Greater Noida West : ग्रेटर नोएडा वेस्ट को बसाए हुए एक दशक से अधिक समय गुजर गए हैं। यहां पर लाखों की संख्या में लोग रहते हैं। जिनको हर रोज नोएडा और दिल्ली आना जाना होता है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट ना होने के कारण निवासियों को जाम से जूझना पड़ता है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोग काफी वर्षों से मेट्रो का इंतजार कर रहे हैं। एक बार फिर लोकसभा चुनाव-2024 से पहले ग्रेना वेस्ट में मेट्रो प्रोजेक्ट की हलचल तेज हो गई है। नोएडा मेट्रो ने एक बार फिर डीपीआर तैयार कर शासन को भेजने की तैयारी कर ली है। दूसरी ओर, ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासी अभी भरोसा करने के लिए तैयार नहीं हैं। इसको लेकर 'ट्राईसिटी टुडे' ने ग्रेनो वेस्ट के निवासियों से उनकी राय जानीं।
डबल इंजन सरकार, फिर भी 10 साल से पेंडिंग मेट्रो : अनिल चौधरी
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर-16 निवासी अनिल चौधरी ने कहा कि गौतमबुद्ध नगर के सांसद भारतीय जनता पार्टी के हैं। विधायक भी भारतीय जनता पार्टी के हैं। उत्तर प्रदेश में भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और केंद्र में भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। अब दुख की बात यह है कि इसके बावजूद मेट्रो की नींव नहीं रखी गई है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों से सिर्फ आश्वासन मिल रहे हैं। इस बेहद जरूरी परियोजना की पत्रावली प्राधिकरण, राज्य और केंद्र सरकार के बीच घूम रही है। अब एक बार फिर रूट में बदलाव कर ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों के साथ धोखा किया जा रहा है। यह रूट सेक्टर-51 से सीधा ग्रेटर नोएडा वेस्ट का होना चाहिए। इससे लोगों का सफर आसान होगा और मेट्रो प्रोजेक्ट में लागत भी काम आएगी।
जनता के लिए काफी दुख का विषय : दिनकर पांडे
निवासी दिनकर पांडे ने कहा कि जिले की जनता काफी समय से ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो का इंतजार कर रही है। मौजूदा समय में ग्रेटर नोएडा वेस्ट में 4 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं। उसके बावजूद ट्रांसपोर्ट की सुविधा नाममात्र की भी नहीं है। लोग अपनी निजी गाड़ियों से सफर करने को मजबूर हैं। पिछले काफी सालों से ग्रेटर नोएडा वेस्ट में मेट्रो चलने की जानकारी प्राप्त हो रही है। लेकिन, मेट्रो प्रोजेक्ट धरातल पर नहीं दिखाई दे रहा है। चुनाव से पहले निवासियों को मूर्ख बनाने का प्रयास किया जा रहा है। मुझे लगता है कि एक बार फिर सरकार बस लॉलीपॉप देकर चुनाव से पहले रिझाने की कोशिश कर रही है।
मेट्रो के नाम पर बेची गई प्रॉपर्टी : श्वेता भारती
ग्रेनो वेस्ट की निवासी और समाजसेवी श्वेता भारती का कहना है कि जब मैंने प्रॉपर्टी खरीदी थी, तब यहां पर मेट्रो की चर्चा काफी तेजी के साथ चल रही थी। बिल्डरों ने भी यही कहा था कि चंद सालों में यहां मेट्रो आ जाएगी। पिछले काफी समय से चर्चा थी कि कुछ सालों के भीतर मेट्रो चल जाएगी। हम सभी यह जानकर खुश थे कि योगी सरकार ने भी मेट्रो रूट को पास कर दिया है। अब केंद्र में जाने के बाद पीएमओ ने मेट्रो रूट को खारिज कर दिया है। यह काफी दुख का विषय है। नोएडा के सेक्टर-51 और पर्थला की तरफ से बड़ी संख्या में लोग ग्रेटर नोएडा वेस्ट आते-जाते हैं।
चूर हो गए निवासियों के सपने
निवासी मिहिर गौतम ने बताया कि सीएम योगी ने भी ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो को हरी झंडी दी थी। इसके लिए योगी सरकार रुपए देने के लिए तैयार थी, लेकिन केंद्र सरकार ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों के सपने को मिट्टी में मिला दिया है। पिछले काफी समय से ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो की रिपोर्ट केंद्र सरकार में पेंडिंग थी। पीएमओ की बैठक नहीं हो रही थी, जिसकी वजह से कोई अहम फैसला नहीं लिया गया। अंत में नवंबर-2023 में पीएमओ ने मेट्रो प्रस्ताव को खारिज कर निवासियों के सपने पर पानी फेर दिया। एक बार फिर मेट्रो चलने की कवायद शुरू हो गई है। लेकिन, केवल यह चुनावी जुमला है। जब तक नींव की खुदाई नहीं शुरू हो जाएगी, तब तक भरोसा करना मुमकिन नहीं है।