बड़ी खबरः दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर 250 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए, लेकिन कोरोना की वजह से अटका संचालन, बनेगी नई योजना

Social Media | सीसीटीवी कैमरा लगाते कर्मी



दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से जुड़ी बड़ी खबर है। वाहनों की गति पर नजर रखने और सुरक्षा के लिहाज से जरूरी 250 सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम पूरा हो गया है। सभी कैमरे अगले महीने से काम करने लगेंगे। क्योंकि अभी कई कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हैं। दिल्ली से मेरठ तक कोरोना का कहर भयावह है। इस वजह से कैमरों को फिलहाल चालू नहीं किया जा रहा है। साथ ही इस एक्सप्रेसवे का कंट्रोल रूम डासना में बनकर तैयार हो चुका है। 

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे को पिछले महीने एक अप्रैल को आम जनता के लिए खोला गया था। इसके बाद से ही इस पर गति मानकों और सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी लगाने की योजना चल रही थी। इस वक्त दिल्ली-मेरठ के चारों खंड पर वाहन फर्राटा भर रहे हैं। इन सब पर नजर रखने के लिए 250 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। खंड चार पर घूमने वाले कैमले लगे हैं। ये कैमरे चारों तरफ दो किलोमीटर तक के दायरे में होने वाली गतिविधियों पर नजर रखेंगे। कैमरों से वाहनों की रफ्तार पर नियंत्रण रखा जाएगा। 

अगर कोई वाहन निर्धारित क्षमता से ज्यादा गति से दौड़ता हुआ पाया गया, तो सीधे चालान कटेगा। इन सभी कैमरों को कंट्रोल रूम से जोड़ा जाना बाकी है। एनएचएआई और निर्माण एजेंसी के कई कर्मचारी-अफसर कोरोना की चपेट में हैं। इस वजह से फिलहाल इन्हें ऑपरेटिव नहीं किया जा सका है। लेकिन अफसरों का कहना है कि अगले महीने तक सभ चालू हो जाएंगे। फिलहाल इस एक्सप्रेसवे पर एंबुलेंस और दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को हटाने के लिए क्रेन का इंतजाम रखा गया है। 

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ 25 से ज्यादा गांव हैं। लेकिन रफ्तार और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी जगह प्वॉइंट नहीं दिए गए हैं। ऐसे में ज्यादातर लोग एक्सप्रेसवे पर पहुंचने के लिए अवैध कट बना लेते हैं। लेकिन सीसीटीवी कैमरे शुरू होने के बाद कोई अवैध कट नहीं बना सकेगा। अगर कोई ऐसा करने की कोशिश करेगा, तो इसकी जानकारी कंट्रोल रूम को पहुंच जाएगी।

इस एक्सप्रेसवे का कंट्रोल रूम डासना में बनाया गया है। हालांकि कोरोना महामारी की वजह से फिलहाल यह आरम्भ नहीं हो सका है। अफसरों का कहना है कि संक्रमण के बढ़ते मामलों की वजह से यह रुका है। अगले महीने तक कोरोना की स्थिति की समीक्षा की जाएगी। फिर इस कंट्रोल रूम को चालू करने का फैसला लिया जाएगा। अगर हालात सुधरते हैं तो अगले महीने इसे चालू किया जाएगा। लेकिन अगर कोरोना का कहर जानलेवा होता गया, तो समीक्षा के बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा।  

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