खास खबर : दो साल की समस्या का यूपी रेरा ने किया 45 मिनट में समाधान, गौर सिटी मॉल से जुड़ा मामला

Google Image | यूपी रेरा



Greater Noida News : हाल ही में उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) के कंसिलिएशन फोरम ने एक विवाद का समाधान किया, जिसमें प्रोमोटर 'मेसर्स गौर संस हाई-टेक इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड' और आवंटी 'प्रियंका सिंह' के बीच विवाद था। यह विवाद गौतमबुद्ध नगर स्थित गौर सिटी मॉल में एक यूनिट के कब्जे में देरी से संबंधित था। उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) के कंसिलिएशन फोरम ने मात्र 3 सुनवाइयों में प्रोमोटर 'मेसर्स गौर संस हाई-टेक इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड' की परियोजना के एक आवंटी "प्रियंका सिंह" के लिए कब्जे में हुए विलंब के ब्याज और विवादों का आपसी सहमति से समाधान करवाते हुए उनकी यूनिट का कब्जा दिलाना सुनिश्चित किया।

जुलाई 2019 में की थी बुकिंग
प्रियंका सिंह ने जुलाई 2019 में गौतमबुद्ध नगर स्थित गौर सिटी मॉल में एक यूनिट की बुकिंग की थी। इस प्रोजेक्ट में लगभग 12 लाख 93 हजार रुपये की लागत वाली यूनिट के लिए उन्होंने एग्रीमेंट फॉर सेल के अनुसार शत प्रतिशत राशि का भुगतान कर दिया था। उन्हें सितंबर 2019 तक कब्जा प्राप्त होना था, लेकिन कब्जा प्राप्त नहीं हुआ।

वर्ष 2022 में यूपी रेरा गई महिला
प्रियंका सिंह ने वर्ष 2022 में यूपी रेरा कंसिलिएशन फोरम में शिकायत दर्ज करके यूनिट का कब्जा और विलंबित अवधि के ब्याज की मांग की। कंसिलिएशन फोरम की मध्यस्थता बैठक में प्रोमोटर ने बताया कि परियोजना को अक्टूबर 2020 में ओसी प्राप्त हो चुका है और आवंटी को कब्जा प्राप्त करने का प्रस्ताव दिया गया है।

इसलिए बिगड़ रही थी बात
कंसिलिएशन फोरम ने दोनों पक्षों को अपनी मांगे और प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए विवाद का समाधान करने की सलाह दी। एग्रीमेंट फॉर सेल गणना के अनुसार प्रोमोटर ने आवंटी को विलंबित अवधि का लगभग रुपये 24 हजार का ब्याज और अगले 1 वर्ष के एडवांस मेंटेनेंस का लाभ देने का प्रस्ताव दिया, जिसे आवंटी ने स्वीकार कर लिया। इसके बाद दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से समझौता कर विवाद का समाधान कर लिया। आवंटी प्रियंका सिंह ने यूपी रेरा के प्रयासों की सराहना की।

अब तक 550 करोड़ रुपये का समाधान हुआ
यूपी रेरा अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने कहा, "कंसिलीएशन फोरम प्रोमोटर और आवंटी को आपसी सहमति से विवाद का समाधान करने में सक्षम बनाता है, क्योंकि यहां कंसिलीएटर के साथ-साथ प्रोमोटर और आवंटियों के संघ की मध्यस्थता से विवाद का शीघ्र समाधान कराने का प्रयास किया जाता है।" यूपी रेरा द्वारा एनसीआर में स्थापित कंसिलीएशन फोरम में सुनवाई के माध्यम से लगभग 1,400 से अधिक मामलों में लगभग 550 करोड़ रुपये से अधिक की परिसंपत्तियों को विवाद मुक्त कराया गया है।

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