Greater Noida News : कूड़ा निस्तारण अधिनियम 2016 के नियमों का खुला उल्लंघन करते हुए ग्रेटर नोएडा वेस्ट में अवैध डंपिंग का मामला सामने आया है। आरोप है कि बांग्लादेशी रोहिंग्या मुसलमान जलपुरा गांव में अवैध डंपिंग ग्राउंड बनाकर हाउसिंग सोसायटियों से निकलने वाले कचरे का निस्तारण कर रहे हैं। ग्रामीणों का दावा है कि इस कार्य में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी, कर्मचारी और एक निजी कंपनी के कर्मचारी भी शामिल हैं।
अवैध डंपिंग का संचालन
ग्रामीणों के अनुसार रोहिंग्या मुसलमानों ने जलपुरा गांव में करीब 10 बीघा जमीन किराए पर ले रखी है। रात के अंधेरे में ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में सोसायटियों से कूड़ा लाकर यहां डंप किया जाता है। इस कचरे को छांटकर उपयोगी सामग्री बेच दी जाती है, जबकि शेष कचरा डंपिंग ग्राउंड में डाल दिया जाता है।
ग्रामीणों का विरोध और स्वास्थ्य संकट
जलपुरा गांव के निवासियों ने इस अवैध डंपिंग के खिलाफ कड़ा विरोध जताया है। उनका कहना है कि कूड़े के कारण गांव में मक्खी-मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है और बदबू से जीना मुश्किल हो गया है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि कचरे के कारण डेंगू और अन्य बीमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है। हाल ही में सेक्टर-1 में दो लोग बीमार हुए और लगभग 70 लोग डेंगू से पीड़ित हुए हैं।
प्रशासन की भूमिका पर सवाल
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि इस अवैध कार्य में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी और निजी कंपनी के कर्मचारी शामिल हैं। ग्रामीणों का दावा है कि अधिकारियों को इस अवैध गतिविधि की जानकारी होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। ग्रामीणों ने एक वीडियो भी साझा की है। जिसमें प्राधिकरण के कुछ अधिकारी डंपिंग ग्राउंड का निरीक्षण करते दिख रहे हैं।
ग्रामीणों ने की कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि कूड़ा निस्तारण अधिनियम 2016 के तहत सोसायटियों में ही कूड़े के निस्तारण के लिए मशीन लगानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। ग्रामीणों ने जलपुरा में बने इस अवैध डंपिंग ग्राउंड को तुरंत बंद करने और दोषी अधिकारियों के साथ कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग की है।