे और प्लॉट बेचे। तीसरा विकल्प यह है कि सरकार से सब्सिडी मिले और यमुना प्राधिकरण नोडल एजेंसी के तौर उसे विकसित करे। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि फिल्म सिटी की डीपीआर की प्रारंभिक रिपोर्ट 10 फरवरी को मिल जाएगी। इसे प्रदेश कैबिनेट से पास कराने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।