Tricity Today | नोएडा में राहुल गांधी की गिरफ्तारी के वक्त हुई शर्मनाक घटना, पुलिस ने महिला कांग्रेस अध्यक्ष अमृता धवन के कपड़े फाड़े
गुरुवार को ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेस वे पर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हुई नोकझोंक और झड़पों के दौरान दिल्ली महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अमृता धवन के कपड़े फाड़ दिए गए। अमृता धवन ने इसके लिए गौतमबुद्ध नगर पुलिस पर आरोप लगाया है। अमृता धवन का कहना है कि इस प्रदर्शन के दौरान उनके साथ पुलिस कर्मियों ने अभद्रता की है और उनके कपड़े फाड़ डाले। दूसरी ओर गौतमबुद्ध नगर की पुलिस उपायुक्त (महिला मामले) वृंदा शुक्ला ने अमृता धवन के आरोपों का खंडन किया है। इस पूरे मामले की पड़ताल ट्राइसिटी टुडे ने की है।
अमृता धवन का फटे कपड़ों के साथ एक फोटो सोशल मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हो रहा है। कांग्रेस के तमाम पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने यह फोटो ट्विटर, फेसबुक और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर शेयर किया है। खुद अमृता धवन ने भी कमेंट करते हुए कई ट्वीट को रिट्वीट किया है। मामला सामने आने के बाद गौतमबुद्ध नगर पुलिस भी सक्रिय हुई है। पुलिस की ओर से महिला मामलों की पुलिस उपायुक्त वृंदा शुक्ला ने ट्वीट किया है। वृंदा शुक्ला ने ट्वीट में लिखा है, "गुरुवार को पूरे घटनाक्रम के दौरान वह खुद मौके पर उपस्थित थीं। बहुत सारी महिला पुलिस कर्मी ड्यूटी पर तैनात थीं। नोएडा पुलिस ने ऐसा कोई भी कार्य नहीं किया है, जो महिला की मर्यादा के विरुद्ध हो।"
इस मुद्दे पर ट्राइसिटी टुडे से बात करते हुए अमृता धवन ने कहा, "जिस कार में राहुल गांधी बैठे हुए थे, पुलिस वाले उस कार को हाईजैक करने की कोशिश कर रहे थे। हम लोग रोकने की कोशिश कर रहे थे। तभी ब्लैक कलर की जैकेट पहने हुए एक पुलिसकर्मी आई। उसने पहले मुझे लाठी मारी। मैंने उसे रोका और पूछा कि लाठी क्यों मार रही हो। लाठी मारने वाली कौन सी बात है। क्या हम लोग आतंकवादी हैं? इस पर वह महिला पुलिसकर्मी मुझे खींचकर पीछे की ओर ले गई और उसने मेरे कपड़े फाड़ दिए।"
अमृता धवन से गौतमबुद्ध नगर की महिला मामले देख रही पुलिस उपायुक्त वृंदा शुक्ला के खंडन वाले बयान पर बात की गई तो उन्होंने कहा, "डीसीपी वीडियो में खुद देख सकती हैं कि जिस वक्त हमें धकियाया जा रहा था, उन पुलिस वालों में महिला पुलिसकर्मी कितनी थीं और पुरुष कितने थे। 300-400 लोगों में अगर अगर आपको प्रदर्शन रोकना है तो पुलिस वालों को क्या कपड़े पकड़कर खींचने चाहिए? धरने प्रदर्शनों के दौरान शरीर को पकड़कर पीछे धकेला जाता है ना कि कपड़े पकड़कर खींचे जाते हैं। इन पुलिस वालों को बिल्कुल भी संवेदनशीलता और शर्म नहीं है कि महिलाओं से किस तरह बर्ताव किया जाता है। पता नहीं इन्हें किस तरह की ट्रेनिंग दी गई है।"
अमृता धवन ने बताया कि इत्तेफाकन इस घटनाक्रम का एक वीडियो उपलब्ध हो गया है। जिसमें यह पूरी घटना देखी जा सकती हैं। यह वीडियो राहुल गांधी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर पोस्ट की गई है। वह आगे कहती हैं, "वृंदा शुक्ला को बयान देने से पहले पूरे मामले में कम से कम बात तो कर लेनी चाहिए थी। सबसे बड़ी बात यह है कि मैं अपने साथ हुई शर्मनाक घटना के बाद अपने शरीर को ढकने की कोशिश करती या उस महिला पुलिसकर्मी को पकड़ने के लिए उसके पीछे दौड़ती। डीसीपी वृंदा शुक्ला महिला मामले देख रही हैं और उनके अंदर थोड़ी सी भी संवेदनशीलता नहीं है। अगर मेरा यह फोटो सोशल मीडिया पर आया है तो कोई बयान जारी करने से पहले उन्हें कम से कम मुझसे बात कर लेनी चाहिए थी।" अमृता धवन का कहना है कि वहां ऐसे कई गवाह मिल जाएंगे, जिन्होंने मुझे अपना तन ढकने के लिए अपनी चुनरी और कंबल दिया है।
इस वीडियो को देखने पर अमृता धवन के आरोपों में सच्चाई नजर आती है। अमृता धवन का कहना है कि उनके साथ अभद्रता करने वाली पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई की जनि चाहिए। उसने जानबूझकर उनके कपड़े फाड़े हैं। वह सुनियोजित तरीके से उन्हें खींचकर ले गई थीं। हालाँकि, इस मामले को लेकर अभी गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट की ओर से आधिकारिक बयान आने इन्तजार किया जा रहा है।
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