Bike Boat Scam : मास्टरमाइंड संजय भाटी को एक और बड़ा झटका, जानिए लाखों लोगों से अरबों की ठगी करने वाले कैसे छिपते घूम रहे हैं

नोएडा | 4 साल पहले | Rakesh Tyagi

Google Image | Bike Boat Scam के मास्टरमाइंड संजय भाटी को एक और बड़ा झटका



Noida Bike Boat Scam: जिला न्यायालय ने अरबों रुपये के बाइक बोट घोटाले के मुख्य आरोपी संजय भाटी को एक और बड़ा झटका दिया है। अदालत ने संजय भाटी के भाई सचिन भाटी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। आरोपी सचिन भाटी ने 19 मुकदमों में अग्रिम जमानत के लिए गौतमबुद्ध नगर न्यायालय में अर्जी दाखिल की थीं। अदालत ने उसकी सारी रजिया नामंजूर कर दी हैं। आरोपी के खिलाफ 50000 का इनाम घोषित है।

जिला न्यायालय के अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) धर्मेंद्र जयंत ने बताया, ग्रेटर नोएडा के चीती गांव के रहने वाले बाइक बोट कंपनी के सीएमडी संजय भाटी के भाई सचिन भाटी के खिलाफ भी दादरी कोतवाली में 57 मुकदमे दर्ज हैं। लेकिन वह अभी तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है। सचिन के ऊपर 50,000 रुपये का इनाम भी घोषित है। सचिन भाटी ने बाहर रहते हुए 19 मुकदमों में जिला न्यायालय में अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी। आरोपी सचिन भाटी की याचिकाओं पर जिला न्यायालय के विशेष न्यायाधीश वेद प्रकाश वर्मा की अदालत ने सुनवाई की। उसकी सभी अग्रिम जमानत  याचिकाओं को खारिज कर दिया है।

संजय भाटी की बनाई कई कंपनियों में हिस्सेदार है सचिन भाटी

सचिन भाटी ने इन मुकदमों में जमानत हासिल करने के लिए अदालत को गुमराह करने की कोशिश की। उसने खुद को निर्दोष बताया। अदालत से यह भी कहा कि उसके खिलाफ पुलिस ने जानबूझकर मुकदमे दर्ज किए हैं। पुलिस उसे गलत ढंग से फंसा रही है, लेकिन अभियोजन के सामने सचिन भाटी की एक नहीं चली। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता धर्मेंद्र जयंत ने अदालत को बताया कि सचिन भाटी अपने भाई की बनाई कंपनियों में साझीदार है। वह कई कंपनियों का डायरेक्टर भी है। एडीजीसी ने बताया कि मेरठ आर्थिक अपराध शाखा ने इस मामले की जांच की है। जिसमें साक्ष्य निकल कर सामने आए हैं। सचिन भाटी गर्वित इन्नोवेटिव प्राइवेट लिमिटेड (जीआईपीएल) में डायरेक्टर हैं। वह कंपनी में हिस्सेदार है। इसके अलावा प्रेरणा सर्विस प्राइवेट लिमिटेड, प्राईमैक्स ब्रॉडकास्ट प्राइवेट लिमिटेड और प्राईमैक्स प्लास्टिक प्राइवेट लिमिटेड में भी डायरेक्टर है। यह सभी कंपनियां जीआईपीएल कंपनी की सिस्टर कंपनियां हैं। जिससे साफ हो जाता है कि सचिन भाटी को इस पूरे घोटाले की अच्छी तरह जानकारी थी। बल्कि वह घोटाले को अंजाम देने में शामिल रहा है।

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