Delhi-NCR : बदलने वाला है एनसीआर का नक्शा, 24% क्षेत्रफल कम होगा, ये जिले हो रहे हैं बाहर

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो



Delhi-NCR News : बहुत जल्दी दिल्ली एनसीआर का नक्शा बदल जाएगा। इस इलाके का क्षेत्रफल करीब एक चौथाई कम होने वाला है। दरअसल, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में शामिल हरियाणा राज्य ने अपने कई जिलों को एनसीआर क्षेत्र से बाहर करने की तैयारी पूरी कर ली है। हरियाणा सरकार की ओर से यह प्रस्ताव बहुत जल्दी केंद्र सरकार और एनसीआर प्लानिंग बोर्ड को भेजा जाएगा। अगर हरियाणा सरकार का यह प्रस्ताव मंजूर हो गया तो एनसीआर का मौजूदा एरिया 24% घट जाएगा।

मनोहर लाल खट्टर सरकार ने 7 जिले बाहर करने का फैसला लिया
हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने एनसीआर से अपने पांच जिलों को बाहर करने का फैसला ले लिया है। सरकार की तरफ से यह प्रस्ताव एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के सामने रख दिया गया है। खास बात यह है कि हरियाणा राज्य सरकार की तरफ से भेजे गए प्रस्ताव पर एनसीआर में शामिल तीन अन्य राज्यों उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली की तरफ से कोई आपत्ति नहीं आई है। ऐसे में माना जा रहा है कि एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की अगली बैठक में हरियाणा का यह प्रस्ताव आसानी से पारित हो जाएगा। हरियाणा सरकार 5 जिलों को पूरी तरह और दो जिलों की कुछ तहसीलों को एनसीआर से बाहर रखना चाहती है।

हरियाणा के इन जिलों को बाहर किया जाएगा
  1. महेंद्रगढ़
  2. भिवानी
  3. चरखी दादरी
  4. करनाल
  5.  जींद
  6. पानीपत की दो तहसील
  7. रोहतक जिले की तीन तहसील 
पिछली सरकारों के विपरीत है यह कदम
भारत जनता पार्टी की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने हरियाणा की पिछली कांग्रेस सरकार के विपरीत यह कदम उठाया है। दरअसल, पिछली सरकार का जोर ज्यादा से ज्यादा जिलों को एनसीआर में शामिल कराने पर था। आपको बता दें कि रिजनल प्लान-2021 में एनसीआर के कुल क्षेत्रफल में हरियाणा का एरिया 13,413 वर्ग किलोमीटर था। पांच जिले शामिल करने की वजह से यह क्षेत्र बढ़कर 25,327 वर्ग किलोमीटर हो गया था। इस दौरान महेंद्रगढ़, भिवानी, चरखी-दादरी, करनाल और जींद को शामिल किया गया था। दूसरी ओर यूपी के मुजफ्फरनगर और शामली जिले एनसीआर में आए थे। जबकि राजस्थान के भरतपुर को एनसीआर में शामिल किया गया था।

एनसीआर प्लानिंग बोर्ड में दो प्रस्तावों पर विचार किया गया
एनसीआर प्लानिंग बोर्ड में कार्यरत एक सीनियर आईएएस अफसर से मिली जानकारी के मुताबिक यह पहली बार होगा कि बोर्ड रिजनल प्लान-2041 के दो सेट पर विचार करेगा। एक प्लान एनसीआर के मौजूदा क्षेत्रफल (55,144 वर्ग किलोमीटर) पर आधारित होगा। वहीं, दूसरा प्लान एनसीआर के कम हुए क्षेत्रफल (42,083 वर्ग किलोमीटर) पर आधारित होगा। उन्होंने बताया कि बोर्ड दोनों प्रस्तावों को मंजूरी दे सकता है। अधिकारियों ने इस बात को स्वीकार किया कि पहले एनसीआर में जिलों को शामिल कराने पर जोर होता था। हालांकि, इसके पीछे क्षेत्र के विकास से अधिक वजह राजनीतिक रही हैं।

अन्य खबरें