Tricity Today | नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण
Greater Noida News : गौतमबुद्ध नगर में बड़े प्लॉट खरीदने वालों के खिलाफ आयकर विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। विभाग ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण से 1000 वर्ग मीटर से बड़े प्लॉट खरीदने वालों का 16 साल का विस्तृत ब्योरा मांगा है। इस कार्रवाई से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है, क्योंकि इसमें बेनामी संपत्ति और काली कमाई के मामलों के उजागर होने की संभावना है।
16 साल का डाटा मांगा
आयकर विभाग ने सभी प्राधिकरणों को पत्र भेजकर 2008 से अक्टूबर 2024 तक के बड़े प्लॉट खरीददारों की सूची 31 दिसंबर तक जमा करने का निर्देश दिया है। इसमें खरीदारों के आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य दस्तावेज भी मांगे गए हैं। साथ ही जिले के सभी सब-रजिस्ट्रार से इन संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन से जुड़ी जानकारी तलब की गई है।
नोएडा अथॉरिटी पर पहले भी लगे आरोप
यह जांच ऐसे समय में शुरू की गई है, जब नोएडा अथॉरिटी के पूर्व सीईओ और चेयरमैन मोहिंदर सिंह के घर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी में करोड़ों रुपये की नकदी के साथ हीरे और संपत्ति के कागजात बरामद हुए थे। मोहिंदर सिंह पर बिल्डरों से मिलीभगत कर कौड़ियों के दाम पर जमीन आवंटित करने के आरोप लगे थे। उनके कार्यकाल में अरबों रुपये की जमीन बिल्डरों को औने-पौने दामों पर बेची गई। जबकि बकाया वसूली तक नहीं की गई।
10 हजार से अधिक संपत्तियों पर शक
अनुमान है कि इस दायरे में 10,000 से अधिक संपत्तियां आ सकती हैं। आयकर विभाग को जांच में ऐसे फर्जी कंपनियों और बेनामी संपत्तियों का पता चला है, जो अफसरों और अन्य प्रभावशाली व्यक्तियों की काली कमाई से खरीदी गई थीं। आयकर विभाग ने जांच का दायरा बढ़ाते हुए इन संपत्तियों से जुड़े सभी लेन-देन की गहराई से जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई न केवल बेनामी संपत्तियों का पता लगाएगी, बल्कि सरकारी जमीनों और धन का दुरुपयोग करने वाले व्यक्तियों को भी उजागर करेगी।
काली कमाई का खुलासा
ईडी की जांच में यह भी सामने आया कि कई अफसरों और प्रभावशाली व्यक्तियों ने बोगस कंपनियों के जरिए प्राधिकरण की जमीनों पर कब्जा किया। इन कंपनियों के पीछे सरकारी अधिकारियों और राजनेताओं की काली कमाई जुड़ी होने की बात सामने आई है। आयकर विभाग की इस सख्त कार्रवाई से क्षेत्र के संपत्ति मालिकों, बिल्डरों और अधिकारियों के बीच हड़कंप मच गया है। यह जांच आगे चलकर और बड़े खुलासे कर सकती है। जिससे नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण में हुई वित्तीय अनियमितताओं की परतें खुलेंगी।