गौतमबुद्ध नगर में पंचायत चुनाव का हाल गजब है। मतगणना संपन्न हुए 24 घंटे बीतने को हैं, लेकिन अब तक जिला प्रशासन ने परिणामों की आधिकारिक घोषणा नहीं की है। मीडिया को भी चुनाव परिणाम के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। ऐसा पहली बार देखने को मिला है कि मतगणना के पूरे वक्त मीडिया को कोई जानकारी या सूचना मुहैया नहीं करवाई गई। हालात ऐसे हैं कि जिले में तैनात चुनाव प्रेक्षक को भी रिपोर्ट नहीं भेजी गई है। जिम्मेदार अफसरों को फोन किए जा रहे हैं। कोई जवाब नहीं दे रहा है। पता चला है कि मतगणना कराने के बाद पूरा अमला चादर तानकर सो रहा है।
पूरे उत्तर प्रदेश में सबसे कम ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के निर्वाचन क्षेत्र गौतमबुद्ध नगर जिले में हैं। करीब 10 वर्ष बाद जिले में पंचायतों के चुनाव हुए हैं। चुनाव करवाने की जिम्मेदारी गौतमबुद्ध नगर के अपर जिला अधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी के कंधों पर है। पूरी चुनाव प्रक्रिया बीत गई, लेकिन मीडिया के साथ समन्वय नहीं किया गया। यह पहला चुनाव है, जिसमें एक बार भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की गई है। जिले में मतदाताओं की संख्या से लेकर नामांकन, मतदान और अब मतगणना के लिए आधिकारिक सूचनाएं पत्रकारों को उपलब्ध नहीं करवाई गईं। रविवार को सुबह मतगणना शुरू हुई। देर रात खत्म हो गई। किसी भी राउंड में जिला पंचायत के उम्मीदवारों को कितने वोट मिले, कोई सूचना मुहैया नहीं करवाई गई। अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मतगणना समाप्त हुए 24 घंटे से ज्यादा वक्त बीतने वाला है, अब तक भी आधिकारिक रूप से मीडिया को कोई जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई गई है।
दूसरी और पता यह भी चला है कि जिले में राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से तैनात किए गए ऑब्जर्वर भी जिला प्रशासन से सूचनाएं, रिपोर्ट और आंकड़े मांग रहे हैं। उन्हें भी आधिकारिक रूप से यह सारी चीजें नहीं भेजी गई हैं। एक और कोरोनावायरस का संक्रमण है। जिसके चलते पत्रकार सरकारी दफ्तरों का दौरा नहीं कर सकते हैं। ऐसे में चुनाव करवा रहे अफसर बिना किसी कम्युनिकेशन के अपना काम कर रहे हैं। इतना ही नहीं कई पंचायतों से मतगणना में गड़बड़ी करने की सूचनाएं भी आ रही हैं। इस बारे में भी कोई कुछ जानकारी नहीं दे रहा है। मुख्य विकास अधिकारी अनिल सिंह और अपर जिलाधिकारी से बार-बार संपर्क किया जा रहा है। कोई फोन उठाने के लिए तैयार नहीं है।