एयरपोर्ट, फिल्म सिटी, हेरिटेज सिटी और लॉजिस्टिक हब बदलेंगे सूरत

यमुना प्राधिकरण स्थापना दिवस विशेष: एयरपोर्ट, फिल्म सिटी, हेरिटेज सिटी और लॉजिस्टिक हब बदलेंगे सूरत

एयरपोर्ट, फिल्म सिटी, हेरिटेज सिटी और लॉजिस्टिक हब बदलेंगे सूरत

Tricity Today | Yamuna Authority

यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Yamuna Authority) ने अपने 20 वर्षों के सफर में कई ऊंचाइयों को छुआ है। जेवर एयरपोर्ट पर मुहर लगने के साथ ही यहां औद्योगिक विकास ने रफ्तार पकड़ ली है। यीडा ने प्रदेश में कलस्टर बनाकर औद्योगिक भूखंडों का आवंटन किया है। एयरपोर्ट के अलावा यहां फिल्म सिटी, राया हेरिटज सिटी, टप्पल लॉजिस्टिक हब समेत कई बड़ी परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इन परियोजनाओं पर 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च होंगे। दावा है कि 2023-24 तक ये परियोजनाएं शुरू हो जाएंगी। यीडा का गठन 2001 में हुआ था। 2009 में यहां पर 21 हजार भूखंडों की आवासीय योजना आई थी। 

इसके बाद यहां पर औद्योगिक, व्यावसायिक, हाउसिंग सोसाइटी, आवासीय योजनाओं को लांच करने की रफ़्तार काफी धीमी थी। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद जेवर एयरपोर्ट पर मुहर लगी। अब हालत यह है कि एयरपोर्ट की सारी औपचारिकताएं पूरी हो गईं। कोरोना महामारी पर अंकुश लगने के बाद इसका शिलान्यास होने की उम्मीद है। स्विस कंपनी ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी इसका विकास करेगी। पहला चरण 1334 हेक्टेयर में मूर्त रूप लेगा। पहले चरण में करीब 30 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। एयरपोर्ट इस इलाके की सूरत बदल देगा।

एयरपोर्ट आने के बाद यहां पर औद्योगिक निवेश तेजी से बढ़ा है। यहां पर वीवो, बॉडी केयर, इंग टांग, इशी टेक्नोलॉजी, देव फार्मेसी, क्वालिटी बिल्टकॉन, मटेंड लिमिटेड, राज कारपोरशन, गेलवेनो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, बीकानेर, हल्दीराम, हॉलिस्टिक इंडिया लिमिटेड, सूर्या ग्लोबल, क्वाडरेंट, स्वास्तिक इंडस्ट्रीज, नर्सी मोंजी विश्वविद्यालय समेत दर्जनों बड़ी कंपनियों ने यहां पर जमीन आवंटित कराई है। इसके अलावा प्राधिकरण ने प्रदेश में पहली कलस्टर इंडस्ट्री की शुरुआत की है। यहां पर हैंडीक्राफ्ट पार्क, अपैरल पार्क, एमएसएमई पार्क, ट‘वाय सिटी आदि विकसित की हैं। इनमें भूखंडों का आवंटन किया जा चुका है।

यमुना प्राधिकरण ने फिल्म सिटी विकसित करने की तैयारी की है। एक हजार एकड़ में विकसित होने वाली फिल्म सिटी की डीपीआर बन चुकी है। इसके विकासकर्ता का चयन करने के लिए जल्द ही टेंडर निकाले जाएंगे। यह परियोजना करीब 10 हजार करोड़ की है। इसके अलावा 9 हजार हेक्टेयर में राया हेरिटेज सिटी बसाई जानी है। पहले चरण में इस पर करीब 10 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसकी ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। डीपीआर बनने के बाद विकासकर्ता का चयन किया जाएगा। इसी तरह टप्पल-बाजना में 11 हजार हेक्टेयर में लॉजिस्टिक हब विकसित किया जाना है। इसकी डीपीआर बनाने के लिए कंपनी का चयन किया जा चुका है। दो महीने में यह रिपोर्ट बन जाएगी। यमुना प्राधिकरण ने आर्थिक मोर्चे पर पकड़ मजबूत कर ली है। कोरोना महामारी के बावजूद इस वित्तीय वर्ष में यमुना प्राधिकरण ने 2200 करोड़ से अधिक की कमाई की है।

पिछले वित्तीय वर्ष में यह आंकड़ा 1198 करोड़ रुपये का था। प्राधिकरण को सर्वाधिक फायदा भूखंड योजनाओं से हुआ है। जेवर एयरपोर्ट, ढांचागत विकास कार्यों में वित्त वर्ष 2019-20 में आवंटित राशि का 90 फीसद खर्च हुआ है। एयरपोर्ट बनने के बाद यमुना प्राधिकरण जल्द होटल इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए योजना लाएगा। यह योजना यमुना एक्सप्रेस वे के किनारे होगी। इसके अलावा प्राधिकरण ने एक ग्रीन सिटी विकसित करने की तैयारी की है। इसके लिए सलाहकार कंपनी का चयन किया गया है। यह ऐसा शहर होगा, जहां पर हर सुविधाएं मौजूद होंगी। यहां पर कार्बन उत्सर्जन ना के बराबर होगा। प्राधिकरण ने एयरपोर्ट और अपने सेक्टरों तक आने-जाने के लिए आवागमन के साधनों को बढ़ाने पर जोर दिया है। ग्रेटर नोएडा से जेवर तक मेट्रो चलाई जाएगी। इसकी संशोधित डीपीआर पर काम चल रहा है। इसके अलावा एयरपोर्ट से फिल्म सिटी तक पॉड टैक्सी चलाई जाएगी। इसकी भी डीपीआर बनाई जा रही है। साथ ही जेवर को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे से भी जोड़ा जाएगा। इस पर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

यमुना प्राधिकरण में कोविड महामारी के चलते स्थापना दिवस पर कोई कार्यक्रम नहीं हुआ। कोविड नियमों का पालन किया गया। पिछले साल भी कोविड का साया था और कार्यक्रम नहीं हुआ। अफसरों का कहना है कि पहले कोरोना महामारी से निपटना है। इसके लिए सभी को एकजुट होकर काम करना है।

 

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