खुद को गांव वाला बताकर मुआवजा लेने पहुंच गए फरीदाबाद, पलवल और गाजियाबाद के लोग, एसडीएम के सामने किया बवाल

जेवर एयरपोर्ट : खुद को गांव वाला बताकर मुआवजा लेने पहुंच गए फरीदाबाद, पलवल और गाजियाबाद के लोग, एसडीएम के सामने किया बवाल

खुद को गांव वाला बताकर मुआवजा लेने पहुंच गए फरीदाबाद, पलवल और गाजियाबाद के लोग, एसडीएम के सामने किया बवाल

Tricity Today | एसडीएम के सामने रोए लोग

Jewar Airport News : खुद को गांव वाला बताकर फरीदाबाद, पलवल और गाजियाबाद के लोग आज मुआवजा लेने जेवर पहुंच गए। सोमवार को ग्रेटर नोएडा में जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने के लिए जमीन देने वाले किसानों की समस्याएं सुनने एसडीएम गई थीं। तभी कुछ महिलाएं और लोग पहुंचे और हायतौबा मचानी शुरू कर दी। भीड़ में शामिल लोगों ने उसकी वीडियो बनाई और सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। अब यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस बारे में जिलाधिकारी सुहास एलवाई का कहना है कि कुछ लोग लंबे अरसे पहले गांव छोड़कर जा चुके हैं। इनकी जमीन या घर का अधिग्रहण एयरपोर्ट के लिए नहीं किया गया है। अब यह लोग खुद को गांव का मूल निवासी बताकर पैसा और जमीन मांग रहे हैं।



जेवर एयरपोर्ट के लिए 6 गांवों रोही, पारोही, किशोरपुर, खेड़ा दयानतपुर, रनहेरा और बनवारीवास गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है। अब एयरपोर्ट का निर्माण शुरू करने करने के लिए रोही गांव और इसके मजरों नंगला गणेशी, नंगला छीतर, नंगला हुकुम, खेड़ा और नंगला फूल खान को विस्थापित किया जा रहा है। इन गांवों को हटाने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है।

गांवों से विस्थापित हो रहे किसानों की समस्याएं सुनने के लिए एसडीएम गुंजा सिंह नांगल छीतर गई थीं। तभी कुछ महिलाएं और एक पुरुष वहां पहुंचे और हायतौबा करने लगे। व्यक्ति रोकर कह रहा था, "क्या मैं इस गांव का निवासी नहीं हूं। मेरा इस गांव से कोई रिश्ता नहीं है। मुझे कुछ नहीं मिला।" एसडीएम के सामने महिला चीख रही थी। एसडीएम ने उन्हें आराम से बैठकर अपनी बात कहने के लिए बोला। इसी दौरान भीड़ में शामिल युवकों ने इस हायतौबा का वीडियो बना लिया। इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर किया। साथ में लिखा कि जेवर एयरपोर्ट को जमीन देने वाले किसान एसडीएम के सामने फूट फूटकर रोए। अब यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

क्या है पूरा मामला
नांगल छीतर गांव के कई दलित परिवार पलवल, फरीदाबाद और दूसरे शहरों में रह रहे हैं। इनमें से कई के घर अब गांव में नहीं हैं। इनके नाम पर जमीन भी नहीं है। लिहाजा, जेवर हवाई अड्डे के लिए इनकी जमीन या घर का अधिग्रहण नहीं किया गया है। गांव में नहीं रहने के कारण यह लोग खेतिहर मजदूर की श्रेणी में भी नहीं हैं। जिसके चलते इन्हें कोई लाभ नहीं दिया गया है। अब जब गांव विस्थापित हो रहा है तो ऐसे कई परिवार गांव में अपने रिश्तेदारों के यहां लौट आए हैं। खुद को गांव का निवासी बताकर जेवर टाउनशिप में घर बनाने के लिव भूखंड और नौकरी की एवज में 5 लाख रुपये का मुआवजा मांग रहे हैं। ऐसी ही दो महिलाएं उर्मिला और प्रमिला सोमवार को अपने परिवार के साथ एसडीएम के पास पहुंची और हंगामा खड़ा कर दिया।

नियमों के तहत प्रत्येक परिवार को पूरा लाभ मिला : डीएम
इस पूरे प्रकरण के बारे में गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने कहा, "जेवर एयरपोर्ट से प्रभावित सभी परिवारों को लाभ दिए गए हैं। जो लोग गांव में बरसों से रह नहीं रहे हैं, उनके गांव में घर नहीं हैं, उनके नाम पर जमीन नहीं हैं, ऐसे लोगों किस आधार पर लाभ दिया जा सकता है। ऐसे ही कई परिवार बार-बार गलत ढंग से दबाव बना रहे हैं। मौके पर काम कर रहे अफसरों को बदनाम करने की धमकी दे रहे हैं। जिन किसानों की जमीन का अधिग्रहण हुआ और विस्थापन किया जा रहा है, उन्हें मुआवजा, भूखंड और नौकरी का लाभ दिया गया है। ऐसे किसी किसान की कोई शिकायत नहीं है। विस्थापित हो रहे किसानों की कुछ परेशानी हैं, उनका हम समाधान शिद्दत से कर रहे हैं।"

जेवर विधायक से भी मिले थे बवाल करने वाले लोग
जिन लोगों ने सोमवार को नांगल छीतर गांव में एसडीएम गुंजा सिंह के सामने बवाल किया है, वह सुबह जेवर के विधायक धीरेन्द्र सिंह से मिलने गए थे। उनसे कहा था कि उन्हें भी गांव का मूल निवासी होने के नाते भूखंड और नौकरी का लाभ दिया जाना चाहिए। विधायक ने उन्हें बताया था कि भूमि अधिग्रहण कानून और सोशल इंपैक्ट एसेसमेंट के तहत ऐसे मामलों में लाभ देने का नियम नहीं है। लिहाजा, इस मुद्दे पर एक बार जिला प्रशासन से बात करेंगे। विधायक के यहां से लाभ मिलता न देखकर यह लोग सीधे नंगला छीतर गांव पहुंचे और बवाल कर दिया।

जेवर के एसडीएम ने कहा
राजपाल, नेम सिंह और डम्बर सिंह ने गांव से विस्थापित लोगों की तरह टाउनशिप में भूखंड देने के लिए आवेदन किया था। प्रशासन ने जांच की। जिसमें पता लगा कि यह तीनों लोग 15 वर्ष पूर्व गांव छोड़कर चले गए थे। यह लोग फरीदाबाद, पलवल और गजियाबाद में रह रहे हैं। इनके आधार कार्ड, बैंक पासबुक और तमाम दूसरे दस्तावेज वहीं के पतों पर हैं। लिहाजा, यह लाभ नहीं दिया गया। जांच के दौरान गांव वालों ने भी बताया कि यह तीनों गांव में नहीं रहते हैं। अब सोमवार को जब इन्हें बताया गया कि लाभ नहीं दिया जा सकता तो बवाल करने लगे। इनमें से एक व्यक्ति उधम सिंह ने एसडीएम के सामने हायतौबा मचाई। खुद को चोट पहुंचाने की कोशिश की। मौके पर मौजूद पुलिस ने उसे अस्पताल पहुंचाया। गांव में 767 परिवार विस्थापन से प्रभावित हैं। उन्हें पूरे लाभ दिए जा रहे हैं। इन लोगों ने प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए बवाल किया और वीडियो बनाया है। गलत शिकायत की जा रही है।

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