अगर प्लॉट आवंटन के बाद से कोई क़िस्त जमा नहीं की तो भी मिलेगी राहत, 40 हजार आवंटियों का जुर्माना माफ होगा

यमुना अथॉरिटी का बड़ा फैसला : अगर प्लॉट आवंटन के बाद से कोई क़िस्त जमा नहीं की तो भी मिलेगी राहत, 40 हजार आवंटियों का जुर्माना माफ होगा

अगर प्लॉट आवंटन के बाद से कोई क़िस्त जमा नहीं की तो भी मिलेगी राहत, 40 हजार आवंटियों का जुर्माना माफ होगा

Tricity Today | CEO Yamuna Authority Dr. Arunvir Singh

  • अथॉरिटी 40 हजार आवंटियों का जुर्माना माफ करेगी
  • प्राधिकरण की योजना पर शासन ने मुहर लगा दी है
  • योजना से ग्रुप हाउसिंग और बिल्डर टाउनशिप बाहर है
  • प्राधिकरण जल्द योजना की तिथि घोषित करेगा
यमुना प्राधिकरण (Yamuna Authority) ने सोमवार को बड़ा फैसला लिया है। अथॉरिटी 40 हजार आवंटियों का जुर्माना माफ करेगी। प्राधिकरण की वन टाइम सेटलमेंट (One time settlement policy of Yamuna Authority) योजना पर शासन ने मुहर लगा दी है। संपत्ति आवंटन से लेकर अब तक अगर किसी आवंटी की किस्त नहीं जमा हो पाई और उस पर जुर्माना लगा दिया गया है तो वह जुर्माना नहीं देना पड़ेगा। इस योजना से ग्रुप हाउसिंग और बिल्डर टाउनशिप को बाहर रखा गया है। प्राधिकरण जल्द ही इसको लेकर आदेश जारी करके योजना लागू करने की तिथि घोषित करेगा।

यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में 2009 में 21 हजार आवासीय भूखंडों की योजना निकाली गई थी। इसके बाद आवासीय, कमर्शियल और औद्योगिक आदि तमाम योजनाएं निकलती रही हैं। अब तक प्राधिकरण क्षेत्र में करीब 40 हजार आवंटी हैं। आवंटियों की लगातार किस्तें डिफाल्ट होती रही हैं। इसको लेकर आवंटी प्राधिकरण से जुर्माना माफ करने के लिए ओटीएस योजना लाने की मांग करते रहे। प्राधिकरण ओटीएस योजना के लिए अपने बोर्ड में प्रस्ताव लेकर गया। बोर्ड ने कहा कि इसकी अनुमति शासन से ली जाए। बोर्ड से प्रस्ताव पास होने के बाद इसे शासन को भेज दिया था। 

योजना से ग्रुप हाउसिंग और बिल्डर टाउनशिप बाहर
अब शासन ने 7 जुलाई को इस योजना पर अपनी मुहर लगा दी। यमुना प्राधिकरण अब जल्द ही इसका कार्यालय आदेश जारी करके ओटीएस को लागू कर देगा। इस योजना से ग्रुप हाउसिंग और बिल्डर टाउनशिप को बाहर रखा गया है। इससे आवंटियों को राहत मिलेगी। प्राधिकरण की योजना लागू होने के बाद डिफाल्टर आवंटियों को आवेदन करना होगा।

इस तरह डिफाल्टर आवंटियों को आवेदन करना है
ईडब्ल्यूएस भवन, भूखंड के स्वामियों को 100 रुपये प्रोसेसिंग फीस के साथ 5,000 रुपये जमा करने होंगे। इसी तरह एलआईजी भवन और भूखंड के आवंटियों को 500 रुपये प्रोसिंस फीस के साथ 10 हजार रुपये और अन्य श्रेणी की आवासीय, मिश्रित उपयोग की संपत्तियां, दुकानों व दुकानों के भूखंड आदि के लिए 2,100 रुपये प्रोसेसिंग फीस के साथ 50 हजार रुपये जमा करने होंगे। इसके अलावा संस्थागत संपत्तियों के लिए 11 हजार रुपये प्रोसेसिंग फीस और पांच लाख रुपये प्रारंभिक धनराशि जमा करनी होगी। इसके बाद आपने आवेदन पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

प्रोसेसिंग फीस वापस नहीं होगी, प्रारंभिक धनराशि समायोजित होगी
योजना के मुताबिक प्रोसेसिंग फीस वापस नहीं होगी। बल्कि यह एक प्रकार का शुल्क है। प्रारंभिक धनराशि को देयता में समायोजित कर दिया जाएगा। ओटीएस में ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से आवेदन किया जा सकेगा। ओटीएस को लेकर उत्तर प्रदेश शासन के संयुक्त सचिव अनिल कुमार की ओर से आदेश जारी किया गया है। यह आदेश प्रदेश के सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के लिए है। जो औद्योगिक विकास प्राधिकरण चाहे, वह इस योजना को लागू कर सकता है। इससे आवंटियों को राहत मिल सकती है।

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