Lok Sabha elections 2024 : बसपा सुप्रीमो मायावती पहुंची गाजियाबाद, वेस्ट यूपी को साधा

Tricity Today | Mayawati



Ghaziabad News : बसपा सुप्रीमो मायावती (BSP supremo Mayawati) दूसरे चरण में होने वाले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections) के लिए अभियान की शुरुआत कर चुकी हैं। उन्होंने रविवार यानी की आज अमरोहा और गाजियाबाद में एक-एक चुनावी सभा को संबोधित किया है। इसी क्रम में मायावती अभी गाजियाबाद पहुंच गयी है। बसपा को पहले और दूसरे चरण को मिलाकर कुल तीन सीटें मिली थीं। वह वेस्ट यूपी पर नजर बनाए हुए हैं। इस दौरान उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में क्षत्रिय समाज की दुखती रग पर हाथ रखते हुए जातीय कार्ड खेला। मायावती ने कहा, BJP व अन्य पार्टियों ने इस लोकसभा चुनाव में क्षत्रिय समाज की उपेक्षा की है। सिर्फ बसपा ने सर्वसमाज के लोगों को भागीदारी देते हुए पश्चिमी यूपी में क्षत्रिय, गुर्जर, प्रजापति, पंजाबी सिख समाज को टिकट दिए हैं।

पहले भी आकाश आनंद कर चुके है संबोधित 
बसपा वर्ष 2019 के चुनाव में अमरोहा सीट जीती थी। मायावती की पहली चुनावी जनसभा अमरोहा में निर्माणाधीन पुलिस लाइन के पास जोया रोड स्थित मैदान और दूसरी गाजियाबाद जिले के कविनगर स्थित रामलीला मैदान में होगी। राष्ट्रीय को आर्डिनेटर और भतीजे आकाश आनंद के 7 अप्रैल को गाजियाबाद में चुनाव सभा को संबोधित कर चुके हैं।

गाजियाबाद में बोलीं मायावती 
मायावती ने कहा, इससे पहले पंजाबी सिख समाज के व्यक्ति को गाजियाबाद से टिकट मिला था। लेकिन जातीय रिपोर्ट की तुलना करने के बाद हमने यहां का टिकट बदला और पंजाबी सिख समाज का सम्मान रखते हुए हमने लखीमपुर खीरी में इस समाज का प्रत्याशी उतारा है। गाजियाबाद के आसपास अति पिछड़ा वर्ग की तादात भी काफी है। इसलिए गाजियाबाद से सटी बागपत सीट पर गुर्जर समाज के प्रवीन बंसल को प्रत्याशी बनाया है।

बसपा अकेले मैदान में उतरी 
मायावती का सारा ध्यान मौजूदा समय पश्चिमी यूपी में हैं। बसपा को पहले और दूसरे चरण को मिलाकर कुल तीन सीटें मिली थीं। मायावती इसीलिए चाहती हैं कि पश्चिमी यूपी में बसपा की स्थिति बेहतर हो सके। मायावती ने कहा है कि बहुजन हिताय और बहुजन सुखाय के व्यापक हित और कल्याण के मद्देनजर बसपा लोकसभा चुनाव में किसी भी, पार्टी या गठबंधन आदि से कोई तालमेल या समझौता किए बिना ही पूरे देश में अपनी पार्टी के लोगों के ही तन, मन, धन के बल पर पूरी तैयारी और दमदारी के साथ अकेले यह संसदीय आम चुनाव लड़ रही है।

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