Noida News : शहर के बीचोंबीच सेक्टर-44 में नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) की करोड़ों रुपए की जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर रखा है। गुरुवार को नोएडा मीडिया क्लब (Noida Media Club) में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह सनसनीखेज खुलासा खुद आरोपियों के सगे भाई ने किया है। उसका कहना है कि कई बार गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन और नोएडा अथॉरिटी से शिकायत कर चुके हैं। कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। दूसरी ओर अवैध कब्जेदार प्राधिकरण की जमीन से सालाना लाखों रुपए कमा रहे हैं।
क्या है मामला
नोएडा के रहने वाले प्रताप सिंह चौहान ने गुरुवार को नोएडा मीडिया क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने बताया सेक्टर-44 में दबंगों का नोएडा प्राधिकरण की जमीन पर अवैध कब्जा है। नोएडा मीडिया क्लब में वादी प्रताप सिंह चौहान ने अपने सगे तीन भाइयों पर नोएडा प्राधिकरण की जमीन कब्जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, "मेरे सगे भाइयों ने सेक्टर-44 में अवैध रूप से नोएडा प्राधिकरण की जमीन पर मकान बना रखे हैं। कब्जा की गई जमीन की कीमत लगभग 44 करोड़ रुपये है। नोएडा प्राधिकरण और दादरी तहसील में शिकायत देने के बाद अभी तक नहीं कोई कार्रवाई नहीं की है।"
"आखिर कब चलेगा योगी का अवैध कब्जे पर बुलडोजर"
प्रताप सिंह चौहान ने सवाल खड़ा करते हुए कहा, "मैं लगातार अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ शिकायत कर रहा हूं। मेरा सवाल है कि आखिर अवैध कब्जों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बुलडोजर कब चलेगा। नोएडा प्राधिकरण के कर्मचारियों की इन दबंगों से मिलीभगत है।" सेक्टर-29 नोएडा मीडिया क्लब में अपने ही तीन भाइयों के खिलाफ प्रताप सिंह चौहान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मोर्चा खोला है। उन्होंने बताया कि उनके तीनों भाई नोएडा अथॉरिटी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए थे। सुप्रीम कोर्ट से मुकदमा जीतकर मुआवजा ले चुके हैं, फिर भी शहर के बीचोबीच नोएडा अथॉरिटी की करोड़ों रुपए की जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है। प्राधिकरण के अफसर आंखें मूंदकर बैठे हुए हैं।
जमीन से सालाना लाखों की हो रही कमाई
प्रताप सिंह चौहान ने बताया कि छलेरा सेक्टर-44 में नोएडा प्राधिकरण की जमीन पर होटल और मकान बनाए गए हैं। एक तरफ प्राधिकरण की करोड़ों रुपए की जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है। दूसरी तरफ इस जमीन से हर साल लाखों रुपए की कमाई हो रही है। तमाम शिकायतों के बावजूद प्राधिकरण के अफसर कार्यवाही नहीं करते हैं। प्राधिकरण के कर्मचारियों और कब्जा करने वालों के बीच मिलीभगत है। प्रताप सिंह चौहान ने यहां तक आरोप लगाया कि प्राधिकरण के कुछ कर्मचारी रिश्वत लेकर मामले को दबा रहे हैं। पूरे मामले को लेकर प्राधिकरण के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई। किसी से मसले पर बात नहीं हो पाई है। प्राधिकरण के पक्ष का इंतजार किया जा रहा है।