Yamuna Authority के दफ्तर में अब न अर्जी चलेंगी और न फाइल बनेंगी, जानिए कैसे काम करेगा नया सिस्टम

Good News : Yamuna Authority के दफ्तर में अब न अर्जी चलेंगी और न फाइल बनेंगी, जानिए कैसे काम करेगा नया सिस्टम

Yamuna Authority के दफ्तर में अब न अर्जी चलेंगी और न फाइल बनेंगी, जानिए कैसे काम करेगा नया सिस्टम

Tricity Today | Yamuna Authority

यमुना प्राधिकरण (Yamuna Authority) मैं तमाम व्यवस्थाएं डिजिटल फॉर्म में आने वाली हैं। दफ्तर में काम करने वाले कर्मचारी और अफसर से लेकर आवंटी तक एक क्लिक के जरिए सारे काम निपटाएंगे। प्राधिकरण के दफ्तर में अब ना अर्जियां चलेंगी और ना फाइलें बनाई जाएंगी। प्राधिकरण को ई-ऑफिस (ईआरपी) बनाने के लिए कवायद शुरू हो गई है। ईआरपी सॉल्यूशन के लिए कंपनी का चयन करने के लिए आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) निकाला जाएगा। आगामी 15 दिनों में आरएफपी का मसौदा तैयार हो जाएगा। वहीं, केंद्र सरकार की संस्था एनआईसी के निक्सी साफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए फाइलों का डिजिटलाइजेशन पहले हो चुका है। प्राधिकरण ने इसके संचालन के लिए एनआईसी से पांच साल का अनुबंध किया है। एनआईसी के कर्मचारी ही उसको संचालित करेंगे।

यमुना प्राधिकरण को पूरी तरह ई ऑफिस बनाया जाएगा। इसके लिए ईआरपी सॉल्यूशन सिस्टम बनाया जाएगा। इसके लिए आरएफपी निकाला जाएगा ताकि कंपनी का चयन किया जा सके। आरएफपी को फाइनल करने के लिए विशेषज्ञों की सलाह ली जाएगी। ताकि कोई पहलू छूट ना जाए। इसके लिए अर्नेस्ट एंड यंग एजेंसी ईओआई (एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट) निकालेगी। यह काम सोमवार को हो जाएगा। ईआरपी में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, अलाटी मैनेजमेंट सिस्टम, बिल्डिंग प्लान, मैप अप्रूवल सिस्टम आदि को शामिल किया जाएगा। इसके अलावा इसमें क्या-क्या और शामिल किया जाए, इसके लिए ईओआई निकाला जा रहा है। अफसरों ने बताया कि 15 दिन में आरएफपी निकाल दिया जाएगा।

ईआरपी की ये होगी खासियत
  1. लैंड मैनेजमेंट सिस्टम बनाया जाएगा। इसमें यह पता चल सकेगा कि प्राधिकरण की जमीन कहां-कहां पर है। कितने में निर्माण या आवंटित की जा चुकी है। कितनी जमीन खाली पड़ी है। यह सब जीआईएस बेस होगा ताकि एक क्लिक पर सब कुछ मिल सके।
  2. अलाटी मैनेजमेंट सिस्टम को प्राधिकरण ने तैयार करवा लिया है। इसे और अपग्रेड किया जाएगा। इस सिस्टम के जरिये ऑफिस की हर गतिविधि पर अफसरों की नजर रहेगी। कौन सी फाइल कहां पर है, कितनी शिकायतें आईं, कितनी निस्तारित हुईं आदि पर निगरानी रखी जा सकेगी।
  3. इस सिस्टम के जरिये बिल्डिंग प्लान, नक्शा पास कराने में आसानी रहेगी। बिना दफ्तर आए इन सुविधाओं का लाभ लिया जा सकेगा।
अब फाइलें डिजिटल मिलेंगी, एनआईसी के कर्मचारी चलाएंगे सिस्टम
यमुना प्राधिकरण ने केंद्र सरकार की संस्था एनआईसी से पांच साल का अनुबंध किया है। प्राधिकरण सरकार के साफ्टवेयर निक्सी का इस्तेमाल करेगा। इसके लिए फाइलों का आवागमन डिजिटल हो जाएगा। प्राधिकरण पहले ही फाइलों का डिजिटलाइजेशन कर चुका है। प्राधिकरण ने एनआईसी के साथ अनुबंध कर लिया है। इस साफ्टवेयर का इस्तेमाल करने के लिए प्राधिकरण ने 34.11 लाख रुपये खर्च किए हैं। साथ ही एनआईसी के 9 कर्मचारी भी यहां काम करेंगे। इससे इस काम को आसानी से किया जा सकेगा। जल्द ही यह सेवा शुरू हो जाएगी। इससे फाइलों का आवागमन डिजिटल हो जाएगा। कोई भी अफसर या कर्मचारी फाइल को अपने पास तय समय से अधिक तक लंबित नहीं रख सकेगा।

यमुना प्राधिकरण अपने आफिस को ई दफ्तर बनाएगा। इसके लिए ईआरपी सिस्टम बनवाया जाएगा। इसके लिए 15 दिनों में आरएफपी निकाला जाएगा। साथ ही फाइलों के डिजिटल मूवमेंट के लिए एनआईसी से पांच साल का अनुबंध किया है। केंद्र सरकार के साफ्टवेयर पर यह काम होगा।
- डॉ.अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण

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