नरेंद्र मोदी ने इंटरनेशनल प्रोजेक्ट को लोकल से क्यों किया कनेक्ट, कहीं ये 5 बड़ी बातें

जेवर एयरपोर्ट शिलान्यास : नरेंद्र मोदी ने इंटरनेशनल प्रोजेक्ट को लोकल से क्यों किया कनेक्ट, कहीं ये 5 बड़ी बातें

नरेंद्र मोदी ने इंटरनेशनल प्रोजेक्ट को लोकल से क्यों किया कनेक्ट, कहीं ये 5 बड़ी बातें

Social Media | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

Jewar Airport News : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास करने के बाद बड़े जनसमूह को संबोधित किया। इस दौरान आम आदमी को बेहद खास तरीके से उन्होंने इस एयरपोर्ट से जोड़ा। कुल मिलाकर उन्होंने इंटरनेशनल प्रोजेक्ट को लोकल कनेक्ट दिया। किसानों, उद्योगपतियों, कलाकारों और आम आदमी को बताया कि उन्हें इस बड़ी परियोजना में क्या मिलने वाला है। दरअसल, उत्तर प्रदेश में चुनावी शंखनाद होने से पहले यह मेगा प्रोजेक्ट नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ का मेगा शो था। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में पांच प्रमुख बातें कहीं हैं।

 1. कनेक्टिविटी : रेल, मेट्रो, एक्सप्रेसवे और बुलेट ट्रेन
नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को मिलने वाली कनेक्टिविटी से की। उन्होंने अपने भाषण को लोकल कनेक्ट देने के लिए कहा, "इस एयरपोर्ट के भूमि पूजन के साथ ही दाऊजी मेले के लिए प्रसिद्ध जेवर अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर अंकित हो गया है। जिसका बहुत बड़ा लाभ दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी यूपी के करोड़ों लोगों को होगा। आज एक से बढ़कर एक बेहतरीन आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा है। बेहतर सड़कें, बेहतर रेल नेटवर्क, बेहतर एयरपोर्ट हैं। यह सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट ही नहीं होते बल्कि यह पूरे क्षेत्र का कायाकल्प कर देते हैं। लोगों का जीवन पूरी तरह बदल देते हैं।इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की ताकत से कनेक्टिविटी मिलती है।" उन्होंने आगे कहा, "नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट कनेक्टिविटी की दृष्टि से एक बेहतरीन मॉडल बनेगा। जहां आने-जाने के लिए टैक्सी से लेकर मेट्रो और रेल कनेक्टिविटी होगी। एयरपोर्ट से निकलते ही आप सीधे यमुना एक्सप्रेसवे पर आ सकते हैं। नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे तक जा सकते हैं। यूपी-दिल्ली और हरियाणा कहीं भी जाना है तो थोड़ी सी देर में पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर पहुंच सकते हैं। अब तो दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस से भी तैयार होने वाला है। यहां से देश में चारों ओर पहुंचना आसान हो जाएगा। यही नहीं यहां से डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के लिए भी सीधी कनेक्टिविटी हो गई है।

2. मनी सेविंग : हर साल 15 हजार करोड़ रुपये एयरपोर्ट बचाएगा
प्रधानमंत्री ने जनसभा को बताया कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट उत्तरी भारत का लॉजिस्टिक गेटवे बनेगा। यह न केवल कमाई का जरिया बनेगा बल्कि एविएशन इंडस्ट्री पर आ रहे देश के भारी-भरकम खर्च को भी बचाएगा। आज देश में तेजी से एविएशन सेक्टर में वृद्धि हो रही है। भारतीय कंपनियां सैकड़ों नए विमान खरीद रही हैं। उसके लिए भी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की बहुत बड़ी भूमिका होगी। यह एयरपोर्ट विमानों के रखरखाव रिपेयर और ऑपरेशन का भी देश का सबसे बड़ा सेंटर होगा। यहां 40 एकड़ में मेंटेनेंस रिपेयर एमआरओ सुविधा विकसित होगी। यह हब देश-विदेश के विमानों को सर्विस देगा। पीएम बोले, "अब कल्पना कीजिए आज भी हम अपने 85% विमानों को एमआरओ सेवा के लिए विदेश भेजते हैं। इस काम के पीछे हर वर्ष 15,000 करोड रुपए खर्च होते हैं। अंदाजा लगाइए की केवल 30 हजार करोड़ रुपये में यह पूरा प्रोजेक्ट बनने वाला है। सिर्फ रिपेयरिंग के लिए हर साल 15,000 करोड़ रुपये बाहर जा रहे हैं। इस पैसे का अधिकांश हिस्सा दूसरे देशों को जाता है। अब यह एयरपोर्ट सिटी को भी बदलने में मदद करेगा।"

3. न्यू डेवलपमेंट : लैंडलॉक्ड स्टेट यूपी में कार्गो इंडस्ट्री विकसित होगी
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के शिलान्यास समारोह में भाग लेने के लिए करीब 2 लाख लोग पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा, "इस एयरपोर्ट के माध्यम से पहली बार देश में इंटीग्रेटेड मल्टी मॉडल कार्गो विकसित होंगे। इससे पूरे देश को नई गति मिलेगी। एक नई उड़ान मिलेगी। हम सभी यह जानते हैं कि जिन राज्यों की सीमा समुंदर से सटी होती है, उनके लिए बंदरगाहों की बहुत बड़ी ताकत विकास में काम आती है। लेकिन यूपी जैसे लैंडलॉक राज्यों के लिए यही भूमिका एयरपोर्ट की होती है।" यहां एक बार फिर प्रधानमंत्री ने इंटरनेशनल प्रोजेक्ट को लोकल कनेक्ट दिया। उन्होंने कहा, "अलीगढ़, मथुरा, बिजनौर, मेरठ, आगरा, मुरादाबाद और बरेली समेत अनेकों उद्योग क्षेत्र हैं। एग्रीकल्चर सेक्टर में भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश की अहम हिस्सेदारी है। अब इन क्षेत्रों का सामर्थ्य बहुत ज्यादा बढ़ जाएगा। यह इंटरनेशनल एयरपोर्ट इस पूरे इलाके को अंतर्राष्ट्रीय बाजारों से सीधे कनेक्ट करेगा। अब यहां पर किसान साथी और विशेष रूप से छोटे किसान फल, सब्जी और मछली जैसी जल्दी खराब होने वाली उपज को सीधे एक्सपोर्ट कर पाएंगे।

4. टूरिज्म एंड कल्चर : कलाकारों और धार्मिक स्थलों को बड़ा फायदा मिलेगा
प्रधानमंत्री ने इंफ्रास्ट्रक्चर, एग्रीकलचर और इंडस्ट्री से आगे बढ़कर टूरिज्म और हेरिटेज को मिलने वाले लाभों की जानकारी भी आम आदमी तक पहुंचाई। इस मुद्दे पर भी प्रधानमंत्री ने जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को लोकल कनेक्ट दिया और उन्होंने कहा, "हमारे खुर्जा क्षेत्र के कलाकार, मेरठ की स्पोर्ट्स इंडस्ट्री, सहारनपुर का फर्नीचर, मुरादाबाद का पीतल उद्योग, आगरा का फुटवियर और पेठा विदेशों तक जाएगा। पश्चिमी यूपी के सामान को विदेशी मार्केट तक पहुंचने में अब और आसानी होगी। क्षेत्र में एयरपोर्ट के आने से परिवर्तन का ऐसा चक्र शुरू होता है, जो चारों दिशाओं को लाभ पहुंचाता है। हवाईअड्डे के निर्माण के दौरान रोजगार के हजारों अवसर बनते हैं।" पीएम ने आगे कहा, "जब एयर कनेक्टिविटी बढ़ती है तो टूरिज्म भी फलता-फूलता है। हम सभी ने देखा है कि माता वैष्णो देवी की यात्रा हो या फिर केदारनाथ यात्रा हो, हेलीकॉप्टर सेवा से जुड़ने के बाद वहां श्रद्धालुओं की संख्या में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है। पश्चिमी यूपी के प्रसिद्ध टूरिस्ट और आस्था से जुड़े बड़े केंद्रों के लिए नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट यही काम करने वाला है।"

5. इंफ्रास्ट्रक्चर : पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बड़े प्रोजेक्ट पटरी पर आए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वेस्ट यूपी में चल रहे बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट का हवाला देते हुए बोले, "आजादी के इतने दशक बाद उत्तर प्रदेश को प्राथमिकता मिली है। जिसका वह हमेशा से हकदार रहा है। डबल इंजन की सरकार के प्रयासों से आज उत्तर प्रदेश, देश के सबसे कनेक्टेड क्षेत्र में परिवर्तित हो रहा है। यहां पश्चिमी यूपी में लाखों-करोड़ों रुपए के प्रोजेक्ट तेजी से चल रहे हैं। रैपिड रेल कॉरिडोर, एक्सप्रेसवे, मेट्रो कनेक्टिविटी, पूर्वी और पश्चिमी समंदर से यूपी को जोड़ने वाले डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर यूपी की नई पहचान बन रहे हैं। आजादी के इतने सालों तक तो उत्तर प्रदेश को ताने सुनने के लिए मजबूर कर दिया गया था। कभी गरीबी के ताने, कभी जात-पात की राजनीति के ताने, कभी हजारों करोड़ के घोटालों के ताने, कभी खराब सड़कों के ताने, कभी उद्योगों के अभाव, कभी ठहरे विकास के ताने, अपराधी माफिया और राजनीति के गठजोड़ के ताने यूपी ने सहे हैं। यूपी के कोटि कोटि सामर्थ्यवान लोगों का यही सवाल था कि क्या वाकई कभी यूपी की एक सकारात्मक छवि बन पाएगी? पहले की सरकारों ने जिस उत्तर प्रदेश को अभाव और अंधकार में बनाए रखा। पहले की सरकारों ने उत्तर प्रदेश को हमेशा झूठे सपने दिखाए। आज वही उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छाप छोड़ रहा है।

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