लोनी लंदन तो नहीं क्योटो जरूर बन गया : बारिश के बाद गाजियाबाद की सड़कों पर जलभराव, आम आदमी एमपी-एमएलए से खफा

Tricity Today | Viral video



Ghaziabad News : शुक्रवार और शनिवार को हुई मूसलाधार बारिश ने गाजियाबाद शहर और उसके आसपास के नगर निकायों में जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया। सबसे ज़्यादा असर गाजियाबाद के लोनी कस्बे में देखने को मिला, जहां सड़कों पर भारी जलभराव ने लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे एक वीडियो में लोनी कस्बे की सड़कों पर घुटनों तक पानी भरा हुआ दिखाई दे रहा है, जिससे होकर वाहन और पैदल चलने वाले लोग गुज़रने को मजबूर हैं।
नंद किशोर गुर्जर जवाब दे 
बारिश के बाद उत्पन्न हुए इन हालातों को लेकर स्थानीय जनता में काफी नाराजगी है। लोग स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर कटाक्ष कर रहे हैं, खासकर लोनी के विधायक नंद किशोर गुर्जर को लेकर। विधायक गुर्जर अक्सर लोनी को 'लंदन' बनाने की बात करते हैं, लेकिन जनता का कहना है कि लंदन तो दूर की बात रही, अब तो बारिश ने लोनी को जापान के 'क्योटो' शहर में बदल दिया है। सोशल मीडिया पर एक व्यक्ति ने तंज कसते हुए कहा कि अब बस लोनी में नाव और स्टीमर चलाने की जरूरत बची है।

विधायक को लड़ाई-झगड़ा करने से फुर्सत नहीं 
जनता की नाराज़गी केवल जलभराव तक सीमित नहीं है। सोशल मीडिया पर कई लोग इस बात का भी जिक्र कर रहे हैं कि यह हालात तब हैं, जब लोनी से लगातार भारतीय जनता पार्टी के विधायक और सांसद चुने जा रहे हैं। यहां तक कि केंद्र और राज्य दोनों में ही भाजपा की सरकार है, फिर भी क्षेत्र का विकास ठप पड़ा हुआ है। एक स्थानीय निवासी ने ट्विटर पर लिखा, "विधायक नंद किशोर गुर्जर को जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्नर से लड़ाई-झगड़ा करने से फुर्सत मिलेगी, तभी तो वे इलाके के विकास पर ध्यान देंगे।"

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
इस ट्वीट में यह भी कहा गया है कि विधायक पिछले छह वर्षों से केवल प्रशासनिक अधिकारियों से ही उलझते रहे हैं और जब उन्हें लगता है कि उनकी टीआरपी गिर रही है, तो वे किसी न किसी ऊल-जलूल बयान के जरिए ख़बरों में बने रहने की कोशिश करते हैं। जनता का कहना है कि विधायक का काम केवल इन्हीं बातों तक सीमित रह गया है और असली विकास कार्यों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

जनता की नाराज़गी बढ़ी 
इस तरह की प्रतिक्रियाओं से स्पष्ट है कि जनता का धैर्य अब टूट रहा है और वे अपने जनप्रतिनिधियों से जवाबदेही की मांग कर रहे हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या प्रशासन और स्थानीय नेता इन समस्याओं का समाधान निकालते हैं, या फिर जनता की नाराज़गी और बढ़ेगी।

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