एकेटीयू ने कराया हैकाथन: एबीईएस कॉलेज गाजियाबाद के हर्ष गुप्ता ने दिया ‘बेस्ट आइडिया’

शिक्षा | 3 साल पहले | Anika Gupta

Tricity Today | विजेताओं के साथ विशेषज्ञ



डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज ने कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक के निर्देशन में मेडिकल ऑक्सीजन के वेस्टेज एवं लीकेज को नियंत्रित करने के लिए एक हैकाथन का आयोजन किया। इस अवसर पर डॉ जीपी सिंह, पूर्व वीसी, केजीएमयू, डॉ तन्मय तिवारी, एसोसिएट प्रोफेसर एनेस्थीसिया विभाग केजीएमयू एवं डॉ पवन तिवारी, सहायक आचार्य,  आईईटी,  लखनऊ ने बतौर विशेषज्ञ हिस्सा लिया।  

हैकाथन के समन्वयक डॉ अनुज शर्मा ने बताया कि सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज द्वारा मेडिकल ऑक्सीजन के वेस्टेज एवं लीकेज को नियंत्रित करने के लिए 6 प्रॉब्लम चिन्हित किए गए थे। 10 मई, 2021 तक इनके समाधान के लिए इनोवेटिव आइडियाज आमंत्रित किये गए थे। यूनिवर्सिटी के सम्बद्ध संस्थानों के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने 154 इनोवेटिव आइडिया भेजे थे। उन्होंने बताया कि मिले आइडियाज की विशेषज्ञ समिति ने स्क्रीनिंग की। इनमें से 18  बेहतर इनोवेटिव आइडियाज को प्रस्तुतीकरण के लिए हैकाथान में आमंत्रित किया गया।
विशेषज्ञ समिति ने इनमें से 4 इनोवेटिव आइडियाज को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान के लिए चयनित किया गया है। इनमें हर्ष गुप्ता-एबीईएस इंजीनियरिंग कॉलेज गाजियाबाद, अदिति मल्होत्रा-श्रीराममूर्ति स्मारक कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, बरेली, प्रो अभय यादव-बीबीडी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, लखनऊ एवं सत्यम गुप्ता-सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज लखनऊ के आइडियाज शामिल हैं। प्रथम स्थान पाने वाले एबीईएस इंजीनियरिंग कॉलेज, गाजियाबाद के छात्र हर्ष गुप्ता ने अचानक मरीज को एक जगह से दूसरी जगह लाने ले जाने में होने वाली ऑक्सीजन वेस्टेज के बारे में विचार रखा। 

उन्होंने ऑक्सीजन मास्क में 5V बजर फिट करने का आइडिया दिया। दूसरे स्थान के लिए टाई हुआ। दूसरा स्थान पर श्रीराम मूर्ति स्मारक इंजीनियरिंग कॉलेज बरेली की छात्रा अदिति मल्होत्रा एवं बीबीडी लखनऊ के सहायक आचार्य अभय यादव संयुक्त रूप से रहे। अदिति मल्होत्रा ने ऑक्सीजन पाइप में होने वाले ऑक्सीजन वेस्टेज की समस्या पर अपना विचार रखा। अदिति ने फ्लो चार्ट के माध्यम से समझाया कि कंट्रोलर और सेंसर के माध्यम से किस प्रकार ऑक्सीजन वेस्टेज को कम किया जा सकता है।

आचार्य अभय यादव ने बताया कि मेडिकल प्लांट में ऑक्सीजन का हाई फ्लो होने पर प्लांट पर वेपोराइजर जम जाता है। इसे बदलने में 2-3 घंटे लग जाते हैं। इस दौरान मरीजों की जान भी जा सकती है। इस समस्या के निदान के लिये ऑक्सीजन सिलेंडर के ऊपर वाटर स्प्रिंकलर लगाने का आइडिया दिया। इससे बर्फ नहीं जमेगी। तीसरे स्थान पर सेंटर फॉर एडवांस्ड स्टडीज के छात्र सत्यम गुप्ता रहे। उन्होंने मास्क के ठीक से न लगे होने के कारण ऑक्सीजन वेस्टेज के निराकरण के समाधान हेतु मॉडल प्रस्तुत किया। साथ ही मास्क हटने पर ऑक्सीजन सप्लाई रुक जाने के बारे में विचार रखा। संस्थान ने निदेशक प्रो एमके दत्ता ने बताया कि हैकाथान का आयोजन सफल रहा। 

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