टीचर बने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ : छात्रों से किया संवाद, बच्चों से बोले- सही रास्ते पर चलोगे तो मंजिल मिलेगी

लखनऊ | 7 दिन पहले | Jyoti Karki

Tricity Today | ग्रुप फोटो खिंचवाई



Lucknow News : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने मंगलवार को एक अनोखी पहल करते हुए शिक्षक की भूमिका निभाई। मोहनलालगंज के सिठौली कला स्थित अटल आवासीय विद्यालय में द्वितीय शैक्षणिक सत्र के शुभारंभ के अवसर पर पहुंचे मुख्यमंत्री ने छात्रों के साथ गहन संवाद किया और उन्हें जीवन के मूल्यवान सबक सिखाए।

छात्रों के साथ योगी आदित्यनाथ 
कार्यक्रम की शुरुआत में, मुख्यमंत्री ने छात्रों द्वारा बनाए गए नवाचारी मॉडल्स की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। स्मार्ट डस्टबिन, स्वचालित स्ट्रीट लाइट और बाधा से बचने वाले रोबोट जैसे प्रोजेक्ट्स को देखकर उन्होंने छात्रों की सराहना की और उन्हें नवाचार जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया।कक्षा में पहुंचकर मुख्यमंत्री ने छात्रों से विद्यालय और उनकी शिक्षा के बारे में चर्चा की। उन्होंने पूछा कि अटल आवासीय विद्यालय में आने के बाद उनके जीवन में क्या बदलाव आया है। छात्रों ने बताया कि अब उन्हें स्मार्ट क्लास में पढ़ने का अवसर मिल रहा है।

मुख्यमंत्री को भी स्कूल में गलती करने पर डांट पड़ी 
एक रोचक क्षण तब आया जब एक छात्र ने पूछा कि क्या मुख्यमंत्री को भी स्कूल में गलती करने पर डांट पड़ती थी। इस पर योगी आदित्यनाथ ने मुस्कुराते हुए कहा, "गलती अनजाने में हो जाए तो उसमें सुधार की गुंजाइश होती है, लेकिन बार-बार गलती को दोहराना नहीं चाहिए।"अटल आवासीय विद्यालय की स्थापना के पीछे के विचार पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना है। उन्होंने कहा, "यह जनता का ही पैसा है। सही हाथों में पैसा जाता है तो ऐसे ही सदुपयोग होता है जैसे आपके लिए इतना अच्छा विद्यालय बना है।"

ग्रुप फोटो खिंचवाई और सेल्फी
मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश में अब तक 16 अटल आवासीय विद्यालय बन चुके हैं और 2 निर्माणाधीन हैं। 57 अन्य जिलों में भी ऐसे विद्यालय बनाए जा रहे हैं। उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि अगर सही रास्ते पर चलोगे तो मंजिल मिलेगी, अगर गलत रास्ते पर चलोगे तो भटक जाओगे। कार्यक्रम के अंत में, मुख्यमंत्री ने छात्रों के साथ ग्रुप फोटो खिंचवाई और सेल्फी भी ली। उन्होंने छात्रों को प्रधानमंत्री मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का सुझाव दिया, जिनके नाम पर यह शैक्षणिक पहल शुरू की गई है।

 

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