Noida News : पांच सेक्टरों में स्थित स्पोर्टस सिटी परियोजना के आवंटन और उसको बनाने में हुई गड़बड़ी की जांच करने लोक लेखा समिति की टीम आएगी। इस महीने के अंत तक टीम के आने की संभावना जताई जा रही है। सेक्टर-78, 79, 101, 150 और 152 में स्पोर्टस सिटी परियोजना 12-13 साल पहले लाई गई थी। कुल आवंटित भूखंड के 70 प्रतिशत हिस्से में खेल सुविधाएं, 28 प्रतिशत में ग्रुप हाउसिंग और बचे 2 प्रतिशत हिस्से में व्यावसायिक और संस्थागत संपत्ति से संबंधित चीजें विकसित की जानी थीं।
8643 करोड़ रुपये का घोटाला
इसके लिए सस्ते दामों पर बिल्डरों को जमीन दी गई। बिल्डरों ने मुनाफा कमाने के लिए आवासीय और व्यावसायिक चीजें बना दीं लेकिन खेल सुविधाएं विकसित नहीं की। इसके अलावा अन्य गड़बड़ियों को लेकर सीएजी ने प्राधिकरण के अन्य कामकाज की तरह स्पोर्टस सिटी की भी जांच की थी। इस परियोजना को लेकर 24 आपत्ति लगाते हुए 8643 करोड़ रुपये का घोटाला होना सामने बताया था। सीएजी की यह रिपोर्ट विधानसभा में रखे जाने के बाद अब लोक लेखा समिति फिर से आपत्तियों को लेकर प्राधिकरण अधिकारियों से जबाव-तलब कर रही है। इसको लेकर 26 मई और फिर इस महीने 7 जून को बैठक लखनऊ में हो चुकी है। इस बार हुई बैठक में प्राधिकरण दो सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा था।
तारीख का ऐलान बाकी
अधिकारिक सूत्रों की मानें तो सात जून को हुई बैठक में स्टेटस रिपोर्ट देखने के साथ-साथ लोक लेखा समिति के सदस्यों ने भी खुद मौके पर आकर जांच करने की बात कही। इस बारे में नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि समिति के सदस्यों का आना प्रस्तावित है लेकिन कब आएंगे, अभी यह तय नहीं है।
तत्कालीन अफसरों पर कार्रवाई के संकेत
लोक लेखा समिति की स्पोर्टस सिटी को लेकर दो बार बैठक हो चुकी है। अगली बैठक के बाद स्पोर्टस सिटी परियोजना के आवंटन में गड़बड़ी करने और आवंटन के बाद भी नियमों का पालन नहीं करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई के संकेत दिए हैं। संभावना जताई जा रही है कि अगले दो-तीन महीने के अंदर इसके लिए जिम्मेदार अफसरों पर एफआईआर दर्ज हो सकती है।