यमुना प्राधिकरण को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत : फैसले से 16 साल बाद फिर शरू होगी 21,000 प्लाट स्कीम, इन बड़ी परियोजनाओं को मिलेगी रफ्तार

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Greater Noida News : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के ऐतिहासिक फैसले ने यमुना प्राधिकरण (Yamuna Authority) के लिए नए अवसरों के द्वार खोल दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भूमि अधिग्रहण के विवादित मुद्दों पर राज्य सरकार के प्रावधानों को सही ठहराया है, जिससे कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को हरी झंडी मिली है।

16 साल बाद इन परियोजनाओं को मिलेगी रफ्तार 
कोर्ट के इस निर्णय से 16 साल के लंबे इंतजार के बाद 21,000 प्लॉट आवंटित किए जाएंगे। यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि 1864 के कानून के तहत दायर किए गए मामलों, जिनमें भट्टा पारसोल के कांड भी शामिल थे, पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। इस फैसले के बाद सेक्टर-18 और 20 में वर्ष 2009 में शुरू की गई प्लॉट योजना के तहत 21,000 प्लॉट खरीदारों को आवंटित किए जाएंगे। साथ ही, सेक्टर 24 और 22 में औद्योगिक परियोजनाएं और आईटी क्षेत्र की गतिविधियां  दोबारा शुरू होंगी। सेक्टर 22c में रुके हुए निर्माण कार्य भी पूरे होंगे।

किसानों को भी बड़ी राहत, 60 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण 
एक महत्वपूर्ण परियोजना के रूप में यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे 38 किलोमीटर लंबी और 60 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण दोबारा शुरू होगा। जेवर टोल प्लाजा के पास ट्रॉमा सेंटर को भी गति मिलने की उम्मीद है। इस निर्णय से किसानों को भी बड़ी राहत मिलेगी। 14 गांवों के किसानों को 64.7 प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा, जो उनके लिए महत्वपूर्ण आर्थिक सहायता साबित होगी।

कोर्ट ने कहा- एकीकृत विकास के लिए भूमि अधिग्रहण आवश्यक
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह स्पष्ट किया कि यमुना एक्सप्रेसवे से सटी भूमि का अधिग्रहण एकीकृत और सुनियोजित विकास के उद्देश्य से किया गया था। अदालत ने कहा कि इस विशाल परियोजना से क्षेत्र के समग्र विकास को बल मिलेगा। इसके आसपास के क्षेत्रों की भागीदारी भी सुनिश्चित होगी।  

ऐसी तो बदलेगा उत्तर प्रदेश
अदालत ने कहा कि यमुना एक्सप्रेसवे जैसी परियोजनाएं न केवल बुनियादी ढांचे को मजबूत करती हैं, बल्कि क्षेत्रीय और राज्य स्तर पर आर्थिक प्रगति को भी बढ़ावा देती हैं। सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय यमुना प्राधिकरण की विकास योजनाओं के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है। जिससे उत्तर प्रदेश के औद्योगिक और आवासीय विकास को नई दिशा मिलेगी। 

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