यमुना प्राधिकरण ने भूखंडों का ड्रॉ टाला, कोरोना के चलते 25 हजार आवेदकों के पैसे फंसे

BIG NEWS: यमुना प्राधिकरण ने भूखंडों का ड्रॉ टाला, कोरोना के चलते 25 हजार आवेदकों के पैसे फंसे

यमुना प्राधिकरण ने भूखंडों का ड्रॉ टाला, कोरोना के चलते 25 हजार आवेदकों के पैसे फंसे

Tricity Today | भूखंडों की स्कीम का ड्रॉ टाला

यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Yamuna Expressway Authority) की आवासीय और औद्योगिक भूखंड की योजना का ड्रा टलने से बड़ा पेंच फंस गया है। इन स्कीम में आवेदन करने वाले करीब 25 हजार आवेदकों के लाखों रुपये अनिश्चितकाल के लिए फंस गए हैं। दरअसल कोरोना महामारी के बढ़ते खतरे को देखते हुए यमुना प्राधिकरण ने भूखंडों का ड्रॉ टाल दिया था। संक्रमण की वजह से हालात अब भी बदतर हैं। इसलिए अब ड्रॉ कब होगा, इसके बारे में स्पष्ट नहीं कहा जा सकता।

फरवरी में लॉन्च हुई थी स्कीम
प्राधिकरण की इन स्कीम में आवेदकों ने भूखंड की कुल कीमत का 10 फीसदी रकम रजिस्ट्रेशन के वक्त प्राधिकरण को जमा किया है। काफी आवेदकों ने रजिस्ट्रेशन का पैसा भी फाइनेंस कराया है। अब ऐसे आवेदकों को ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ेगा। बताते चलें कि यमुना प्राधिकरण ने गत 24 फरवरी को औद्योगिक भूखंड स्कीम लॉन्च किया था। इस योजना में 367 भूखंड हैं। इसमें टॉय सिटी में 24, हैंडिक्राफ्ट पार्क में 47 और सामान्य-एमएसएमई पार्क में 296 प्लॉट शामिल हैं। इसमें 450 वर्गमीटर से लेकर 3000 वर्गमीटर तक के प्लॉट उपलब्ध हैं। निवेश पोर्टल के जरिये योजना में आवेदन स्वीकार किया गया था।

कोरोना की वजह कई बार टाला गया
इस योजना में 4,450 लोगों ने आवेदन किया है। पहले इसका ड्रॉ 15 अप्रैल को किया जाना था। मगर कोरोना के चलते तिथि बढ़ाकर 26 अप्रैल की गई।  लेकिन महामारी की मार के चलते प्राधिकरण ने ड्रॉ को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया। मगर आवेदकों ने प्लॉट की कीमत का 10 फीसदी पैसा पंजीकरण शुल्क के रूप में जमा कर दिया है। यमुना प्राधिकरण के ओएसडी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके बताया कि औद्योगिक व आवासीय योजनाओं का ड्रॉ कोरोना महामारी के चलते अभी टाल दिया गया है। परिस्थितियां सामान्य होने पर ड्रॉ निकाला जाएगा।

पांच मई को होना था
यमुना प्राधिकरण ने मार्च में 440 आवासीय भूखंडों की योजना निकाली थी। इस योजना में 60 वर्ग मीटर, 90, 120, 200, 300, 500, 1000, 2000 और 4000 वर्ग मीटर के प्लॉट हैं। जेवर एयरपोर्ट (Jewar Airport) के नजदीक होने से इन भूखंडों को लेने के लिए लोग आए। इस योजना में 19239 आवेदकों ने आवेदन किया है। प्राधिकरण ने इन भूखंडों का ड्रॉ करने के लिए 5 मई की तिथि तय की थी। लेकिन कोरोना महामारी से डॉ को टाल दिया गया। अब हालात सामान्य होने पर डॉ का आयोजन होगा। 

फाइनेंस कराने वालों को नुकसान
औद्योगिक और आवासीय भूखंडों में तमाम आवेदकों ने रजिस्ट्रेशन मनी भी बैंक से फाइनेंस कराया है। ऐसे आवेदकों को ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा। उन्हें अधिक ब्याज देना पड़ेगा। आवेदकों ने ड्रॉ की तिथि के हिसाब से बैंक से फाइनेंस कराया था। उतने दिनों का ब्याज दिया था। नियमों के मुताबिक डॉ प्रक्रिया पूरी होने के बाद असफल आवेदकों का पैसा प्राधिकरण वापस कर देता है। मगर तब तक उन्हें बैंक को ब्याद देना होगा।
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