गाजियाबाद के लिए अच्छी खबर : राजनगर एक्सटेंशन से जाम की होगी छुट्टी, GDA ने कर ली तैयारी, लाखों को होगा लाभ

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Ghaziabad News : राजनगर एक्टेंशन को जल्द ही जाम से राहत मिलने वाली है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने इसकी तैयारी कर ली है। इसके लिए राजनगर एक्सटेंशनएलीवेटेड रोड को कनेक्ट करते हुए एसटीपी के पीछे से एक मास्टर प्लान रोड सीधे मेरठ रोड स्थित मनन धाम को जोड़ेगी। इसका बड़ा लाभ यह होगा कि दिल्ली और मोहननगर की ओर से मेरठ जाने वाले वाहन राजनगर एक्सटेंशन में बाहर से ही निकल जाएंगे। इससे जहां ट्रांस हिंडन एरिया और एलीवेटेड रोड के रास्ते दिल्ली से आने वालों का मेरठ की ओर जाने का रास्ता छोटा हो जाएगा वहीं राजनगर एक्सटेंशन वालों को भी इससे बड़ी सहुलियत होगी।

राजनगर एक्सटेंशन में रहते हैं दो लाख लोग
राजनगर एक्सटेंशन में पांच दर्जन से अधिक हाईराइज सोसाय‌टी हैं।  इन सब में दो लाख से अधिक लोग रह रहे हैं।  इसके अलावा दिल्ली से एलीवेटेड रोड के रास्ते और ट्रांस हिंडन क्षेत्र में रहने वाले भी मुरादनगर और मोदीनगर की ओर जाने के लिए राजनगर एक्सटेंशन से होकर गुजरते हैं। इससे राजनगर एक्सटेंशन की मुख्य रोड पर जाम की स्थिति बनी रहती है। ट्रैफिक लोड अ‌धिक होने के कारण राजनगर एक्सटेंशन चौराहे को सिग्नल फ्री किए जाने के बाद भी जाम की स्थिति से निपटने के लिए जीडीए ने 45 मीटर चौड़ी एक अन्य मास्टर प्लान रोड पर काम तेज कर दिया है।

एलीवेटेड रोड से सीधे पहुंचेंगे मेरठ रोड
एलीवेटेड रोड से एसटीपी के पीछे से होकर मेरठ रोड स्थित मनन धाम तक जाने के लिए 45 मीटर चौड़ी मास्टर प्लान रोड पहले से ही प्रस्तावित है। इसके ल‌िए जरूरी 85 प्रतिशत जमीन अधिग्रहण भी पहले ही हो चुका है, केवल नौ सौ मीटर जमीन का अधिग्रहण होना बाकी था। उसको लेकर भी किसानों के साथ सहमति बन गई है। जीडीए जल्द ही इन किसानों से सहमति के आधार पर बैनामा कराएगा। जीडीए से मिली जानकारी के मुताबिक मकरमतपुर - सिकरोड़  की जमीन को लेकर जो अड़चन थी वह दूर हो गई है।

सहमति के आधार पर जल्द होगा बैनामा
जीडीए सचिव राजेश कुमार सिंह ने बताया कि राजनगर एक्सटेंशन में लगने वाले जाम से लोगों को जल्द ही मुक्ति मिलने वाली है। इसके लिए मास्टर प्लान की 45 मीटर चौड़ी रोड के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। 900 वर्ग मीटर जमीन को लेकर जो बाधा बनी हुई थी, उसके लिए किसानों के साथ सहमति बन गई है। किसानों ने जीडीए को अपने अभिलेख भी उपलब्ध करा दिए हैं ताकि सहमति के आधार पर जमीन का बैनामा कराया जा सके। जीडीए ने बैनामा कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

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