एके शर्मा का दौरा: पहले ब्राह्मण-त्यागी-भूमिहार महाकुंभ में शामिल हुए फिर मलिन बस्ती पहुंचे, बोले- ब्राह्मणों के चरणों में स्थान बना रहे

Tricity Today | ब्राह्मण-त्यागी-भूमिहार महाकुंभ में शामिल हुए एके शर्मा



Ghaziabad News : भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) के प्रदेश उपाध्यक्ष और एमएलसी एके शर्मा (AK Sharma BJP) गाजियाबाद भ्रमण पर हैं। सोमवार को दूसरे दिन ब्राह्मण-त्यागी-भूमिहार महाकुंभ में जाने से पहले एके शर्मा ने वेद विद्यापीठ जाकर देवभाषा संस्कृत पढ़ाने वाले महर्षि वेदव्यास से मुलाक़ात की। उन्होंने आचार्य और विद्यार्थियों से बातचीत की। संस्कृत के अध्ययन को बढ़ावा देने के बारे में विशेष रूप से चर्चा हुई।


उसके बाद ब्राह्मण-त्यागी-भूमिहार महाकुंभ में पहुंचे। वहां समूचे उत्तर प्रदेश सहित पड़ोसी राज्यों से हज़ारों की संख्या में ब्राह्मण वर्ग के लोग शामिल हुए। समाज से एके शर्मा को असीम प्रेम और सम्मान मिला। इस समारोह में ब्राह्मण अग्रणियों और संगठनों के नेतृत्व के अलावा महिलाओं ने बड़ी भूमिका निभाई। समारोह में उपस्थित रहने वालों में प्रमुख रूप से ब्राह्मण जागरूक महासंघ के अध्यक्ष आरडी शर्मा, गाजियाबाद की महापौर आशा शर्मा, विधायक सुनील शर्मा, पूर्व विधायक मुकुल उपाध्याय, पूर्व मंत्री बालेश्वर त्यागी और सच्चितानंद शर्मा, भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ज्योति मिश्रा शामिल हुए। इसके अलावा भाजपा के कई वरिष्ठ नेता और त्यागी समाज से बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

इस अवसर पर एके शर्मा ने कहा, "इतिहास गवाह है कि ब्राह्मण और द्विज की रक्षा करने स्वयं ईश्वर अवतरित हो जाते हैं। रमचरित मानस में लिखा है, गो, द्विज, धेनु, देव हितकारी, कृपा सिंधु मानस तनु धारी।" इस विशाल सभा और महाकुंभ में विभिन्न ज़िलों से आए ब्राह्मणों और गुरुजनों ने उनको आशीर्वाद दिया। उन्हें अपना संरक्षक घोषित किया। एके शर्मा ने कहा कि ब्राह्मणों के चरणों में स्थान मिले और बना रहे यही उनकी प्रार्थना है। सोमवार के भ्रमण के दूसरे चरण में शहर की एक मलिन बस्ती में गए। वहां अनुसूचित जाति और ओबीसी सहित समाज के कमजोर वर्ग के लोगों से मुलाक़ात करके उनका आशीर्वाद लिया। विकास की सम्भावनाओं पर चर्चा की।

कार्यक्रम के संयोजक और पंडित आरडी शर्मा और सह-संयोजक हबीबपुर के निवासी पंडित अनिल शर्मा ने बताया कि इस कार्यक्रम में सैकड़ों ब्राह्मण, त्यागी, भूमिहार समाज के लोगों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया है। चारो और भगवान परशुराम के नारों ने वातावरण देवलोक जैसा कर दिया।

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