UP RERA की नामी बिल्डर्स और प्रोमोटर्स पर बड़ी कार्रवाई : आदेश का पालन न करने पर लगेगा भारी जुर्माना  

लखनऊ | 20 दिन पहले | Jyoti Karki

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Lucknow News : उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (UP RERA) ने पीठ से पारित आदेश का अनुपालन न किए जाने पर दो प्रोमोटर्स को अंतिम नोटिस जारी किया है। यूपी रेरा ने मेसर्स उप्पल चड्ढा हाई-टेक डेवलपर्स और मेसर्स हेबे इन्फ्रस्ट्रक्चर के प्रतिनिधियों को पीठ के समक्ष उपस्थित होकर आदेश के अनुपालन का अंतिम मौका दिया है। इस मामले में दो प्रोमोटर्स को कारण बताओ नोटिस का स्पष्टीकरण देने का आदेश भी दिया गया है। यह आदेश रेरा अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी की पीठ की ओर से दिया गया है।

नहीं किया रेरा के आदेश का पालन 
बता दें कि उप्पल चड्ढा हाई-टेक डेवलपर्स ने लगभग 11 माह बीतने के बाद भी रेरा के आदेश का पालन नहीं किया। हेबे इन्फ्रस्ट्रक्चर 7 माह पहले दिए गए आदेश पर पालन नहीं किया है। दोनों परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी फिर भी प्रोमोटर्स की ओर से शिकायतकतार्ओं को न तो कब्जा दिया जा रहा है और न ही उन्हें संतोषजनक उत्तर दिया गया। पीठ 1 के पीठासीन अधिकारी संजय भूसरेड्डी ने उक्त आदेश मेसर्स उप्पल चड्ढा हाई-टेक डेवलपर्स प्रा.लि. के प्रकरण में और मेसर्स हेबे इन्फ्रस्ट्रक्चर प्रा.लि. के प्रकरण में शिकायत की सुनवाई करते हुए पारित किया है। 

लंबे समय तक की लापरवाही
रेरा अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता वाली पीठ ने दोनों प्रमोटर्स को कारण बताओ नोटिस का स्पष्टीकरण देने का भी निर्देश दिया है। उप्पल चड्ढा हाई-टेक डेवलपर्स को लगभग 11 महीने पहले रेरा के आदेश का पालन करने को कहा गया था, लेकिन वह अब तक नहीं किया गया है। वहीं, हेबे इन्फ्रास्ट्रक्चर को 7 महीने पहले दिए गए आदेश का पालन करने के लिए कहा गया था, लेकिन वह भी नहीं किया गया। दोनों परियोजनाएं तो पूरी हो चुकी हैं, लेकिन बिल्डरों की तरफ से न तो शिकायतकर्ताओं को फ्लैटों का कब्जा दिया जा रहा है और न ही उनके प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर दिए जा रहे हैं।

अंतिम अवसर में पालन न करने पर होगी कार्रवाई
अब रेरा ने दोनों बिल्डरों को अंतिम मौका देते हुए आदेश दिया है कि वे अपने प्रतिनिधि को सुनवाई में भौतिक रूप से उपस्थित होकर आदेश के अनुपालन की स्थिति स्पष्ट करें और विलंब का कारण बताएं। अध्यक्ष भूसरेड्डी ने कहा कि बिल्डरों को पर्याप्त समय दिया गया था, लेकिन उनका यह व्यवहार ग्राहकों के साथ प्रताड़ना और प्राधिकरण के समय की बरबादी जैसा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आदेश का अनुपालन नहीं किया जाता है तो बिल्डरों पर परियोजना की अनुमानित लागत के 5 प्रतिशत तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

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