बड़ी खबर : रोजाना दो घंटे सड़क जाम करेंगे वकील, गाजियाबाद से होंगे वेस्ट यूपी के निर्णय, 11 से आंदोलन तेज

Tricity Today | गाजियाबाद बार सभागार में वेस्ट यूपी के विभिन्न जिलों से आए अधिवक्ता।



Ghaziabad News : गाजियाबाद बार एसोसिएशन सभागार में वेस्ट यूपी के 22 जिलों से आए अधिवक्ताओं ने दो बड़े निर्णय लिए हैं।आंदोलन को तेज करने के लिए अधिवक्ता अगले हफ्ते से रोजाना दो घंटे सड़क जाम करेंगे। अ‌धिवक्ताओं ने सभी 22 जिलों में मुख्यालयों पर ऐसा करने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया है। इसके अलावा वकीलों ने इस आंदोलन के दौरान हाईकोर्ट बेंच केंद्रीय संघर्ष समिति पश्चिम उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष के सभी अधिकार गाजियाबाद बार एसोसिएशन को दे दिए हैं। बता दें कि आंदोलन में समिति के अध्यक्ष रोहिताश्व अग्रवाल को लेकर पिछले दो दिनों से सवाल खड़े हो रहे थे।

दोपहर 12 से दो बजे तक करेंगे सड़क जाम
29 अक्टूबर को कोर्ट रूम में वकीलों पर लाठीचार्ज के विरोध में चल रहे आंदोलन को तेज करने के लिए शुक्रवार को एक ओर जहां वेस्ट यूपी के 22 जिलों में वकीलों ने हड़ताल रखी वहीं आगे की रणनीति पर चर्चा के लिए गाजियाबाद में बैठक की।बार एसोसिएसन सभागार में आयोजित बैठक में सभी जिलों के बार अध्यक्ष और सचिव शामिल हुए। करीब तीन घंटे तक चली बैठक में दो अहम निर्णय लिए गए हैं। इसे में एक निर्णय यह‌ हुआ है कि सभी जिलों में अधिवक्ता रोजाना दोपहर 12 से दो बजे तक दो घंटे सड़क जाम करेंगे। यह निर्णय सोमवार से लागू किया जाएगा।

संघर्ष समिति के अध्यक्ष की पावर गाजियाबाद बार को
22 जिलों के अधिवक्ताओं ने इस बैठक में वकीलों ने सर्वसम्मति से तय किया है कि हाइकोर्ट बेंच केंद्रीय संघर्ष समिति पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चेयरमैन के सभी अधिकार आंदोलन जारी रहने तक बार एसोसिएशन गाजियाबाद के पास रहेंगे। मतलब साफ है कि इस निर्णय के बाद गाजियाबाद से ही पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में वकीलों के आंदोलन से जुड़े निर्णय लिए जाएंगे। बैठक में गाजियाबाद के अलावा गौतमबुद्धनगर, हापुड़ बुलंदशहर, अलीगढ़, आगरा, मुजफ्फरनगर, मेरठ, सहारनपुर, अमरोहा और मुरादाबाद समेत 22 जिलों के अधिवक्ताओं ने भाग लिया।

क्या है पूरा मामला
29 अक्टूबर को गाजियाबाद जिला जज अनिल कुमार की कोर्ट में वकीलों के साथ हुई तीखी नोंकझोक के बाद पुलिस के द्वारा लाठीचार्ज कर दिया गया था। कोर्ट रूम में लाठीचार्ज के बाद गाजियाबाद समेत पूरे प्रदेश और यहां तक की दिल्ली के अ‌धिवक्ता भी आक्रोशित हो गए। मामले को बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के साथ ही इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने भी गंभीरता से लिया था। इस घटना के विरोध में वकील चार नवंबर से हड़ताल पर चले गए। गाजियाबाद के अधिवक्ताओं के समर्थन में पहले दिन पूरे प्रदेश के अधिवक्ताओं ने काम का बहिष्कार कर विरोध दिवस मनाया। विरोध दिवस में इलाहाबाद हाई कोर्ट, लखनऊ बैंच और दिल्ली के जिला बार एसोसिएशन भी काम से विरत रहे। गाजियाबाद के वकील उसी दिन से हड़ताल कर धरने पर बैठे हैं।

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