बड़ी खबरः सांसद-विधायक के खिलाफ मामले वापस लेने से पहले लेनी होगी अनुमति, सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा आदेश

Google Image | Supreme Court of India



New Delhi: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) ने सांसदों और विधायकों के खिलाफ मुकदमों को वापस लेने के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि अब संबंधित हाईकोर्ट की इजाजत के बिना राज्य सरकारें सांसदों और विधायकों (MP/MLA) के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस नहीं ले सकेंगी। इससे राज्य सरकारों के विशेषाधिकार को चुनौती मिली है। जिसके तहत वह अपने सांसदों-विधायकों की खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लेती थीं। 

इस संबंध में उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की गई थी। मौजूदा सांसदों और विधायकों के मुकदमों की सुनवाई स्पेशल कोर्ट में होनी चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित मामलों की जानकारी चीफ जस्टिस को भेजें। इसके अलावा अन्य एजेंसी जैसे सीबीआई कोर्ट और दूसरी सभी अदालतें इन पर पहले से जारी मामलों की सुनवाई करते रहेंगे। साथ ही सांसद-विधायक के खिलाफ आपराधिक मामलों के जल्द निपटारे की निगरानी के लिए सुप्रीम कोर्ट की स्पेशल बेंच का गठन करेगी। 

आपराधिक मामलों के जल्द निपटारे के मामले में अदालत ने ईडी की स्टेटस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि सारी जानकारी मीडिया को पहले मिल जाती है। सीबीआई की तरफ से एसजी तुषार मेहता ने कहा है कि इस मामले में अभी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल नहीं हुई है। इसके लिए थोड़ा वक्त चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 1 हफ्ते का समय दिया है।

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