यमुना एक्सप्रेसवे के यात्रियों को अब मिलेंगी यह सुविधाएं-सुरक्षा, सीईओ ने कंपनी और बैंकों को एफआईआर की चेतावनी दी

खास खबर : यमुना एक्सप्रेसवे के यात्रियों को अब मिलेंगी यह सुविधाएं-सुरक्षा, सीईओ ने कंपनी और बैंकों को एफआईआर की चेतावनी दी

यमुना एक्सप्रेसवे के यात्रियों को अब मिलेंगी यह सुविधाएं-सुरक्षा, सीईओ ने कंपनी और बैंकों को एफआईआर की चेतावनी दी

Tricity Today | Dr Arunvir Singh IAS

यमुना एक्सप्रेसवे पर यात्रा करने वाले लोगों के लिए फास्ट टैग सिस्टम लागू करने और सफर को सुरक्षित बनाने के मुद्दे पर सोमवार को यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरुणवीर सिंह ने बैठक की। यमुना एक्सप्रेसवे का संचालन करने वाली कंपनी जेपी इंफ्राटेक और बैंकर इस बैठक में शामिल हुए। अरुणवीर सिंह ने साफ कहा कि फास्टैग और सुरक्षा उपायों को लेकर एक सप्ताह में जवाब दें। अगर जवाब नहीं आया तो सीधे एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। सीईओ का कहना है कि आम आदमी की सुविधा और सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह समझौता नहीं किया जा सकता है। लोग पैसा चुकाकर यमुना एक्सप्रेसवे पर यात्रा कर रहे हैं। उन्हें सुरक्षा और सुविधा हासिल करने का पूरा अधिकार है।

यमुना एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा उपायों को लेकर आईआईटी दिल्ली ने करीब 2 साल पहले अपनी सिफारिशें दी थीं। इन सिफारिशों पर अमल करने के लिए यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने जेपी इंफ्राटेक को आदेश दिया था। इन पर अभी तक बहुत कम काम हुआ है। दूसरी ओर देशभर के एक्सप्रेसवे और नेशनल हाइवे को फास्ट टैग टेक्नोलॉजी से जोड़ा जा रहा है, लेकिन अभी तक यमुना एक्सप्रेसवे पर फास्टटैग सिस्टम लागू नहीं किया गया है। इन दोनों मुद्दों को लेकर यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरुणवीर सिंह ने सोमवार को बोर्ड रूम में बैठक बुलाई थी। इस बैठक में जेपी इंफ्राटेक कंपनी के निदेशक मंडल और बैंकर शामिल हुए। दरअसल, जेपी इंफ्राटेक कंपनी के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में मुकदमा चल रहा है। जिसके मद्देनजर कंपनी बोर्ड में कर्जदाता बैंक भी शामिल हैं। 

सीईओ को बताया गया कि फास्टैग सिस्टम लागू करने के लिए बैंक तैयार नहीं हैं। दूसरी ओर जेपी इंफ्राटेक कंपनी का निदेशक मंडल सुरक्षा उपायों को लेकर संजीदा नहीं है। इस पर अरुणवीर सिंह ने कहा कि अगले एक सप्ताह में दोनों बिंदुओं पर रिपोर्ट पेश करें। बताएं कि किस तरह फास्टैग सिस्टम और सुरक्षा उपाय लागू करेंगे। अगर एक सप्ताह में रिपोर्ट नहीं भेजी गई तो सभी जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सीधे एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। अरुणवीर सिंह ने इस मसले पर कहा, "यमुना एक्सप्रेसवे पर लोग टोल के रूप में कीमत चुका कर यात्रा करते हैं। ऐसे में उन्हें पर्याप्त सुविधाएं और सुरक्षा हासिल करने का अधिकार प्राप्त है। आईआईटी दिल्ली ने करीब 2 साल पहले सुरक्षा उपायों पर एक रिपोर्ट दी थी। जिस पर अब तक कंपनी ने पूरी तरह अमल नहीं किया है।"

सीईओ ने आगे कहा, "यमुना एक्सप्रेसवे पर अक्सर देखने में आता है कि हादसे के दौरान वाहन लेन क्रॉस करके दूसरी तरफ चले जाते हैं। इससे हादसा और बड़ा हो जाता है। इन हालात पर काबू पाने के लिए आईआईटी दिल्ली ने सेंट्रल वर्ज पर क्रैश गार्ड लगाने की सिफारिश की है, जो अभी तक नहीं लगाई गई है। यमुना एक्सप्रेसवे पर सर्दियों के दिनों में हादसों की संख्या बढ़ने की संभावना रहती है। इसी को ध्यान में रखते हुए कंपनी बोर्ड को चेतावनी दी गई है।" सीईओ ने कहा कि देशभर के एक्सप्रेसवे और नेशनल हाईवे पर फास्टैग सिस्टम लागू हो गया है। जिससे लोगों को टोल प्लाजा पर बेहद कम समय लगता है, लेकिन यमुना एक्सप्रेसवे पर अभी यह व्यवस्था लागू नहीं की गई है। इस बारे में तमाम यात्री शिकायत कर रहे हैं। कंपनी और बैंकरों को फास्टैग सिस्टम भी जल्दी से जल्दी लागू करने के लिए कहा गया है। दोनों बिंदुओं पर एक सप्ताह में प्रोजेक्ट रिपोर्ट मांगी गई है। अगर रिपोर्ट नहीं भेजी जाती है तो सभी जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करवाई जाएगी।"

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