Ghaziabad News :  अधिकारियों के गले की हड्डी बनी वसुंधरा की बिल्डिंग, कई पेच, अब जांच की तलवार

Google Image | आवास विकास परिषद



Ghaziabad News : गाजियाबाद के वसुंधरा सेक्टर एक स्थित बिल्डिंग को गिराए जाने का नोटिस चस्पा होने के बाद, अब यहां रह रहे 23 परिवारों ने हाईकोर्ट में अपील करने का फैसला किया है। बिल्डिंग में रह रहे परिवार आवास विकास परिषद के अधिकारियों को इसका जिम्मेदार मान रहे हैं। उनका आरोप है कि कैसे कोई बिल्डर आवास विकास परिषद के नक्शे के विरुद्ध जाकर इतनी बड़ी बिल्डिंग बना लेता है और अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी।

अधिकारी बचने का तलाश रहे रास्ता
इस पूरे मामले में आवास विकास परिषद के अधिकारियों की निष्क्रियता सामने आ रही है। कैसे कोई 297.60 वर्ग मीटर आवासीय भूखंड पर 23 फ्लैट बनाकर बेच देता है और आवास विकास परिषद के अधिकारियों को इसकी कानों कान खबर तक नहीं होती है। गौरतलब है कि आवासीय भूखंड पर केवल ढाई मंजिला आवासीय इमारत बनाकर एकल परिवार रह सकता है। आवास आवास विकास परिषद ने भी इस भूखंड के लिए ढाई मंजिला इमारत का नक्शा बनाकर बिल्डर को दिया था, किंतु अधिकारियों की मिलीभगत से बिल्डर ने स्वीकृत नक्शे के विरुद्ध जाकर 23 फ्लैट बनाकर अलग-अलग लोगों को बेच दिए। यह जांच का विषय है।

अधिकारियों ने झाड़ा पल्ला 
वर्ष 2012 के दौरान इस इमारत का निर्माण कराया गया था। नक्शे के विरुद्ध बन रही  बिल्डिंग आविप के अधिकारियों की नजरों से बची रही, यह मामला पूर्ण रूप से गले नहीं उतरता। लेकिन, आवास विकास परिषद के अधीक्षण अभियंता राकेश कुमार सिंह का कहना है कि बिल्डर ने प्लॉट पर कितने फ्लैट का नक्शा पास कराया था और कितने फ्लैट बनाए गए, इसकी उन्हें जानकारी नहीं है। उन्होंने बताया कि कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के लिए टीम बना ली गई है।

फ्लैट ओनर्स की उम्मीद
यहां रह रहे 23 परिवारों ने अब सरकारी तंत्र पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। यहां रह रहे परिवारों का कहना है कि यदि यह बिल्डिंग अवैध थी तो इसे निर्माण के दौरान ही क्यों नहीं तोड़ा गया था। जबकि राष्ट्रीयकृत बैंक द्वारा लोन स्वीकृत होने के बाद ही यहां रजिस्ट्री कराई गई थी। इसी के साथ फ्लैट में सरकार द्वारा विद्युत कनेक्शन भी दिया गया है। कोर्ट के आदेश के बाद यहां बने 23 फ्लैट में से 18 फ्लैट को तोड़ने का आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट की तरफ से दिया गया है। बाकी बचे 5 फ्लैट छोड़ दिए जाएंगे।

परिवार नहीं मान रहे नोटिस
आवास विकास परिषद की तरफ से 5 अगस्त को ध्वस्तीकरण का नोटिस प्राप्त होने के बाद यहां रह रहे फ्लैट ऑनर्स दूसरी जगह शिफ्ट होने को तैयार नहीं हैं। आवास विकास परिषद के अधिकारियों की निष्क्रियता का परिणाम 18 परिवारों को भुगतना पड़ रहा है।

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