Noida News : उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में पिछले माह आग लगने से दस नवजात शिशुओं की मौत के बाद गौतमबुद्ध नगर का दमकल विभाग बेहद सतर्क हो गया है। इस घटना को ध्यान में रखते हुए दमकल विभाग ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा के अस्पतालों का निरीक्षण शुरू किया। निरीक्षण के दौरान 188 से अधिक अस्पतालों में से 50 से अधिक अस्पतालों में अग्निशमन की व्यवस्थाओं में खामियां पाई गईं। विभाग ने इन अस्पतालों के प्रबंधन को नोटिस जारी कर आग से बचाव के उपायों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। यदि निर्धारित समय में सुधार नहीं किया गया तो संबंधित विभाग के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी।
अस्पतालों के प्रबंधन को जारी किए गए नोटिस
गौतमबुद्ध नगर दमकल विभाग द्वारा किए गए इस फायर सेफ्टी ऑडिट में जिला अस्पताल, चाइल्ड पीजीआई और ईएसआईसी अस्पताल जैसी प्रमुख संस्थाएं शामिल थीं। इन अस्पतालों में आग बुझाने की मशीनरी में मामूली खामियां पाई गईं। विभाग ने अस्पतालों के प्रबंधन को इन खामियों के बारे में जानकारी दी और संबंधित सुधारात्मक उपायों को लागू करने के लिए नोटिस जारी किए। इस दौरान, यह भी सुनिश्चित किया गया कि निकासी की व्यवस्था, एग्जॉस्ट फैन और हाइड्रेंट पाइप्स सही तरीके से काम कर रहे हों।
पिछले साल भी लगभग 80 अस्पतालों में सामने आई थीं खामियां
जांच प्रक्रिया का हिस्सा रहे अधिकारियों ने अस्पतालों में लगी आग से बचाव की सभी व्यवस्थाओं की बारीकी से समीक्षा की। पिछले वर्ष भी 188 अस्पतालों का फायर सेफ्टी ऑडिट किया गया था, जिसमें करीब 80 अस्पतालों में खामियां सामने आई थीं। विभाग को शासन से निर्देश मिले हैं कि अस्पतालों में आग से बचाव के लिए लगाए गए उपकरणों की नियमित जांच की जाए, और उन सभी अस्पतालों में फायर अलार्म, निकासी मार्ग, और बिजली के तारों की स्थिति की समीक्षा की जाए। इसके अलावा, इन उपकरणों की समय-समय पर जांच और मॉकड्रिल कराने का भी आदेश दिया गया है।
निर्देशों की अवहेलना की तो होगी कड़ी कार्रवाई
गौतमबुद्ध नगर के दमकल विभाग के अधिकारियों के अुनसार, निजी अस्पतालों की निगरानी को सख्त कर दिया गया है। शासन द्वारा निर्देशित किया गया है कि अस्पतालों को चेकलिस्ट दी गई है, जिसमें आग से बचाव के उपायों के साथ-साथ, आग बुझाने के उपकरणों की जांच, वॉर्ड के बाहर नोटिस बोर्ड पर सावधानियों को दर्ज करने जैसे उपायों की पुष्टि की जाए। विभाग ने यह भी निर्देशित किया कि यदि किसी अस्पताल ने इन निर्देशों की अवहेलना की तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।