Tricity Today | पूर्व भाजपा सांसद इलाज की गुहार लगाते रह गए
Lucknow News : केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश में योगी सरकार भले ही अच्छी चिकित्सीय सेवाओं का कितना ही ढिंढोरा पीटे, किन्तु सरकारी अस्पतालों की हालत बद से बदतर है। कहीं इलाज की बेहतर सुविधाएं नहीं तो कहीं कोई डॉक्टर पीड़ितों की सुनने को तैयार नहीं होता। हालात ये है कि प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित पीजीआई में भाजपा के पूर्व सांसद अपने बेटे के इलाज के लिए डॉक्टरों से गुहार लगाते रह गए और उनके सामने ही उनका जवान बेटा तड़प-तड़पकर दुनिया को अलविदा कह गया। आरोप है कि सांसद की इस गुहार को संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्वविज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में सुनने वाला कोई नहीं था। किसी ने उनकी बात पर ध्यान तक नहीं दिया। पूर्व सांसद का आरोप है कि उनके बेटे को अस्पताल में भर्ती करना तो दूर, किसी डॉक्टर ने आकर हाथ तक नहीं लगाया।
बेटे की मौत से व्यथित पूर्व सांसद इमरजेंसी में ही धरने पर बैठ गए। पीजीआई निदेशक और सीएमएस ने आकर मान-मनव्वल की, तब वह उठे और शव लेकर चित्रकूट चले गए। पूरे प्रकरण की जांच के लिए एसजीपीजीआई निदेशक डॉ. आर धीमान ने कमेटी गठित कर दी है।
किडनी की बीमारी से ग्रस्त था बेटा
चित्रकूट निवासी भैरो प्रसाद मिश्रा बांदा लोकसभा क्षेत्र से वर्ष 2014 में भाजपा के सांसद चुने गए थे। बेटे प्रकाश मिश्रा को गुर्दे की बीमारी थी। उनका पीजीआई में इलाज चल रहा था। शनिवार को तबीयत बिगड़ने पर रात करीब 11 बजे वह पीजीआई इमरजेंसी पहुंचे। पूर्व सांसद का कहना है कि इमरजेंसी में तैनात ईएमओ से बेटे को भर्ती करने के लिए कहते रहे, लेकिन किसी भी डाक्टर ने भर्ती करना तो दूर, बेटे को हाथ तक नहीं लगाया। एक घंटे तक तड़पने के बाद बेटे ने वहीं दम तोड़ दिया।
इमरजेंसी में ही धरने पर बैठे पूर्व सांसद
बेटे की मौत से दुखी पूर्व सांसद इमरजेंसी में ही धरने पर बैठ गए। पीआरओ सेल ने पूर्व सांसद के धरने पर बैठने की जानकारी निदेशक डा. आरके धीमान और सीएमएस डा. संजय धीराज को दी। दोनों आनन-फानन में इमरजेंसी पहुंचे। पूर्व सांसद ने उनसे भी ईएमओ पर बेटे को भर्ती न करने का आरोप लगाया। निदेशक के मामले की जांच कराने के आश्वासन के बाद पूर्व सांसद धरने से उठे और बेटे का शव लेकर चले गए।
जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित
संस्थान के निदेशक डा. आरके धीमान ने बताया कि मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। कमेटी में सीएमएस डा. संजय धीराज, चिकित्सा अधीक्षक डा. वीके पालीवाल और इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के प्रमुख डा. आरके सिंह शामिल हैं। 48 घंटे में कमेटी जांच कर रिपोर्ट देगी। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद कार्रवाई तय होगी।