Greater Noida West : ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित सुपरटेक इकोविलेज-2 के निवासियों के पानी पीने से बीमार पड़ने के कुछ दिनों बाद, ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने पुष्टि की है कि सोसायटी के पानी के नमूनों में "कोलीफॉर्म बैक्टीरिया" और "अत्यधिक मात्रा में ब्लीचिंग पाउडर" पाया गया। इस घटना ने स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को सतर्क कर दिया है, क्योंकि इस प्रदूषण के कारण निवासियों की सेहत पर गंभीर असर पड़ा।
कोलीफॉर्म और ई. कोली बैक्टीरिया मिला
विकास प्राधिकरण द्वारा पानी के नमूनों की जांच में पाया गया कि कोलीफॉर्म बैक्टीरिया का स्तर 20% तक था, जबकि यह स्तर आदर्श रूप से शून्य होना चाहिए। पानी में ब्लीचिंग पाउडर की अत्यधिक मात्रा भी पाई गई, जो इसे और अधिक हानिकारक बना रही थी। गौतमबुद्ध नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. सुनील कुमार शर्मा ने इस रिपोर्ट की पुष्टि करते हुए बताया कि पानी में ई. कोली बैक्टीरिया की मौजूदगी निवासियों में दस्त, उल्टी और बुखार जैसे लक्षण पैदा कर सकती है। उन्होंने चेताया कि अगर इसे समय पर ठीक नहीं किया गया, तो यह स्थिति जानलेवा हो सकती है। स्वास्थ्य संकट और निवासियों की स्थिति
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, अब तक 170 बच्चों सहित 339 लोगों में दस्त, उल्टी, पेट दर्द और बुखार जैसे लक्षण सामने आ चुके हैं। टावर सी-4, सी-5, सी-6 और सी-7 के निवासियों को सबसे अधिक प्रभावित माना जा रहा है। कुछ निवासियों की स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। यह घटना 3 सितंबर को सामने आई थी, जब निवासियों ने पानी के दूषित होने की शिकायत की और उसके बाद स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ने लगीं।
जलाशय की सफाई में खामियां
ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (एसीईओ) आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि सोसायटी में पानी की टंकी की ठीक से सफाई नहीं की गई थी, जिससे पानी में हानिकारक बैक्टीरिया और ब्लीचिंग पाउडर की अत्यधिक मात्रा मिली। उन्होंने आगे कहा, "कोलीफॉर्म बैक्टीरिया का पाया जाना इस बात का संकेत है कि पानी में अन्य हानिकारक रोगाणु भी हो सकते हैं, जिससे बीमारी फैलने की संभावना बढ़ जाती है।”
जिला प्रशासन की कार्रवाई और जांच
गौतमबुद्ध नगर प्रशासन ने इस गंभीर घटना की गहन जांच के लिए एक समिति का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) अतुल कुमार करेंगे। जिला मजिस्ट्रेट मनीष कुमार वर्मा ने कहा, "हम सभी संबंधित विभागों की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं, जिसके बाद हम उचित कार्रवाई करेंगे।"
पानी की आपूर्ति किसकी जिम्मेदारी
विकास प्राधिकरण ने स्पष्ट किया कि जलाशय तक पानी की आपूर्ति प्राधिकरण द्वारा की जाती है, जबकि निवासियों के घरों में पानी की आपूर्ति और टैंक की देखरेख का जिम्मा सोसायटी के बिल्डर या अपार्टमेंट मालिकों के संघ (एओए) पर है। निवासियों ने आरोप लगाया कि सोसायटी के प्रबंधन द्वारा पानी के टैंकों की सफाई ठीक से नहीं की गई थी, जिससे पानी दूषित हो गया।
निवासियों की मांग और आगे क्या है योजना
इस घटना के बाद, सुपरटेक इकोविलेज 2 के निवासी अधिक सुरक्षा और साफ पानी की मांग कर रहे हैं। सोसायटी में लगभग 3,500 परिवार या 7,000 लोग रहते हैं, और यह घटना उनके स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरे का संकेत है। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण और जिला प्रशासन ने निवासियों को आश्वस्त किया है कि पानी की गुणवत्ता में सुधार के लिए अतिरिक्त कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।