यमुना प्राधिकरण ने जेपी समूह को कहा- फॉर्मूला वन सर्किट बचाना है तो 100 करोड़ जमा करो

बड़ी खबर : यमुना प्राधिकरण ने जेपी समूह को कहा- फॉर्मूला वन सर्किट बचाना है तो 100 करोड़ जमा करो

यमुना प्राधिकरण ने जेपी समूह को कहा- फॉर्मूला वन सर्किट बचाना है तो 100 करोड़ जमा करो

Tricity Today | फॉर्मूला वन सर्किट

Greater Noida News : यमुना प्राधिकरण (Yamuna Authority) ने जेपी स्पोर्ट्स कंपनी (Jaypee Sports International) को पत्र जारी किया है। अथॉरिटी ने कम्पनी को 10 प्रतिशत पैसा जमा करने के लिए कहा है। अगर कंपनी पैसा जमा कर देगी तो बकाया जमा करने के लिए क़िस्त बना दी जाएंगी। उसका रद्द आवंटन बहाल कर दिया जाएगा। आपको बता दें कि यमुना एक्सप्रेसवे (Yamuna Expressway) के किनारे इसी जमीन पर बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट है।

यमुना प्राधिकरण ने वर्ष 2009 में जेपी समूह की कंपनी जेपी स्पोर्ट्स सिटी को 1,000 हेक्टेयर जमीन का आवंटन किया था। जेपी स्पोर्ट्स कंपनी प्राधिकरण का बकाया नहीं चुका पा रही थी। करीब 950 करोड़ रुपये बकाया होने पर प्राधिकरण ने 12 फरवरी 2020 को इसका आवंटन रद्द कर दिया था। प्राधिकरण के इस फैसले के खिलाफ जेपी समूह हाईकोर्ट पहुंच गया। अदालत के आदेश के बाद कंपनी ने प्राधिकरण में 100 करोड़ रुपए जमा करवाए। इसके बाद मामले को सुनने के लिए प्राधिकरण तैयार हुआ।

जेपी समूह ने रद्द आवंटन को बहाल करने के लिए यमुना प्राधिकरण में आवेदन किया। आवेदन में बकाया 2030 तक जमा करने की मांग की गई। 28 जून को यमुना प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में शर्तों के साथ रद्द आवंटन बहाल करने पर मुहर लगा दी है। बोर्ड ने कहा कि जेपी समूह को बकाया 2023 तक जमा करना होगा। बाकी पैसे का रिशेड्यूलमेंट कराने के लिए बकाये का 10 प्रतिशत जमा करना होगा। अब यमुना प्राधिकरण ने बोर्ड के पारित प्रस्ताव की जानकारी जेपी स्पोर्ट्स कंपनी को पत्र भेजकर दी है। पत्र में 10 प्रतिशत पैसा जमा करने के लिए कहा गया है। अगर कंपनी पैसा जमा करती है तो उसका रद्द आवंटन बहाल हो जाएगा। साथ ही उसे बकाया पैसा जमा करने के लिए किश्ते बना दी जाएंगी। जेपी समूह के पैसा जमा करने के बाद रद्द आवंटन बहाल हो जाएगा। इससे जेपी स्पोर्ट्स की परियोजना फिर से गुलजार हो सकेगी।

आपको बता दें कि इसी जमीन पर बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट है। यहां वर्ष 2011, 2012 और 2013 में एफ वन रेस का आयोजन किया गया था। करीब 12 हजार करोड़ रुपये की यह परियोजना खटाई में पड़ी हुई है। अगर जेपी समूह अगले एक महीने में 100 करोड़ रुपये जमा कर देती है तो उसे बड़ी राहत मिल सकती है।

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