Tricity Today | पूर्व मंत्री नवाब सिंह नागर ने ठोका दावा
Noida News : लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) को लेकर दिल्ली से जिलों तक तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। खासतौर से सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के नेता सबसे ज्यादा सक्रिय हैं। गौतमबुद्ध नगर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए कई दावेदार हैं, लेकिन सबसे गंभीर नाम पिछले दो-तीन दिनों में उभरकर सामने आया है। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके नवाब सिंह नागर ने लोकसभा चुनाव लड़ने की दावेदारी पेश की है। वह पूरे संसदीय क्षेत्र में वॉल पेंटिंग करवा रहे हैं। 'ट्राईसिटी टुडे' ने उनसे बातचीत की। उन्होंने कहा, "मेरे समर्थकों का दबाव है। मुझे लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए दावेदारी पेश करने को कहा जा रहा है। अगर भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व अवसर देगा तो मैं चुनाव जरूर लडूंगा।"
दादरी से दो बार विधायक रहे नवाब सिंह
नवाब सिंह नागर का भारतीय जनता पार्टी में लंबा पॉलिटिकल करियर है। छात्र जीवन के तुरंत बाद वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए। उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और कल्याण सिंह जैसे दिग्गज नेताओं के साथ काम करने का मौका मिला। नवाब सिंह नागर गौतमबुद्ध नगर की ऐतिहासिक दादरी विधानसभा सीट से दो बार वर्ष 1996 और 2002 में विधायक चुने गए। वह 2002-2007 के बीच गठबंधन सरकारों में सिंचाई राज्यमंत्री रहे थे। इसके बाद उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती बड़ी ताकत बनकर उभरीं। मायावती मूल रूप से दादरी विधानसभा क्षेत्र के गांव बादलपुर की रहने वाली थीं। लिहाजा, वर्ष 2007 और 2012 के विधानसभा चुनावों में नवाब सिंह नागर को लगातार दो बार हार का सामना करना पड़ा। नवाब सिंह नागर और अटल बिहारी वाजपेयी (File Photo) सदन, सरकार और संगठन का अनुभव
नवाब सिंह नागर को सदन सरकार के साथ-साथ संगठन में भी काम करने का लंबा अनुभव है। नवाब सिंह नागर उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने यूपी भाजपा के अध्यक्ष महेंद्रनाथ पांडेय और स्वतंत्र देव सिंह के साथ बतौर उपाध्यक्ष काम किया है। इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के पिछड़ा मोर्चा और किसान मोर्चा में विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं। नवाब सिंह नागर ने वर्ष 1981 में अटल बिहारी वाजपेयी की मौजूदगी में भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा था। उससे पहले वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता थे। तब गौतमबुद्ध नगर जिला नहीं था। नोएडा और दादरी गाजियाबाद जिले का हिस्सा हुआ करते थे।
सत्ता में रहकर जनता के लिए काम किया
सरकार में रहते हुए उन्होंने आम आदमी के लिए कई बड़े काम किए। प्राधिकरणों से भूमि अधिग्रहण के सापेक्ष उन्होंने मुआवज़ा बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। नागर ने अपने कार्यकाल के दौरान किसानों को भूमि अधिग्रहण के सापेक्ष आबादी भूखंड दिलाने की व्यवस्था लागू करवाई थी।
जनता के साथ खड़े होकर लड़े, कई बार गए जेल
उत्तर प्रदेश में जब 2017 में योगी आदित्यनाथ सरकार बनी तो नवाब सिंह नागर को उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। वह दर्जा प्राप्त मंत्री रहे। पिछले दिनों ही उनका कार्यकाल समाप्त हुआ है। नवाब सिंह नागर के नाम कई राजनीतिक उपलब्धियां दर्ज हैं। नवाब सिंह ने शहर के नागरिकों को डीएनडी टोल कंपनी से मुक्ति दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनके नेतृत्व में करीब एक साल तक टोल कंपनी के खिलाफ आंदोलन चला था। अंततः नवाब सिंह नागर इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और अदालत ने टोल कंपनी के खिलाफ फ़ैसला सुनाया। वर्ष 1997 में गौतमबुद्ध नगर नया जिला बना था। जब राज्य में मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने गौतमबुद्ध नगर जिला भंग कर दिया। राज्य सरकार के ख़िलाफ़ नवाब सिंह नागर के नेतृत्व में बड़ा आंदोलन हुआ। यह मामला भी सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा और अदालत ने गौतमबुद्ध नगर ज़िले को बहाल करने का आदेश सुनाया था। इस दौरान उन्हें जेल जाना पड़ा था। नवाब सिंह नागर ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में किसानों के हकों में कई लंबी लड़ाई लड़ी हैं। समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान बतौर विधायक नवाब सिंह नागर जेल भेजे गए थे। खास बात यह थी कि ग़ाज़ियाबाद की डासना जेल तभी शुरु हुई थी। दादरी में रेलवे रोड टूटी थी। जनता ने नवाब सिंह नागर को धरने पर बुलाया। पुलिस ने उन्हें गिरफ़्तार कर लिया। नवाब सिंह नागर का नाम डासना जेल के शुरुआती बंदियों शामिल हो गया। नवाब सिंह नागर ने बादलपुर किसान आंदोलन, घोड़ी-बछेड़ा किसान आंदोलन और भट्टा-पारसौल किसान आंदोलन में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
हर जाति में स्वीकार्यता, कोई विरोध नहीं
नवाब सिंह नागर सौम्य स्वभाव और नरमदिल नेता के रूप में पहचान रखते हैं। खास बात यह है कि वह किसान परिवार से हैं। भारतीय जनता पार्टी में शीर्ष स्तर तक नवाब सिंह नागर की मजबूत पकड़ मानी जाती है। गौतमबुद्ध नगर की हर जाति में उनकी स्वीकार्यता है। नवाब सिंह ब्राह्मण, ठाकुर और गुर्जरों में बराबर लोकप्रिय हैं। गौतमबुद्ध नगर सीट के शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में उनके प्रशंसक हैं। भाजपा के पुराने नेता और कार्यकर्ता खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। ऐसे में अगर भाजपा नवाब सिंह नागर को मैदान में उतारती है तो सकारात्मक संदेश जाएगा। नवाब सिंह नागर ने स्पष्ट कहा है कि वह इस बार लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। वह पार्टी से टिकट मांगने वालों में शामिल रहेंगे।