Noida/New Delhi : नोएडा के लिहाज से बड़ी खबर है। ग्रेटर नोएडा में कार्यरत स्मार्टफोन निर्माता कंपनी वीवो इंडिया के साथ चीनी सरकार खड़ी हो गई है। ताजा घटनाक्रम के मुताबिक चीन ने कहा है कि वह भारत में गिरफ्तार किए गए चीन की स्मार्टफोन निर्माता वीवो इंडिया के कर्मचारियों को कांसुलर सुरक्षा और सहायता मुहैया करेगा। चीन ने यह भी कहा है कि वह भारतीय बाजार में अपने चीनी बिजनसेस के वैध अधिकारों और हितों की रक्षा करते हुए उनके मजबूत समर्थन में खड़ा है। आपको बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चीनी कंपनी वीवो और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस के सिलसिले में वीवो इंडिया (Vivo India) के तीन अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। इससे पहले कंपनी के कई ठिकानों पर आयकर और ईडी ने रेड डाली थीं।
क्या कहती हैं चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग (Mao Ning) ने कहा कि हम वीवो मामले पर लगातार नजर बनाये हुए हैं। भारत में चीनी दूतावास और वाणिज्यिक दूतावास कानून के अनुसार सम्बंधित लोगों को सुरक्षा और सहायता देना जारी रखेंगे। हमको उम्मीद है कि भारत बिना भेदभाव किये दोनों देशों के बीच व्यापार सहयोग की प्रकृति को पहचानते हुए पारदर्शी और न्यायसंगत वातावरण बनाये रखेगा।
सीईओ पर मनी लॉन्ड्रिंग का अरोप
ग्रेटर नोएडा में स्थित वीवो इंडिया पर आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय ने रेड कर चार लोगों को गिरफ़्तार किया था। उनमें चीनी नागरिक गुआंगवेन, सीए नितिन गर्ग, राजन मालिक और लावा मोबाइल के मैनेजिंग डायरेक्टर हरिओम राय शामिल थे। यह सभी अभी न्यायिक हिरासत में हैं। इस प्रकरण में कार्रवाई करते हुए जांच एजेंसियों ने अब वीवो इंडिया के अंतरिम सीईओ हांग सुक्वान, सलाहकार हेमंत मुंजाल और सीईओ हरेंद्र दहिया को हिरासत में लिया है। वीवो इंडिया के तीनों अधिकारियों को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के प्रावधानों के तहत हिरासत में लिया गया है।