गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद के ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। दोनों जिलों के मरीजों के लिए रोजाना 400 इंजेक्शन आवंटित किए गए हैं। अभी ब्लैक फंगस के मरीजों को इंजेक्शन के लिए मेरठ जाना पड़ता है। मरीजों के तीमारदारों ने मांग की है कि जनपद में ही इंजेक्शन के लिए इंतजाम किया जाए ताकि मेरठ की दौड़ नहीं लगानी पड़े।
कोरोना के बाद ब्लैक फंगस की बीमारी से मरीज और उनके तीमारदार परेशान हैं। इनकी दवाई भी आसानी से नहीं मिल पा रही है। हालत यह है कि शासन प्रशासन को ही ब्लैक फंगस के इंजेक्शन देना पड़ रहा है। इस बीमारी के इंजेक्शन बाजार में नहीं मिल पा रहे हैं। गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद जिले के मरीजों को ब्लैक फंगस के इंजेक्शन मेरठ में मिल रहे हैं। कमिश्नर की निगरानी में इंजेक्शन दिए जा रहे थे।
मरीजों के तीमारदारों को सुबह-सुबह मेरठ पहुंचना होता है और लाइन में लगकर इंजेक्शन लेना होता है। जरूरत के मुताबिक इंजेक्शन भी नहीं मिल पाते हैं, लेकिन अब इन दोनों जिले के मरीजों के तीमारदारों के लिए राहत भरी खबर है। गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद जिले के ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए रोाजना 400 इंजेक्शन आवंटित किए गए हैं। गौतम बुद्ध नगर जिले के कोविड प्रभारी नरेंद्र भूषण ने बताया कि दोनों जिलों के ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए रोजाना 400 इंजेक्शन मिलेंगे। इंजेक्शन आवंटित होने से मरीजों को राहत मिलेगी।
इंजेक्शन लेने के लिए मेरठ की दौड़ बचेगी
गाजीपुर से गाजियाबाद में अपने रिश्तेदार का ब्लैक फंगस का इलाज करा रहे अमित यादव ने बताया कि उनके रिश्तेदार इस बीमारी से पीड़ित हैं। उनको गाजियाबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यहां इनका इलाज चल रहा है। ब्लैक फंगस के इंजेक्शन नहीं मिलने से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इंजेक्शन लेने के लिए उन्हें रोजाना मेरठ जाना पड़ता है। डॉक्टर ने रोजाना 4 इंजेक्शन बताए हैं, लेकिन कभी एक इंजेक्शन मिलता है तो कभी दो। रविवार को तो एक भी इंजेक्शन नहीं मिला। जब मेरठ पहुंचे तो वहां बताया गया कि आज इंजेक्शन नहीं आए हैं। इसलिए खाली हाथ लौटना पड़ा। इंजेक्शन का कोटा बढ़ने से राहत मिलेगी।