यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ग्रीन सिटी नाम से एक नया शहर बसाने की योजना पर काम कर रहा है। यह नया शहर 1500 हेक्टेयर में बसाया जाएगा। इसका खाका खींचने के लिए कंपनी का चयन कर लिया गया है। नए शहर की खास बात यह होगी, कि यहां के कुल क्षेत्रफल के 50 फीसदी में पेड़-पौधे और हरियाली रहेगी। इस लिए इस शहर में रहने के खास अनुभव मिलेगा। यीडा ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) की परिधि के बाहर और 10 किलोमीटर के दायरे में ग्रीन सिटी बसाने का प्लान बनाया है।
जेवर एयरपोर्ट के 10 किमी दायरे में बसेगा शहर
बताते चलें कि जेवर एयरपोर्ट (Jewar Airport) का निर्माण जल्द शुरू किया जाएगा। इसके लिए कागजी प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली गई है। इसी अप्रैल-मई में इसकी नींव रखी जा सकती है। एयरपोर्ट बनने की वजह से यमुना सिटी में निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। आवासीय, औद्योगिक, व्यावसायिक और शैक्षणिक संस्थान यहां जमीन की तलाश में हैं। प्रस्तावित फिल्म सिटी की वजह से भी निवेशकों को बल मिला है। इसे देखते हुए यीडा ने एयरपोर्ट की परिधि के बाहर और 10 किलोमीटर के दायरे में ग्रीन सिटी बसाने का प्लान बनाया है। प्राधिकरण ने सरकारी एजेंसी अर्नेस्ट एंड यंग को इस कार्य के लिए चुना है। यह एजेंसी दो महीने में रिपोर्ट तैयार कर प्राधिकरण को सौंपेगी। रिपोर्ट के आधार पर ग्रीन सिटी परियोजना परवान चढ़ेगी।
50 प्रतिशत हरियाली रहेगी
नए ग्रीन सिटी में हरियाली राष्ट्रीय मानक 33 फीसदी से ज्यादा, करीब 50 फीसदी रहेगी। मतलब महज 50 फीसदी क्षेत्र पर नया शहर बसेगा। इस ग्रीन सिटी में औद्योगिक कार्यों की इजाजत नहीं रहेगी। इससे प्रदूषण भी कम होगा। हालांकि लोगों की सुविधा के लिए जरूरत के सारे सामान मिलेंगे। रिहायश के अलावा मॉल, शोरूम, होटल, रेस्टोरेंट, शिक्षण संस्थान और हॉस्पिटल जैसी सारी सुविधाएं मिलेंगी। सिर्फ कामकाज के लिए ही इस सिटी से बाहर निकलना पड़ेगा।
प्राकृतिक ऊर्जा के इस्तेमाल की मिलेगी मंजूरी
यमुना प्राधिकरण ने एजेंसी अर्नेस्ट एंड यंग से एक खास सुविधा पर ध्यान रखने के लिए कहा है। प्राधिकरण ने शहर का खाका इस तरह खींचने का सुझाव दिया है, कि यहां ट्रांसपोर्ट की ज्यादा जरूरत न पड़े। बल्कि निवासी यहां पैदल चलने के लिए प्रोत्साहित हों। हालांकि इसके कुछ हिस्से में बैट्री व इलेक्ट्रिक वाहनों को चलाने की अनुमति दी जाएगी। ग्रीन सिटी में सिर्फ प्राकृतिक ऊर्जा के संसाधनों को ही मंजूरी मिलेगी। इस शहर में हाईराइज बिल्डिंग पर रोक रहेगी। सिर्फ कम फ्लोर की इमारत बनाने की अनुमति दी जाएगी। नई ग्रीन सिटी असली मायने में सपनों का आशियाना रहेगी।